अजीबो गरीब मामला : भगवान बन गए इंसान, और उनके वंशज जमीनों के मालिक, 30 एकड़ बेश कीमती जमीन बाट ली चार हिस्सों में
⚫ श्रीराधा कृष्ण मंदिर के नाम से अभिलेखों में 30 एकड़ जमीन थी दर्ज
⚫ सरकारी दस्तावेजों में यह बड़ा खेल देखकर दंग रह गए कलेक्टर
⚫ किले को करना था पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित तो आई गड़बड़ी सामने
हरमुद्दा
डिंडौरी, 5 अप्रैल। जब वीरांगना रानी अवंती बाई के जमीदोज हो रहे रामगढ़ किले को पर्यटन स्थल विकसित करने के लिए पहल शुरू हुई तो एक मनमानी सामने आई। कलेक्टर भी सरकारी दस्तावेजों में यह बड़ा खेल देखकर दंग रह गए। कलेक्टर ने पूरे मामले की जब एसडीएम से जांच कराई तो बड़ी अनियमितता सामने आई है। क्योंकि भगवान को इंसान बना कर दस्तावेजों में उनके वंशज बनने का अजीबो गरीब मामला सामने आया है। राधा कृष्ण के पिता बन गए दिगंबर और बेशकीमती 3 एकड़ जमीन चार हिस्सों में बाट ली।
बताया गया है कि रानी के किला के पास स्थित श्रीराधा कृष्ण मंदिर के नाम से अभिलेखों में 30 एकड़ जमीन दर्ज थी। वर्ष 1964 तक यह जमीन श्रीराधा कृष्ण मंदिर के नाम से ही थी, लेकिन उसके बाद से राजस्व अमले ने अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर बड़ा खेल करते हुए श्रीराधा कृष्ण मंदिर का नाम खसरे से हटा दिया।
भगवान राधा कृष्ण के पिता बन गए दिगंबर
दस्तावेजों में भगवान श्रीराधा कृष्ण को इंसान बना दिया गया और उनके पिता का नाम दिगंबर दर्ज कर बेश कीमती जमीन चार हिस्सों में बांट दी गई। मामला सामने आने के बाद कलेक्टर के निर्देश में एसडीएम बलबीर रमण द्वारा दस्तावेजों में सुधार किया जा रहा है। बताया गया कि संबंधित जमीन की कीमत 2 करोड़ से अधिक की है। इस मामले में बताया गया कि जिन लोगों के नाम अभिलेखों में दर्ज हो गए थे, उनमें राधाकृष्ण पिता दिगंबर, भगवान पिता दिगंबर, सखाकार पिता दिगंबर, होशियार सिंह पिता दिगंबर का नाम है। संबंधित मंदिर के नाम से सात खसरे की जमीन है, जिसमे मनमानी की गई है।
प्रशासन बरत रहा है गंभीरता
मामला उजागर होने के बाद इसको लेकर आरोप-प्रत्यारोप के दौर भी शुरू होंगे। रानी अवंती बाई के महल रामगढ़ से जुड़ा मामला होने से इस मामले को लेकर प्रशासन भी पूरी गंभीरता बरत रहा है। गौरतलब है कि जिस संबंधित जमीन में खेल हुआ है, वह श्रीराधा कृष्ण मंदिर रानी अवंती बाई किला परिसर में ही है। छोटे से मंदिर के नाम से वर्षो पहले करोड़ों की जमीन थी, जिसे खुर्दबुर्द करने का प्रयास भी किया गया। कलेक्टर ने यह बड़ी मनमानी उजागर की है। प्रशासन द्वारा बड़ी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।
राधा कृष्ण से हटा दिया मंदिर और बन गए वंशज
बताया गया कि 1964 तक यह जमीन राधा कृष्ण मंदिर के नाम से थी। मंदिर का नाम हटाकर उसे व्यक्ति बनाते हुए चार लोग उनके वंशज बन गए और जमीन अपने नाम करा लिया। गौरतलब है कि कलेक्टर रत्नाकर झा द्वारा मंदिर ट्रस्ट की जमीनों को लेकर विशेष अभियान चला रहे हैं। अब तक उन्होंने जिले भर में आधा दर्जन से अधिक मंदिर की जमीन में की गई मनमानी पर कार्रवाई की है।
पर्यटन स्थल के रूप में करना था विकसित, और गड़बड़ी आई सामने
रामगढ़ किला परिसर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव भेजना था। जब जमीन के बारे में जानकारी ली गई और पुराने दस्तावेज देखे गए तो श्रीराधा कृष्ण मंदिर के नाम से अभिलेखों में 30 एकड़ से अधिक जमीन दर्ज थी। वर्तमान में दस्तावेज में संबंधित जमीन के चार लोग मालिक बन गए हैं। एसडीएम को मामले की जांच के निर्देश दिए गए हैं। जांच के बाद जमीन पुनः श्रीराधा कृष्ण मंदिर के नाम से दर्ज कराई जाएगी।
⚫ रत्नाकर झा, कलेक्टर, डिंडौरी