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उद्यमिता के माध्यम से रोजगार की असीम संभावनाएं

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⚫ शासकीय कला एवं विज्ञान महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. मिश्र ने कहा

⚫ सामाजिक उद्यमिता, संवहनीयता एवं ग्रामीण सहभागिता विषय पर हुई एक दिवसीय कार्यशाला

हरमुद्दा
रतलाम, 30 नवंबर। उद्यमिता के माध्यम से रोजगार की असीम संभावनाएं हैं। प्राध्यापकों को इसके लिए और अधिक प्रयास किया जाना चाहिए कि वे विद्यार्थियों को प्रेरित करें। एमजीएनसीआरई कार्यशाला के माध्यम से यह कार्य सराहनीय  एवं स्वागत योग्य है।

यह विचार शासकीय कला एवं विज्ञान महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. वाय. के. मिश्र ने व्यक्त किए। डॉ. मिश्र महाविद्यालय में सामाजिक उद्यमिता, संवहनीयता एवं ग्रामीण सहभागिता विषय पर केंद्रित कार्यशाला में प्राध्यापकों को संबोधित कर रहे थे। कार्यशाला में जिले के समस्त शासकीय एवं अशासकीय महाविद्यालय के प्राध्यापकों ने सहभागिता की।

कार्यशाला में मौजूद प्राध्यापक

लोगों को एक से अधिक कार्य करने की आवश्यकता : डॉ. शर्मा

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण शिक्षा परिषद, उच्च शिक्षा विभाग, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार एवं महाविद्यालय के आक्यूएसी सेल के कोलेब्रशन द्वारा हुई कार्यशाला में वर्ल्ड बैंक डॉ. विनोद शर्मा ने कहा कि कृषि में नई तकनीक के माध्यम से रूरल डेवलप पर फोकस करने की आवश्यकता है। आज के दौर में मल्टी वर्किंग में कमी देखने को मिलती है। लोगों को एक से अधिक कार्य करने की आवश्यकता है। एक आंकडे़ के मुताबित 2005 से महिलाओं की कृषि में भूमिका कम हो गई है। इसे और अधिक बढ़ाया जा सकता है।

सेल्फ हेल्प ग्रुप से विद्यार्थियों को स्वावलंबी बनाने की जरूरत : डॉ. रेड्डी

एमजीएनसीआरई के चीफ प्रोग्राम को-ऑर्डिनेटर डॉ. वी. रेड्डी ने कार्यशाला में संस्था के एक्शन प्लान के बारे में बताते हुए कहा कि सेल्फ हेल्प ग्रुप से विद्यार्थियों को स्वावलंबी बनाया जाए, ताकि वे आत्मनिर्भर भारत में अपना योगदान दे सकते हैं।

गतिविधियों के माध्यम से विद्यार्थियों को जागरूकता पर चर्चा

जिले के समस्त महाविद्यालयों के प्राध्यापकों से संवाद के माध्यम से उद्यमी संबंधी उपलब्ध संभावनाओं को देखते हुए और भी गतिविधियों के माध्यम से विद्यार्थियों को जागरूक करने पर चर्चा की गई।

यह थे मौजूद

जिले के विभिन्न महाविद्यालयों के 48 प्राध्यापकों डॉ. पी.सी. पाटीदार, डॉ. के. आर. पाटीदार, डॉ. रियाज मंसुरी, प्रो. मुकेश इवने, प्रो. विजेंद्र सोलंकी, डॉ. शोभा राठौर, डॉ. सौरभ गुर्जर, डॉ. अर्जुन सिंह पंवार, डॉ. विजयेंद्र श्रीवास्तव आदि ने सहभागिता की।
संचालन कार्यशाला को-ऑर्डिनेटर डॉ. संजय आटेड़िया ने किया। आभार आईक्यूएसी प्रभारी एवं कार्यक्रम संयोजक डॉ. भावना देशपांडे ने माना।

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