रतलाम में भी जिम्मेदारों की लापरवाही : 26 में से केवल 7 के पास ही फायर सिस्टम एनओसी, 19 निजी अस्पताल संचालकों पर अधिकारियों का वरदहस्त
⚫ नगर निगम आयुक्त गहलोत ने किया निरीक्षण
⚫ 19 हास्पीटलों को फायर एनओसी हेतु नोटिस जारी
⚫ उन जिम्मेदारों पर प्रशासन क्या करेगा कार्रवाई
हरमुद्दा
रतलाम 2 अगस्त। जबलपुर के निजी अस्पताल में आग लगने की घटना के बाद रतलाम के जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही भी सामने नजर आई। शहर के 26 निजी चिकित्सालय में से केवल 7 चिकित्सालय के पास ही फायर सिस्टम एनओसी है। 19 निजी चिकित्सालय बिना फायर सिस्टम एनओसी के ही चल रहे हैं। जरूर इन पर जिम्मेदार अधिकारियों का वरदहस्त प्राप्त है। जो कि मरीजों की जान के साथ सरासर खिलवाड़ है।
सोमवार को जबलपुर के निजी अस्पताल में हुई आगजनी की घटना के बाद रतलाम नगर निगम आयुक्त अभिषेक गहलोत ने रतलाम के निजी चिकित्सालय का अवलोकन किया श्री गहलोत शास्त्री नगर स्थित रतलाम हॉस्पिटल निरीक्षण करने गए जहां पर उन्हें अव्यवस्था नजर आई।
दरवाजे को चौड़ा कर सुविधाजनक बनाने के लिए निर्देश
रतलाम हास्पिटल में फायर सिस्टम व फायर एनओसी के संबंध में जानकारी लेकर 3 दिनों में फायर एनओसी के लिए 3 दिन में ऑन लाईन आवेदन प्रस्तुत करने तथा बाहर निकलने वाले रास्ते एवं दरवाजे को सुविधाजनक बनाने के निर्देश दिए। संबंधित चिकित्सालयों के पास प्रोविजनल फायर एनओसी नहीं है किन्तु इस हेतु उन्होने कन्सलटेंट से एनओसी की पुरी तैयारी करवा ली है। निगम आयुक्त श्री गेहलोत ने निर्देश दिया कि वे बाहर निकलने वाले मार्ग व दरवाजे को चौड़ा कर सुविधाजनक बनाये।
19 निजी चिकित्सालयों को नोटिस
रतलाम नगर में 26 निजी हास्पीटल में से सिर्फ 7 चिकित्सालयों ने प्रोविजनल एनओसी प्राप्त की है। निगम द्वारा 19 चिकित्सालयों को नोटिस जारी कर 3 दिनों में प्रोविजनल फायर एनओसी प्राप्त करने के लिए ऑन लाईन आवेदन प्रस्तुत करने के लिए नोटिस जारी किया गया। लेकिन 19 हॉस्पिटल कौन-कौन से हैं जिन्हें जिन को नोटिस दिए गए हैं। उनकी सूची भी नगर निगम के जनसंपर्क विभाग द्वारा नहीं दी गई है। नोटिस देने वाले अस्पतालों के नाम घोषित हो जाएंगे इसलिए उनको बचाया भी जा रहा है।
सवालिया निशान
मुद्दे की बात तो यह है कि निजी चिकित्सालयों पर जिन अधिकारियों का वरद हस्त है और उन्होंने अब तक एनओसी प्राप्त नहीं की। वह आखिर किसकी शह पर मनमानी कर रहे थे। ऐसे अधिकारियों पर जिला प्रशासन क्या कार्रवाई करेगा? यह सवालिया निशान खड़ा हुआ है।