अनुकरणीय पहल : 14 फरवरी को “काऊ हग डे” मनाने का आह्वान, गाय को गले लगाने से आएगी भावनात्मक समृद्धि, ऐसा 1 दिन नहीं, करें हर दिन
⚫ भारतीय पशु कल्याण बोर्ड मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय, सरकार का नवाचार
⚫ पशु धन और जैव विविधता का प्रतिनिधित्व करती है गाय
हरमुद्दा
गुरुवार, 9 फरवरी। वैसे तो कुछ दशकों से विदेश के साथ देश में भी वैलेंटाइन डे मनाया जा रहा है। पश्चिम संस्कृति की प्रगति के कारण वैदिक परंपराएं लगभग विलुप्त हो रही है। ऐसे में अब भारतीय पशु कल्याण बोर्ड मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय, सरकार ने नवाचार करते हुए 14 फरवरी को “काऊ हग डे” के रूप में मनाने का आह्वान आम और खास लोगों से किया है। गाय को गले लगाने से भावनात्मक समृद्धि आएगी। ऐसा 1 दिन नहीं अभी तो हर दिन करना चाहिए।
भारतीय पशु कल्याण बोर्ड मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय, सरकार के सचिव डॉ. एस.के. दत्ता ने गत दिनों एक पत्र जारी करते हुए बताया कि यह सक्षम प्राधिकारी के अनुमोदन और पशुपालन और डेयरी विभाग, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के निर्देश पर जारी किया जाता है। हरमुद्दा से चर्चा में डॉक्टर दत्ता ने बताया कि एक दिन ऐसा करने का आह्वान किया है लेकिन हर दिन की यदि काऊ हग डे के रूप में शुरुआत करें तो भारतीय संस्कृति के लिए कारगर सिद्ध होगा।
भारतीय संस्कृति और ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है गाय
हम सभी जानते हैं कि गाय भारतीय संस्कृति और ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, हमारे जीवन को बनाए रखती है। पशु धन और जैव विविधता का प्रतिनिधित्व करती है। मानवता को सब कुछ प्रदान करने वाली माँ के समान पोषक प्रकृति के कारण इसे “कामधेनु” और “गौमाता” के रूप में जाना जाता है।
पश्चिमी सभ्यता ने भुला दिया भारतीय संस्कृति और विरासत को
समय के साथ पश्चिम संस्कृति की प्रगति के कारण वैदिक परंपराएं लगभग विलुप्त होने के कगार पर हैं। पश्चिमी सभ्यता की चकाचौंध ने हमारी भौतिक संस्कृति और विरासत को लगभग भुला दिया है।
गाय को गले लगाने से आएगी भावनात्मक समृद्धि
गाय के अपार लाभ को देखते हुए गाय को गले लगाने से भावनात्मक समृद्धि आएगी और हमारे व्यक्तिगत और सामूहिक सुख में वृद्धि होगी। इसलिए सभी गौ प्रेमी भी गौ माता के महत्व को ध्यान में रखते हुए 14 फरवरी को काऊ हग डे के रूप में मनाएं और जीवन को खुशहाल और सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर बनाएं।
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