इसे भूख कहें या डाका : मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना का लाभ लेने के लिए आयकर दाता सहायक शिक्षक ने किया आवेदन, दंपत्ति जाना चाहते थे द्वारका की यात्रा पर, फर्जीवाड़ा हुआ जगजाहिर

⚫ सहायक शिक्षक का बेटा है पुलिस अधीक्षक

⚫ कलेक्टर ने शिक्षक को किया निलंबित

हरमुद्दा
सतना, 24 जनवरी। इसे योजना का लाभ लेने की भूख है या जरूरतमंद की सुविधा पर डाका। लेकिन ऐसा हुआ है। आयकर दाता सहायक शिक्षक ने मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के लिए सपत्नीक आवेदन कर दिया। इतना ही नहीं शिक्षक का बेटा मुरैना का पुलिस अधीक्षक भी है। खास बात तो यह है कि 24 जनवरी को ही यात्रा शुरू होनी थी और मामले की पोल खुल गई। फर्जीवाड़ा जगजाहिर हो गया। फिलहाल शिक्षक की इस हरकत पर कलेक्टर ने उन्हें निलंबित कर दिया है।

मध्‍य प्रदेश मुख्‍यमंत्री तीर्थदर्शन यात्रा में फर्जीवाड़ा के मामले में मुरैना पुलिस अधीक्षक आशुतोष बागरी के पिता को निलंबित कर दिया गया है। प्रारंभि‍क जानकारी के अनुसार पुलिस अधीक्षक के पिता लालजी बागरी अपनी पत्‍नी के साथ मुख्‍यमंत्री तीर्थदर्शन यात्रा के तहत द्वारका जा रहे थे।

शासकीय कर्मचारी और आयकर दाता नहीं है पात्र

सहायक शिक्षक बागरी दंपत्ति

कलेक्‍टर और जिला मजिस्‍ट्रेट ने अपने आदेश में कहा है कि लालजी बागरी शासकीय माध्‍यमिक शाला मसनहा संकुल केन्‍द्र शासकीय उच्‍चतर माध्‍यमि‍क विद्यालय उत्‍कृष्‍ट रैगांव जिला सतना में सहायक शिक्षक हैं। उन्‍होंने अपनी पत्‍नी विद्या देवी के साथ द्वारका तीर्थ यात्रा का पंजीयन करवाया था, जबकि संबंधीजन शासकीय लोक सेवक हैं और आयकरदाता कर्मचारी हैं। मुख्‍यमंत्री तीर्थदर्शन योजना के अंतर्गत आयकर दाता को इस योजना का लाभ लेने की पात्रता नहीं है।

तथ्यों को छिपाकर योजना का लाभ लेने का प्रयास

बागरी ने इस यात्रा में जाने के लिए सक्षम स्‍वीकृति भी प्राप्‍त नहीं की और तथ्‍यों को छिपाकर गलत तरीके से इस योजना का लाभ उठाने का प्रयास किया। बागरी को निलंबन अवधि में मुख्‍यालय कार्यालय विकासखंड शिक्षा अधिकारी मैहर भेजा गया है।

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