अधिकारियों की लापरवाही : रॉयल्टी के करोड़ों रुपए लेने में नकारा बने हैं  अधिकारी, 21 करोड़ से अधिक की राशि है वसूलना सरकारी

⚫ ठेकेदारों से रिश्तेदारी नहीं निभाए अन्यथा कार्रवाई के लिए रहे तैयार

⚫ ठेकेदारों से खनिज रॉयल्टी वसूली में रुचि नहीं अधिकारियों में

हरमुद्दा
रतलाम, 16 जनवरी। निर्माण विभागों के अधिकांश कार्यपालन यंत्रियों द्वारा ठेकेदारों से रॉयल्टी वसूली में रुचि नहीं ली जा रही है अथवा बाजार भाव के अनुसार राशि वसूल नहीं की जा रही है। करोड़ों रुपए की राशि वसूलने में भी अधिकारी नकारा साबित हो रहे हैं। जिम्मेदार अधिकारी ठेकेदारों से रिश्तेदारी ना निभाए वरना सख्त कार्रवाई की जाएगी।

कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी

अधिकारियों की इस लापरवाही पर कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी सख्त नाराज हुए। जिले के सभी निर्माण विभागों के अधिकारियों की बैठक आयोजित की गई जिसमें कलेक्टर ने उन सभी अधिकारियों को चेतावनी दी जिनके द्वारा निर्माण विभागों में संलग्न ठेकेदारों से शासन के लिए रॉयल्टी वसूल नहीं की जा रही है।

रिश्तेदारी नहीं निभाई ठेकेदारों से

कलेक्टर ने सभी विभागों के लिए आगामी 31 जनवरी की समय सीमा निर्धारित की। उक्त समय सीमा में लक्ष्य अनुसार ठेकेदारों से खनिज रॉयल्टी वसूल की जाना है। कलेक्टर ने चेताया कि अधिकारी ठेकेदारों से रिश्तेदारी नहीं निभाए अन्यथा कार्रवाई के लिए तैयार रहें।

21 करोड़ से अधिक की राशि है वसूलना

बैठक में खनिज अधिकारी द्वारा बताया गया कि लोक निर्माण विभाग के ठेकेदारों से लगभग 5 करोड रुपए राशि वसूल की जाना है। इसी प्रकार पीएमजीएसवाई 2 करोड़, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा 50 लाख, पीआईयू 50 लाख, पीएचई 1 करोड, एमपीआरडीसी 1 करोड़, नगर निगम 2 करोड, ट्राइबल से 1 करोड़, मंडी 50 लाख, जल संसाधन 2 करोड़, हाउसिंग बोर्ड 5 करोड़ तथा आरडीए के ठेकेदारों से 1 करोड़ रुपए रॉयल्टी वसूली जाना है।

यह थे मौजूद

बैठक में जिला पंचायत की सीईओ जमुना भिड़े, निगमायुक्त हिमांशु भट्ट, लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री अनुरागसिंह, जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री खरत, आरईएस के धनोतिया, मंडी इंस्पेक्टर मुनिया, हाउसिंग बोर्ड के राजकुमार, पीएचए के गोगादे एवं पीआईयू, पीएमजीएसवाई आदि के अधिकारी उपस्थित थे।

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