बच्चों को समय पर संस्कार नहीं मिले, तो बिखराव की स्थिति बन जाएगी-घनश्यामाचार्य जी
हरमुद्दा
रतलाम,15 जून। जालरिया पीठ डीडवाना के आचार्य परम पूज्य रामानुजाचार्य स्वामी 1008 श्री घनश्यामाचार्य जी महाराज अल्प प्रवास पर शनिवार को रतलाम पहुंचे। पूर्व महापौर शैलेंद्र डागा के निवास पर उनका स्वागत किया गया। स्वामीजी इस मौके पर कहां की बच्चों को संस्कार देना जरूरी है। बच्चे संस्कारित नहीं होंगे, तो समाज मे बिखराव की स्थिति बन जाएगी।
स्वामीजी का श्री डागा के निवास पर पहुंचने पर आरंभ में आदित्य डागा, अर्चित डागा, टीना डागा, राधा डागा,आदिति, आराध्य, राघव एवं आराध्य डागा ने आरती उतारकर पुष्पमालाओं से स्वागत किया। इस दौरान कमलेश अग्रवाल, पवन सोमानी, प्रदीप उपाध्याय, अशोक यादव, हरिशंकर शर्मा, नरेंद्र बाहेती,पप्पू भंसाली, नंदकिशोर शर्मा एवं जितेंद्र जाटव ने भी स्वामीजी का स्वागत कर आशीर्वाद प्राप्त किया।
भक्ति में सभी लगाएं मन
आशीर्वचन में स्वामीजी ने कहा कि भगवान की भक्ति में सबको मन लगाना चाहिए। मन स्थिर रखें और परिवार के बच्चों को संस्कारित करें। आज के भौतिकवादी युग में अच्छा संस्कार ही काम आएगा, अन्यथा यदि बच्चे संस्कारित नहीं हुए,तो समाज बटते देर नहीं लगेगी।
संस्कार करते हैं बेहतर भविष्य का निर्माण
उन्होंने कहा समाज को एक रखने के लिए समस्त हिंदू समाज भाईचारे एवं सेवा भाव से रहे। हमारा मन बहुत चंचल होता है और अनावश्यक रूप से काल्पनिक सपने, लालच और मोह-माया में फंसा रहता है। इस स्थिति में बच्चों को बचपन से ही अच्छे संस्कारों से युक्त करना जरूरी है। हमारी भारतीय संस्कृति आदिकाल से इसी संस्कारित परंपरा पर टिकी हुई है। संस्कार बेहतर भविष्य का निर्माण करते हैं। इस अवसर पर गोष्ठी प्रसादी का वितरण भी किया गया। पूर्व महापौर श्री डागा ने सबको धन्यवाद ज्ञापित किया।