समता के मसीहा थे आचार्यश्री नानेश: समीक्षणाश्री जी
हरमुद्दा
रतलाम,5 जून। आचार्यश्री नानेश के जीवन से एक बात स्पष्ट थी उनकी कथनी करनी में हमेशा समानता रही। उन्होंने जो कहा,वे जीवन मे उसी मार्ग पर चले। उन्होंने जीवन मे विषमता को हटाकर समता भाव मे रमण किया।
यह बात महासतीश्री समीक्षणाजी म.सा.ने समता भवन पर आचार्यश्री नानेश की 99 वीं जन्म जयंती पर कही।उन्होंने कहा कि आज विश्व पर्यावरण दिवस है। इस पर हम एक पेड़ लगाते है। पेड़ इसलिए लगाते है कि वातावरण दूषित नहीं होगा, उसी प्रकार विषमता हटाकर समता का पेड़ लगाए, तो आपका मन दूषित नही होगा l महापुरुषों ने उजड़े उपवन को महकाया है। हम यदि उनके हजारों गुणों में से एक गुण ले लेंगे, तो जन्म जयंती मनाना सार्थक होगा।
तो निखर जाएगा जीवन
नवदीक्षित महासतीश्री निरामगन्धा जी म. सा. ने कहा कि जीवन मे तीन बातों जिनमें एस का महत्व है, समता, सहनशीलता ,सरलता को अपनाए, तो जीवन निखर जाएगा।
इन्होंने रखे अपने भाव
इस अवसर पर संघ अध्यक्ष मदनलाल कटारिया,पूर्व अध्यक्ष महेन्द्र गादिया, विनोद मेहता, महिला मण्डल अध्यक्ष सरोज पिरोदीया,मंत्री वीणा ढाबरिया, पुष्पा बहन बरडिया, समता बहु मण्डल अध्यक्ष पुजा छाजेड़, जुली पिरोदिया, मयूरी छाजेड़ प्रियंका खटोड़ आदि ने अपने भाव रखे l इसके बाद सामूहिक आयंबिल का आयोजन रखा गया। संचालन मंत्री सुशील गोरेचा ने किया।