शब ए बारात आज : सच्चे मन से इबादत करने पर पूर्वजों के लिए जन्नत के द्वार खोलते हैं अल्लाह

🔲 शब ए बारात और शुक्रवार एक दिन

🔲 घरों में बनेंगे पकवान

हरमुद्दा
शुक्रवार, 18 मार्च। यह संयोग का दिन ही है कि शब ए बारात और शुक्रवार एक ही दिन है। आज की रात मुस्लिम धर्मावलंबी कब्रिस्तान में सच्चे मन से पूर्वजों की मगफिरत के लिए दुआ करेंगे। ऐसा करने से अल्लाह जन्नत के द्वार खोलता है। घरों में पकवान जैसे हलवा, बिरयानी, कोरमा आदि बनाया जाएगा। इबादत के बाद इसे गरीबों में बांटा जाएगा।

मोहम्मद इसहाक खान ने बताया कि मुस्लिम समुदाय के लिए शब-ए-बारात एक प्रमुख त्योहार है। इस त्योहार को मुस्लिम समाज द्वारा इबादत के पर्व के तौर पर मनाया जाता है। शुक्रवार और शब-ए-बारात एक ही दिन है। इस मौके पर लोग रात भर अपने घरों और मस्जिदों में इबादत करेंगे। कब्रिस्तानों में जाकर अपने और पूर्वजों के लिए अल्‍लाह से दुआ करेंगे।

खास रात में दुआ करने से होते हैं सारे गुनाह माफ

जमील अहमद खिलजी ने बताया कि इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार शब-ए-बारात का त्योहार शाबान महीने की 14वीं और 15वीं तारीख के मध्य रात को मनाया जाता है। शब-ए-बारात का त्योहार 18 से लेकर 19 मार्च को मनाया जाएगा। मान्यता है शब-ए-बारात में इबादत करने वाले लोगों के सारे गुनाह माफ हो जाते हैं। इसलिए लोग शब-ए-बारात में अल्लाह की इबादत करते हैं और उनसे अपने गुनाहों को माफ करने की दुआ मांगते हैं।

गुनाहों से बरी होने की है रात

मोहम्मद अंसार खान स्वादी ने बताया कि हिजरी कैलेंडर के अनुसार, शब-ए-बारात की रात हर साल में एक बार शाबान महीने की 14 तारीख को सूर्यास्त के बाद शुरू होती है। शब-ए-बारात का अर्थ है शब यानी रात और बारात यानी बरी होना।

अपने चाहने वालों का हिसाब किताब रखने आते हैं अल्लाह

इसरार रहमानी ने बताया कि इस्लामिक मान्यता के अनुसार इस रात को अल्लाह अपने चाहने वालों को हिसाब-किताब रखने के लिए आते हैं। इस दिन जो भी सच्चे मन से अल्लाह से अपने गुनाहों के लिए माफी मांगते हैं। अल्लाह उनके लिए जन्नत के दरवाजे खोल देता है। घरों में पकवान जैसे हलवा, बिरयानी, कोरमा आदि बनाया जाएगा। इबादत के बाद इसे गरीबों में बांटा जाएगा।

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