समाज के स्वावलंबी बनने में ही राष्ट्र की उन्नति : बौद्धिक प्रमुख पाटीदार
⚫ 105 स्वयंसेवक पूर्ण गणवेश में निकले कदमताल करते हुए
हरमुद्दा
रतलाम, 4 अक्टूबर। किसी भी राष्ट्र की उन्नति समाज के स्वावलंबी बनने से ही होती है। समाज स्व को महत्व दे। स्व भाषा, स्व भूषा। व्यक्ति नौकरी पर निर्भर नहीं होते हुए, आत्मनिर्भर बने।
यह विचार विभाग बौद्धिक प्रमुख वीरेंद्र पाटीदार ने व्यक्त किए। श्री पाटीदार धानासुता में आयोजित पथ संचलन कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता मौजूद थे। मुख्य अतिथि शोभाराम परासिया उपस्थित थे।
संघ का मुख्य उत्सव है दशहरा
श्री पाटीदार ने कहा कि संघ के 6 उत्सव में से विजया दशमी एक मुख्य उसत्व है। विजयादशमी पर संघ की स्थापना हुई थी। ताकि समाज को संगठित करके राष्ट्र में जो चुनौतियां थी, उनका समाधान किया जा सके।
पथ संचलन का होगा जगह-जगह स्वागत
रविवार को शाखा सह संचलन की कड़ी में जिले के गांव धानासुता में संघ का संचलन निकला। ग्राम के मुख्य मार्गो से होता हुआ संचलन पुनः शाखा स्थल पर पहुँचा। जिसमे 105 स्वयंसेवक पूर्ण गणवेश में कदमताल करते हुए निकले। जगह-जगह फूलों से स्वागत हुआ।