सेहत सरोकार : महिलाएं रखें अपनी सेहत का ख्याल तो देश बनेगा बेमिसाल, यदि रही आलसी, तो परिवार में आएगी उदासी
⚫ विश्व मांगल्य सभा के बैनर तले हुई मातृ चिंतन कार्यशाला
⚫ महिलाओं की जांची सेहत, दी गई सलाह
⚫ किया सभी ने एक ही आह्वान, महिलाएं दें अपनी सेहत की तरफ ध्यान
हरमुद्दा
रतलाम, 30 अगस्त। मातृ चिंतन एवं महिला जनप्रतिनिधियों की स्वास्थ्य जागरूकता कार्यशाला आयोजित की गई। अतिथियों ने कार्यशाला में मौजूद महिलाओं से आह्वान किया कि वह अपनी सेहत का ख्याल रखें, तभी देश बेमिसाल बनेगा। यदि महिलाओं ने स्वयं के स्वास्थ्य के प्रति आलसी रुख अपनाया तो परिवार में उदासी को कोई नहीं रोक सकता। कार्यशाला में मौजूद सभी महिलाएं अपने आसपास की महिलाओं को सेहत के प्रति जागरूक करें। शहर, प्रदेश, देश की सभी महिलाओं से एक ही आवाज नहीं कि वे अपनी सेहत की तरफ ध्यान दें।
विश्व मांगल्य सभा के बैनर तले श्री कालिका माता परिसर स्थित धर्मशाला में आयोजित मातृ चिंतन कार्यशाला में सांसद गुमानसिंहजी डामोर, पद्मश्री डॉ. लीला जोशी, कार्यक्रम की सूत्रधार सूरज डामोर, विश्व मांगल्य सभा की वैशाली जोशी, पूजा पाठक, समाजसेवी डॉ. सुलोचना शर्मा, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास रजनीश सिन्हा, सहायक संचालक महिला बाल विकास विभाग रविंद्र मिश्रा, सहायक संचालक महिला एवं बाल विकास विभाग सुश्री अंकिता पंड्या, लेखा अधिकारी जिला पंचायत प्रीति डेहरिया, सरपंच जनपद सदस्य एवं पार्षद विशेष रूप से उपस्थित रहे।
उद्देश्यों पर डाला प्रकाश
कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ द्वीप प्रज्वलित कर किया गया। श्रीमती डामोर द्वारा आयोजित कार्यक्रम में विश्व मांगल्य सभा के उद्देश्यों को एवं कार्यक्रम की रूपरेखा को विस्तारपूर्वक समझाया। महिलाओं को अपनी सेहत के प्रति जागरूक रहना होगा इसके साथ ही परिवार के मुखिया को भी ध्यान देना होगा कि घर परिवार में महिलाएं सेहतमंद रहे। अपने कार्य को हुए घर परिवार की महिलाओं की सेहत के प्रति भी अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन पुरुष वर्ग करें, ताकि बड़ी समस्या को आने से रोका जा सके।
सेहत की हुई जांच
कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपस्थित महिला जनप्रतिनिधियों की स्वास्थ्य जांच की जाकर बीपी, शुगर, हिमोग्लोबिन, बीएमआई तथा बूस्टर डोज भी लगाया गया। कार्यक्रम में विशेष सहयोग अनिल जैन परियोजना अधिकारी मबावि, अर्चना माहौर परियोजना अधिकारी मबावि एवं बाल सत्यनारायण सहायक वर्ग 1 मबावि, यशोदा राजावत का रहा। संचालन सीमा अग्निहोत्री ने किया।
स्त्रियों के विकास के लिए करें कार्य
मातृशक्ति ही राष्ट्र शक्ति है। आप अपनी शक्ति को पहचाने एवं स्त्रियों के संपूर्ण विकास के लिए अधिक से अधिक कार्य करें। और यह तभी संभव होगा जब आपकी सेहत बेहतर रहेगी। सेहत के प्रति अनदेखी बिल्कुल ना करें।
⚫ गुमान सिंह डामोर, सांसद, रतलाम झाबुआ संसदीय क्षेत्र
महिलाओं को स्वयं अपने स्वास्थ्य के प्रति विशेष ध्यान देने की आवश्यकता
यदि माता स्वस्थ होती है, तभी उसकी संतान स्वस्थ हो पाती है। सबसे पहले माता के स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखना होगा। महिलाओं को स्वयं अपने स्वास्थ्य के प्रति विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। परिवार में यदि महिला की सेहत बिगड़ती है तो पूरा परिवार परेशान हो जाता है। महिलाएं ही परिवार की धुरी होती है।
⚫ पद्मश्री डॉ. लीला जोशी, समाजसेविका
उनकी माता कितनी होगी महान
भारतीय इतिहास के वीर योद्धाओं एवं महान विभूतियों के व्यक्तित्व की माताएं कितनी महान रही होगी। एक महान माता ही महान राष्ट्र का निर्माण कर सकती है। इसलिए इसलिए अपनी सेहत को नजरअंदाज ना करें। जरा सी तकलीफ हो तो तुरंत जांच करवा कर उपचार ले, ताकि समस्या आगे ना बढ़े और सेहत बनी रहे।
⚫ वैशाली जोशी, विश्व मांगल्य सभा, नागपुर
तभी होगा महान राष्ट्र का निर्माण
माता को स्वयं के बच्चों पर पूर्ण रूप से ध्यान देकर उनके चरित्र निर्माण में अहम भूमिका निभानी है जिससे कि महान राष्ट्र का निर्माण किया जा सके। महिलाओं की जिम्मेदारियां परिवार में सबसे अधिक होती है। यदि वह महिला ही स्वास्थ्य के प्रति कमजोर नजर आई तो परिवार भी कमजोरी की राह पर चल सकता है और बिखर सकता है।
⚫ पूजा पाठक, विश्व मांगल्य सभा, नागपुर
महिला स्वस्थ तो परिवार स्वस्थ
महिलाएं यदि वे स्वयं स्वस्थ रहेंगी, तभी वे अपने परिवार एवं अपनी संतति का पूर्णरूपेण ध्यान रख पाएंगी। महिला स्वस्थ रहेगी तो परिवार भी स्वस्थ रहेगा।
⚫ मनीषा शर्मा, अध्यक्ष, नगर निगम, रतलाम