मुद्दे ने पकड़ा तूल : मोहन भागवत के बयान से ब्राह्मण नाराज, उज्जैन महाकाल के पंडितों का कहना 24 घंटे में माफी मांगे, वरना उग्र आंदोलन, मुजफ्फरपुर में परिवाद दायर, देशभर में खासा आक्रोश

⚫ देशभर में सोमवार से ही सोशल मीडिया पर ब्राह्मण वर्ग खासा नाराज है। वहीं भाजपा और संघ के लोग चिकनी चुपड़ी बातें करने हुए मोहन भागवत को बचाने में वकालत करने लगे हैं। इसके साथ ही विपक्ष ने भी मोर्चा संभाल लिया है। भागवत के बयान को हथियार बनाकर एक तीर से दो निशाने लगाने की योजना बना ली है। इसके साथ ही संघ और भाजपा से जुड़े ब्राह्मण डैमेज कंट्रोल करने में जुट गए हैं।⚫

हरमुद्दा

मंगलवार 7 फरवरी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत ने ब्राह्मणों के खिलाफ जो बात कही इस मुद्दे ने तूल पकड़ लिया है देश भर में ब्राह्मण एक हो रहे हैं। उज्जैन महाकाल के पंडितों ने जहां 24 घंटे में माफी मांगने की बात कही है। वही मुजफ्फरनगर में एफ आई आर दर्ज की गई है। देशभर में सोमवार से ही सोशल मीडिया पर ब्राह्मण वर्ग खासा नाराज है। वहीं भाजपा और संघ के लोग चिकनी चुपड़ी बातें करने हुए मोहन भागवत को बचाने में वकालत करने लगे हैं। इसके साथ ही विपक्ष ने भी मोर्चा संभाल लिया है। भागवत के बयान को हथियार बनाकर एक तीर से दो निशाने लगाने की योजना बना ली है। इसके साथ ही संघ और भाजपा से जुड़े ब्राह्मण डैमेज कंट्रोल करने में जुट गए हैं।

आरआरएस प्रमुख मोहन भागवत के पंडित वाले बयान पर उज्जैन के पण्डे पुजारी नाराज हो गए है। चामुंडा माता मंदिर के पास हुई सर्व ब्राह्मण समाज की बैठक में भागवत से माफ़ी मांगने की मांग पंडितों ने की है। हिन्दू समाज को खंड खंड करने का आरोप भी लगाया। ब्राह्मण समाज के पदाधिकारिओं ने 24 घंटे में माफ़ी मांगने की बात कही। माफ़ी नहीं मांगने पर उग्र आंदोलन की चेतावानी भी दी है।

ब्राह्मण संगठित है अच्छी तरीके से जानता है आवाज उठाना

सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म पर ब्राह्मणों ने भागवत को घेरना शुरू कर दिया। पंडित राजेश त्रिवेदी ने कहा कि पूरा ब्राह्मण समाज भागवत के बयान से आक्रोशित है। उनका बयान समाज के खिलाफ है और हिन्दू समाज को खंड खंड करने वाला है। अगर उन्होंने 24 घंटे के अंदर माफ़ी नहीं मांगी तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। राजेश पंड्या ने कहा ब्राह्मण विरोधी बयान से आहत हम आहत है। क्या बिना ब्राह्मण के हिन्दू राष्ट्र की कल्पना की जा सकती है क्या। सुरेंद्र चतुर्वेदी ने कहा कि देश में आजकल ब्राह्मण को टारगेट किया जा रहा है ब्राह्मण समाज का मानना है हमने हमेशा मार्गदर्शन किया है। ब्राह्मण संगठित है। हम अपनी आवाज उठाना जानते है।

कोर्ट में परिवाद दायर

बिहार के मुजफ्फरपुर जिले की कोर्ट में प्रमुख मोहन भागवत के खिलाफ परिवाद दायर कराया गया है। सीजेएम कोर्ट में दर्ज ये परिवाद उनके मुंबई में की गई एक जातीय टिप्पणी के खिलाफ दर्ज कराया गया है। आर एस एस प्रमुख ने यह बयान संत रविदास की जयंती के मौके पर मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम में दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि जाति भगवान ने नहीं बनाई है। ये ब्राह्मणों की देन है।

इन धाराओं में दर्ज हुआ परिवाद

सीजेएम कोर्ट में आईपीसी की धारा 500, 501, 504, 505, 506 और 153 और 153(ए) के तहत परिवाद दर्ज कराया गया है। इसमें परिवादी सह अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने जाति को लेकर दिए गए उनके बयान को लेकर असहमति और नाराजगी जताई है। इस मामले में सुनवाई की अगली तारीख कोर्ट द्वारा 20 फरवरी को निर्धारित की गई ह। अधिवक्ता ने कोर्ट से इस मामले में करवाई करने की मांग की है और बताया कि जिस प्रकार से मोहन भागवत के द्वारा ही समुदाय विशेष में द्वेष भावना और तोड़ने की बात कही गई थी वह समाज के लिए घातक है।

तो हम आपको बोलेंगे विभीषण कानपुर में कहां ब्राह्मणों में

कानपुर में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर ब्राह्मण समाज में आक्रोश है। “मैं ब्राह्मण हूं महासभा” के बैनर तले कार्यकर्ता व पदाधिकारियों ने हनुमान चालीसा का पाठ किया। बोले “भय बिन होय न प्रीत” इसलिए हनुमान चालीसा के माध्यम से मोहन भागवत के अंदर भय पैदा करना चाहते हैं। आप भी ब्राह्मण हैं हम ब्राह्मण लोग आपको विभीषण बोलेंगे।

सद्बुद्धि के लिए हनुमान चालीसा

महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष दुर्गेश मणि त्रिपाठी ने कहा कि मोहन भागवत के बयान के बाद ब्राह्मणों के खिलाफ हिंसात्मक घटना हो सकती है। मोहन भागवत के बहुत बड़े प्लेटफार्म पर हैं और लाखों करोड़ों लोगों का नेतृत्व करते हैं। उनके द्वारा दिए गए बयान का विरोध कर रहे हैं। हनुमान चालीसा का पाठ हो रहा है। जिससे उनको सद्बुद्धि मिले। उन्होंने कहा कि मनुस्मृति भगवान ब्रह्मा के पुत्र ने लिखा है। किसी पंडित ने नहीं लिखा है। मनुस्मृति ईश्वर द्वारा लिखी गई है। जिसमें कहीं नहीं लिखा है कि पंडित का बेटा पंडित होगा। कर्म के हिसाब से विभाजन किया गया है।

नाराजगी भापकर बचाव कार्य शुरू

इस साल राजस्थान, मध्यप्रदेश, त्रिपुरा, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ और मिजोरम सहित नौ राज्यों में चुनाव होना है। आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भी ब्राह्मण वोट बैंक भाजपा के लिए महत्वपूर्ण है। लोकसभा चुनाव में केंद्र में लगातार तीसरी बार सरकार बनाने में भाजपा सबसे अधिक यूपी पर निर्भर है। यूपी में ब्राह्मण समाज की करीब 12 फीसदी से आबादी है। आगामी नगरीय निकाय चुनाव और लोकसभा चुनाव के मद्देनजर समाज की नाराजगी भांपकर संघ और भाजपा के नेताओं ने भागवत के बयान का बचाव किया है।

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