मुद्दे की बात : गांधी दर्शन और शरणम गच्छामि, उम्मीदवारों की नमामि नमामि

हेमंत भट्ट

जहां प्रदेश भर में नगर सरकार निर्वाचन का माहौल गरमाया हुआ है, वहीं भाजपा में भी आक्रोश का लावा टिकट वितरण के बाद से ही फूट रहा है, जो लोग उम्मीद लगाए बैठे थे, उनको ठेंगा दिखाया गया। यह बात उन्हें गले नहीं उतरी और उन्होंने बगावत का बिगुल बजा दिया ताकि वरिष्ठ उनकी बात सुने, लेकिन वरिष्ठ तो वरिष्ठ ही ठहरे। उन्होंने तो दो टप्पी बात रखी “निष्कासन, निष्कासन और निष्कासन”। जिन्होंने गांधी दर्शन में विश्वास व्यक्त किया, वह पार्टी के सम्मान व प्रत्याशी के समर्थन में शरणम गच्छामि हो गए। जो जनता की सेवा के लिए तत्पर रहे, वे मैदान में डट गए। अब मुकाबला ही करेंगे। ऐसे सभी लोगों का कहना है कि हम पार्टी से जुड़े हुए हैं, कोई बंधुआ मजदूर नहीं, हम तो अधिकार के लिए लड़ेंगे ही। ऐसे लोगों का मानना है कि पार्टी से व्यक्ति नहीं, व्यक्तियों से पार्टी होती है। इसी बीच भाजपा के जिलाअध्यक्ष ने भी दो टूक बात कह डाली कि जो पार्टी के पक्ष में है, उन्हें अंतिम मोहल्लत दे दी गई है। इसके बावजूद वह पार्टी के प्रति समर्पित नहीं रहे तो उन्हें 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया जाएगा।

पिछले 10 दिनों से शहर भर में प्रत्याशी मतदाताओं के बीच जा जाकर “नमामि नमामि” (नमस्कार) कर रहे हैं ताकि नगर निगम वार्ड पार्षद चुनाव में लोग ध्यान में रखें और उनको अपना मत दें। इसमें जनसंपर्क करने वाले उन प्रत्याशियों के लिए तो कोई दिक्कत नहीं है जिनकी नगर निगम में 15 साल से सरकार नहीं है, लेकिन खासी दिक्कत और मुसीबतों का सामना तो उन प्रत्याशियों को करना पड़ रहा है, जो भाजपा के बैनर पर चुनाव लड़ रहे हैं।

नगर सरकार की कार्यप्रणाली से नाराज मतदाता

शहर के कई क्षेत्रों में लोग खासे नाराज हैं। उनको मूलभूत सुविधा नहीं मिल रही है। ना पार्षद सुन रहे हैं। ना ही अधिकारी। कुछ लोग मुखर हो गए हैं तो कुछ अंदर ही अंदर विरोध जता रहे हैं। शहर के कई वार्ड में निर्दलीय प्रत्याशी पार्टी के प्रत्याशियों को पटखनी देने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। मतदाता भी ऐसे प्रत्याशियों के समर्थन में है। डेढ़ दशक से नगर सरकार बनी हुई भाजपा की कार्यप्रणाली से मतदाता काफी ना खुश नजर आ रहे हैं

कोई भी नेता और पार्षद वोट मांगने नहीं आए यहां

वार्ड 11 और 12 में लोगों ने तो ऐसे भी बोर्ड लगा दिए हैं कि अविकसित कॉलोनी है तो लोग भी अविकसित। कृपया यहां पर वोट मांगने न आए। हम किसी को कुछ नहीं दे सकते क्योंकि हमारे लिए कोई कुछ नहीं करता। ना सड़क है। ना स्ट्रीट लाइट है। ना पानी है। ना सफाई है। ना नालिया है। तो फिर आखिर किस बात के लिए अविकसित कॉलोनी के लोग वोट देने के लिए आएं। कस्तूरबानगर गृह निर्माण समिति, सुभाष गृह निर्माण समिति, तुलसी नगर, मनीष नगर के लोगों ने तो जो बोर्ड लगाया है, उस पर साफ-साफ लिखा है कि कृपया कोई भी नेता और पार्षद वोट ना मांगे।

प्रथम नागरिक का तमगा हासिल करने वाले जिम्मेदार तो मैदान में ही नहीं

आम मतदाताओं का चर्चा ही चर्चा में उनका रुझान नजर आने लगा है कि वे आखिर अब क्या चाहते हैं। बार-बार मौका देने के बावजूद भी आम जनता को मूलभूत सुविधा मुहैया नहीं कराने वाले शहर के प्रथम नागरिक का तमगा हासिल करने वाले जिम्मेदार तो मैदान में ही नहीं है। उनके दर्शन तो फोटो में भी नहीं हो पा रहे हैं। दोनों महिला महापौर तो दूर-दूर तक नजर नहीं आ रही है। उनके कार्यकाल के अधिकांश पार्षद भी दूरियां बनाए हुए हैं। आखिर वह भी मतदाताओं के बीच किस मुंह से जाएं और पार्टी के पक्ष में मतदान के लिए कैसे प्रेरित करें, क्योंकि उन्होंने कुछ किया ही नहीं है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *