प्रिंट समृद्ध वातावरण प्रशिक्षण पर छात्राध्यापकों ने बनाई सहायक शिक्षण सामग्री
⚫ जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान में हुआ कार्यशाला और प्रदर्शनी का आयोजन
हरमुद्दा
पिपलौदा, 11 नवंबर। वर्तमान में शिक्षकों के राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा संचालित प्रिंट समृद्ध वातावरण प्रशिक्षण पर आधारित सहायक शिक्षण सामग्री की कार्यशाला एवं प्रदर्शनी का आयोजन जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में किया गया। इसमें संस्थान के छात्राध्यापकों ने कक्षा 1 से 8 तक विभिन्न विषयों से संबंधित सहायक शिक्षण सामग्री का निर्माण कर उनका प्रदर्शन किया।
कार्यक्रम में सीएम राइज विद्यालय के प्राचार्य संजय शर्मा ने मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से रचनात्मकता तथा कार्यकौशल के लिए छात्राध्यापकों को प्रोत्साहित किया।
प्रभावी होता है शिक्षण सामग्री का उपयोग
कार्यक्रम में विचार व्यक्त करते हुए सीएम राइज के संजय भट्ट ने कहा कि बच्चों के स्तर, पूर्व ज्ञान तथा निश्चित उद्देश्य को निर्धारित कर सहायक शिक्षण सामग्री का उपयोग प्रभावी होता है। संस्थान के प्राचार्य डॉ. नरेन्द्र गुप्ता ने स्वागत भाषण देते हुए कार्यशाला के उद्देश्य तथा सहायक शिक्षण सामग्री की महत्ता को समझाया।
यह रहे मौजूद
कार्यशाला में जनपद शिक्षा केन्द्र के अकादमिक समन्वयक रामदयाल आंजना, सत्यनारायण राठौर, बालाराम चौहान, रामकृष्ण उपाध्याय, जनशिक्षक मोहनसिंह सोलंकी, अम्बाराम बोस, मुकेश राठौर आदि उपस्थित थे।
शिक्षण को रुचि पूर्ण बनाने में मदद मिलेगी शिक्षण सामग्री से
संस्थान की अलका आचार्य ने बताया कि संस्थान के छात्राध्यपकों ने बालगीत तथा बाल पाठ्य सामग्री का निर्माण किया है, इससे बच्चों के शिक्षण को रूचिकर बनाने में मदद मिलेगी। सहायक शिक्षण सामग्री की प्रदर्शनी में छात्राध्यापकों ने भाषा, गणित, पर्यावरण, विज्ञान तथा सामान्य जानकारियों से बच्चों को सरल ढंग से समझाए जाने की सामग्री का निर्माण स्थानीय संसाधनों से किया। संस्थान के छात्राध्यापकों ने स्पष्ट किया कि इन सामग्रियों के निर्माण से विषय की कठिनाईयों को दूर करने में मदद मिल सकेगी। प्राचार्य डॉ. गुप्ता ने कहा कि इस प्रकार की कार्यशालाओं तथा प्रदर्शनियों का आयोजन जिले के सभी विकासखंड में किया जाएगा, जिससे बच्चों के शिक्षण में शिक्षकों को सुविधा हो सके तथा शिक्षकों की रचनात्मकता सामने आ सके। संस्थान की संगीता भट्ट तथा सरस्वती धाकड़ भी उपस्थित रही। कार्यक्रम का संचालन राजेन्द्र राव भोगलेकर ने किया।