कलेक्टर की कार्रवाई : प्रतिष्ठित चौरड़िया परिवार कारोबारी से होगी 83 करोड़ से अधिक की वसूली, चार लोगों के नाम हैं शामिल
⚫ ऋण अनुबंध शर्तों का उल्लंघन
⚫ सूचना के बावजूद अनुपस्थित रहे ऋण लेने वाले
⚫ राशि नहीं चुकाई, घर पर होगा कब्जा
⚫ कलेक्टर ने कार्रवाई के लिए दिए तहसीलदार को आदेश
हरमुद्दा
रतलाम, 29 जून। शहर के प्रतिष्ठित कारोबारी पर 83 करोड़ से अधिक की वसूली के आदेश कलेक्टर ने तहसीलदार को दिए हैं। सूचना देने के बावजूद ऋण लेने वाले चारों व्यक्ति अनुपस्थित रहे। इसलिए उनके विरुद्ध एक पक्षीय कार्रवाई की गई। तय समय पर रुपया नहीं चुकाने की स्थिति में कारोबारी परिवार के मकान पर कब्जा कर आवेदक को सौंपा जाएगा।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शहर के प्रसिद्ध कारोबारी इंदरमल समरथमल इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड निवासी चांदनी चौक, अजय मोतीलाल अग्रवाल निवासी साउथ तुकोगंज इंदौर, राजेंद्र कुमार समरथमल चौरड़िया निवासी 60 चांदनी चौक रतलाम, अजय कुमार ज्ञानचंद जैन निवासी पैलेस रोड रतलाम के विरुद्ध 83 करोड़ 5 लाख 74 हजार 353 की राशि वसूलने के एवज में मकान को आधिपत्य में लेने के आदेश कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी ने तहसीलदार को दिए हैं।
आवेदक ने किया है आधिपत्य दिलाने का अनुरोध
बताया गया है कि स्ट्रेस्ट्स एसेट्स स्टेबलाइजेशन फंड (एसएएसएफ) द्वारा अधिकृत अधिकारी तृतीय तल आईडीबीआई टावर डब्ल्यू टी सी कांप्लेक्स कफी पराडे मुंबई द्वारा आवेदन पत्र दिया गया था। आवेदन पत्र के तहत धारा 14 वित्तीय अस्तियों के प्रतिभूतिकरण एवं पुनर्गठन और प्रतिभूति हित प्रवर्तन अधिनियम 2002 सह पत्रों सहित द्वारा अधिवक्ता के माध्यम से प्रस्तुत किया है। इसके तहत उक्त चारों व्यक्तियों ने अनुबंध की शर्तों के अनुरूप ऋण राशि की वापसी नहीं की गई। इसलिए ऋण की राशि ब्याज एवं अन्य प्रभार सहित आवेदन संस्था में बंधक रखी गई संपत्ति भवन क्रमांक 26/226/ 73 चांदनी चौक रतलाम स्थित मकान जिसका क्षेत्रफल 303.22 वर्ग मीटर है। इसकी चतुर्सीमा पूर्व में चांदनी चौक मेन रोड, पश्चिम में सुतारी रोड, उत्तर में श्रीमती तारा देवी समरथमल चौरड़िया का मकान, दक्षिण में शामलाती गलियारा एवं उसके बाद श्रीमती शांतिदेवी का भाग स्थित है, का आधिपत्य दिलाने का अनुरोध किया गया है।
समय पर नहीं किया गया किस्तों का भुगतान
अनुबंध की शर्तों के अनुरूप ऋण की किस्तों का समय पर भुगतान नहीं किया गया। इस पर उनका खाता एनपीए वर्गीकृत किया गया। इसके बाद वित्तीय अस्तियों के प्रतिभूतिकरण एवं पुनर्गठन और प्रतिभूति हित प्रवर्तन अधिनियम 2002 की धारा 13 (2) के अंतर्गत दिवस की समय सीमा में मय ब्याज सहित जमा कराने के लिए सूचना पत्र जारी किया गया। उक्त अवधि पूर्ण हो जाने के बाद भी अनावेदक द्वारा राशि आवेदित बैंक में जमा नहीं की गई। इस स्थिति में धारा 13 (4) के अंतर्गत भौतिक आधिपत्य प्राप्त करने की कार्रवाई के वैधानिक अधिकार आवेदक संस्था को प्राप्त होते हैं।
विधिवत सूचना के बावजूद अनावेदक अनुपस्थित
खास बात यह है कि अनावेदक को उक्त प्रकरण में विधिवत सूचना पत्र जारी भी किया गया। इसके बाद भी चारों अनावेदक अनुपस्थित रहे। जिसका प्रकाशन समाचार पत्र में करवाया गया। प्रकाशन के उपरांत भी अनावेदक अनुपस्थित रहे। इसके पश्चात अनावेदक के विरुद्ध एक पक्षीय कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया है। कलेक्टर ने बंधक संपत्ति का आधिपत्य प्राप्त करने के आदेश तहसीलदार को दिए हैं। तहसीलदार कार्रवाई करते हुए आधिपत्य के दस्तावेज आवेदक को सौंपेंगे।