बालकों का बॉडीगार्ड है संरक्षण अधिनियम, पॉक्सो एक्ट पर हुई कार्यशाला

हरमुद्दा
रतलाम 28 मई। लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 बालक का बॉडीगार्ड है। यह अधिनियम ऐसे प्रत्येक बालक को जो 18 वर्ष से कम आयु का है। यौन उत्पीड़न यौनाचार और अश्लीलता से सुरक्षा प्रदान करता है। यह बात राज्य बाल आयोग के पूर्व सदस्य विभांशु जोशी ने कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में कहीं। श्री जोशी मंगलवार को लैंगिक अपराधों से बालकों के संरक्षण अधिनियम ब्रैकेट में पोक्सो एक्ट पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में उपस्थित थे।
कार्यशाला में कलेक्टर रुचिका चौहान, सीईओ जिला पंचायत सोमेश मिश्रा, अपर कलेक्टर निशा डामोर, महिला बाल विकास विभाग की सहायक संचालक सुश्री अंकिता पंड्या, जिला बाल संरक्षण समिति के सदस्य, चाइल्डलाइन के सदस्य पुलिस अधिकारी हॉस्टल वार्डन आदि उपस्थित थे।
दंड प्रावधानों की दी जानकारी
कार्यशाला में मुख्य वक्ता श्री जोशी ने पॉक्सो एक्ट के तहत अपराध तथा दंड के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने लैंगिक उत्पीड़न लैंगिक हमले ग्रुप पर लैंगिक हमले, प्रवेशन लैंगिक हमले, अश्लील साहित्य के प्रयोजनों के लिए बालक का उपयोग, मिथ्या शिकायत दुष्प्रेरण अपराध आदि की विस्तार से जानकारी दी। साथ ही उपरोक्त अपराधों में अधिनियम के अंतर्गत दंड प्रावधानों से अवगत कराया।
जिले में खंड स्तरीय कार्यशाला पर जोर
कलेक्टर ने अधिनियम को बेहद महत्वपूर्ण बताते हुए जिले में खंड स्तरीय कार्यशाला के आयोजन पर जोर दिया। कलेक्टर ने अधिनियम से जुड़े समस्त विभागों को इसके सभी बिंदुओं पर गहन अध्ययन और विचार-विमर्श के साथ क्रियान्वयन के निर्देश दिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *