अपूर्व विज्ञान मेले का रजत जयंती वर्ष : हजारों विद्यार्थियों और शिक्षकों ने सरल रूप से सीखा विज्ञान सबक
⚫ मुख्य अतिथि नितिन गडकरी ने भेजा वीडियो संदेश
⚫ 14 राज्यों के 30 विज्ञान संचारी शिक्षकों का किया सम्मान
⚫ राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त विज्ञान शिक्षक गजेंद्र सिंह राठौड़ का भी हुआ अभिनंदन
हरमुद्दा
नागपुर/ रतलाम, 21 नवंबर। अपूर्व विज्ञान मेले के रजत जयंती समारोह में हजारों विद्यार्थियों एवं शिक्षक शिक्षिकाओं ने विज्ञान को सरल स्वरूप में सीखा और समझा। अनूठे विज्ञान मेले में शामिल हुए छात्र भविष्य में अच्छे वैज्ञानिक बन सकते हैं। विगत 25 साल से चल रहा यह विज्ञान मेला भविष्य के वैज्ञानिक निर्माण करने वाला अनूठा मंच बन चुका है। आयोजन के मुख्य अतिथि केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का स्वास्थ्य ठीक नहीं होने के कारण उन्होंने वीडियो संदेश भेजा जिसे सुनाया गया। आयोजन में देश भर के 14 राज्यों के 30 विज्ञान संचारी शिक्षक शामिल हो गए जिनका सम्मान किया गया। सम्मानित होने वालों में रतलाम के राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त विज्ञान शिक्षक गजेंद्र सिंह राठौड़ भी शामिल हैं। मेले में बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों से आए वरिष्ठ विज्ञान संचारक ने दर्शकों का मार्गदर्शन किया।
एसोसिएशन फॉर रिसर्च एंड ट्रेनिंग इन बेसिक साइंस एजुकेशन, नागपुर महानगर पालिका और विज्ञान प्रसार, भारत सरकार के संयुक्त तत्वावधान में अपूर्व विज्ञान मेला-2022 आयोजित हुआ। मंच पर अपूर्व विज्ञान मेले के फाउंडर सुरेश अग्रवाल, विज्ञान प्रसार (भारत सरकार) के डायरेक्टर डॉ. मुकुल पाराशर, एसओए यूनिवर्सिटी के प्रो-वाइस चांसलर डॉ. अमित बनर्जी, एसोसिएशन के कार्याध्यक्ष राजाराम शुक्ल व ब्रह्मानंद स्वाईं मौजूद थे। कार्यक्रम के अनुसार मुख्य अतिथि केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी थे लेकिन उनका स्वास्थ्य बिगड़ने के कारण वह नहीं आ पाए लेकिन उन्होंने अपना संदेश वीडियो के माध्यम से भेजा जिसे प्रसारित किया गया।
विज्ञान मेला से देश में बड़े साइंटिस्ट पैदा होंगे यह मेरा विश्वास : केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी
वीडियो संदेश में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि “खुशी है कि यह अपूर्व विज्ञान मेला का रजत जयंती वर्ष है। मुझे विश्वास है कि यह कार्य और आगे बढ़ता रहेगा। अपनी तरफ से मैं इस कार्य को शक्ति प्रदान करने का प्रयास करूंगा। जगदीशचंद्र बोस जैसे साइंटिस्ट छोटे-छोटे घरों से तैयार होंगे। इस विज्ञान मेला से देश के बड़े साइंटिस्ट पैदा होंगे, यह मेरा विश्वास है।
विज्ञान की सतत सेवाओं के लिए किया श्री राठौड़ को सम्मानित
अपूर्व विज्ञान मेले में रतलाम के गजेंद्र सिंह राठौर का पिछले 25 वर्षो में कम लागत की शिक्षण सामग्री सहित विज्ञान की अन्य विधाओं के जरिये प्रत्यक्ष और ऑनलाइन योगदान देने, उनकी सतत विज्ञान सेवाओ के लिए सम्मान किया। श्री राठौर भौतिकविद होकर वर्तमान में सी एम राईज विनोबा रतलाम में उप प्राचार्य है। विज्ञान मेला कार्यक्रम में रतलाम से विज्ञान शिक्षक अनिल मिश्रा भी उपस्थित थे।
⚫ मप्र और छत्तीसगढ़ के सर्वश्रेष्ठ विज्ञान संचारक का सम्मान।
⚫ 2016 मप्र के नवाचारी शिक्षक का पुरस्कार प्रथम स्थान राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान जबलपुर।
⚫ 2017 राष्ट्रपति पुरस्कार
कम लागत की शिक्षण सामग्री और एक्टिविटी बेस्ड लर्निंग
सम्मानित हुए विज्ञान संचारी शिक्षक श्री राठौड़ ने हरमुद्दा से चर्चा में बताया कि छोटे छोटे सैंकड़ो विज्ञान के प्रयोग आधारित कम लागत की शिक्षण सामग्री का विकास संवेग, ऊर्जा, न्यूटन के नियम, कोणीय संवेग की अवधारणा, रेक्टिफायर, वायुदाब, बरनोली प्रमेय सहित नवाचारी सामग्री का निर्माण, जिसे फेसबुक, वाट्सअप, यूट्यूब तथा ऑनलाइन अन्य प्लेटफॉर्म पर देखते है। रतलाम सहित कई अन्य जिलों को वीडियो स्कूल्स को पेन ड्राइव और डीवीडी में भी उपलब्ध कराए है।
इनको भी किया गया सम्मानित
कार्यक्रम में जे.एल.एम. विद्यापीठ (राजनांदगांव) के सुरजन और सुषमा सुरजन के साथ रघुदीप सिंह को सम्मानित किया गया। मनपा शालाओं की शिक्षिकाओं नीता गडेकर, नीलिमा अढ़ाऊ, दीप्ति बिस्ट, डॉ. मनीषा मोगलेवार, पुष्पा गावंडे, वंदना चव्हाण, सुनीता झरबडे के प्रयासों का भी जिक्र किया गया। मनपा शिक्षणाधिकारी राजेंद्र पुसेकर ने विभाग और मनपा शालाओं की ओर से एसोसिएशन के प्रति आभार व्यक्त किया। डॉ. नचिकेता शर्मा, धनंजय रावल ने विज्ञान मेला के साथ अपने अनुभव व्यक्त किए।
खास और अनुकरणीय बात यह भी
खास और अनुकरणीय बात यह है कि नागपुर के सभी विज्ञान शिक्षक हर शनिवार को मिलते हैं और विज्ञान प्रचार प्रसार की चर्चा करते हैं। सप्ताह भर में क्या किया, उस पर विचार विमर्श होता है। आगामी सप्ताह में क्या करना है, इसकी रूपरेखा भी बनाते हैं।