शख्सियत हुई सम्मानित : प्रदेश की पाँच महिलाओं को मिला “अहिल्या सम्मान 2023”

⚫ क्रिस्प ने प्रदेश की पाँच विभूतियों को किया सम्मानित

⚫ मुख्य अतिथि थे पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक गिरिजा शंकर

⚫ भील कलाकार पद्मश्री भूरी बाई थी विशेष अतिथि

हरमुद्दा
भोपाल, 12 मार्च। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में सेंटर फॉर रिसर्च एंड इंडस्ट्रियल स्टॉफ परफॉरमेंस (क्रिस्प) ने प्रदेश की पाँच महिलाओं को “अहिल्या सम्मान-2023” प्रदान किया। पुरस्कार प्राप्त करने वालों में क्रिकेटर सौम्या तिवारी, भरतनाट्यम नृत्यांगना और रंगमंचीय कलाकार तनिष्का हतवलने, टीवी एक्ट्रेस शुभांगी अत्रे, गोंडी भित्ति चित्र कलाकार ननकुसिया श्याम और अभिनेत्री एवं गायिका विभा श्रीवास्तव रहीं। शुभांगी अत्रे कार्यक्रम में उपस्थित नहीं हो सकीं।

नृत्यांगना को अहिल्या पुरस्कार प्रदान करते हुए अतिथि

समन्वय भवन में हुए कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक गिरिजा शंकर थे और प्रदेश की जानी-मानी भील कलाकार श्रीमती भूरी बाई विशेष अतिथि रहीं।

दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए अतिथि

संघर्ष की यादों को किया ताजा पद्मश्री भूरी बाई ने

पद्मश्री से सम्मानित लोक कलाकार श्रीमती भूरी बाई ने अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए बताया कि कैसे वह मजदूरी की तलाश में भोपाल आईं और भारत भवन को गढ़ने वाले कलाकार श्री जे. स्वामीनाथन से उनका परिचय हुआ। उन्होंने बताया कि श्री स्वामीनाथन ने उनकी भीली चित्रकारी को परख कर अवसर दिया और उनके ही मार्गदर्शन से आज वे देश-दुनिया में जानी जाती हैं। श्रीमती भूरी बाई ने कहा कि संघर्ष ही इंसान को सफल बनाता है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के लिए अपनी जगह बनाना बहुत जरूरी है।

अहिल्या पुरस्कार मिलने का श्रेय जाता है महिलाओं के परिजनों को

पत्रकार गिरिजा शंकर ने कहा कि अहिल्या सम्मान मिलने का श्रेय महिलाओं के परिजन को भी जाता है। आज के दौर में जहाँ लोग सेलरी और पैकेज के पीछे भाग रहे हैं, ऐसे में खेल, कला और संस्कृति जैसे क्षेत्रों में करियर बनाने के लिए प्रेरित करने का श्रेय माता-पिता को भी जाता है। उन्होंने कहा कि क्रिस्प तकनीकी संस्थान है, महिला दिवस का कार्यक्रम करके संस्थान ने कला के क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ी है। साथ ही एक तकनीकी संस्था के मंच पर दो बार श्री जे. स्वामीनाथन का जिक्र हुआ है। उन्होंने कहा कि तमाम सफलताओं के पीछे संघर्ष तो है ही, लेकिन उसके आगे भी संघर्ष बना हुआ है। हमारे सामने जो महिलाएँ हैं, वे वाकई संघर्ष की मिसाल हैं। जब भी महिला सम्मान की बात होती है, वहाँ लैंगिक समानता की बात न आए, ऐसा संभव नहीं। उन्होंने अपना एक संस्मरण सुनाया कि जब वे 5-6 साल के थे, तब बड़ी बहन सिलाई सीखने जाती थीं, लेकिन घर वाले उन्हें उनके साथ जाने के लिए कहते थे। आज समय बदल गया है। श्री गिरिजा शंकर ने कहा कि यह अच्छा है कि महिलाएँ चाँद पर पहुँच गईं और राष्ट्रपति भी बन गईं है। उन्होंने कहा कि किसी भी क्षेत्र में सफल व्यक्ति के पीछे एक महिला की प्रेरणा और सहयोग होता है।

ज्यादा से ज्यादा नारी शक्ति को योजनाओं से दी जाए मजबूती

क्रिस्प के प्रबंध संचालक डॉ. श्रीकांत पाटिल ने कहा कि इतिहास और संस्कृति पर गौर करें, तो देखेंगे कि धन की देवी महालक्ष्मी हैं और विद्या की देवी माँ सरस्वती हैं। दो महत्वपूर्ण विषय के केंद्र में भी महिलाएँ ही हैं। ज्यादा से ज्यादा नारी शक्ति को सरकार की योजनाओं से मजबूती प्रदान की जाए और ऐसा करने का हम प्रयास भी कर रहे हैं। क्रिस्प ने अभी महिलाओं के लिए ऑटोमोबाइल के कोर्से चलाए हैं। क्रिस्प इन नई पहलों को और आगे ले जाना चाहता है।

भरतनाट्यम की मनमोहक प्रस्तुति

कार्यक्रम में भरतनाट्यम नृत्यांगना तनिष्का हतवलने ने मनमोहक प्रस्तुति से सबका दिल जीत लिया। खाद्य सुरक्षा आयुक्त सुदाम पी. खाड़े और आरजीपीवी विश्वविद्यालय के कुलपति सुनील कुमार गुप्ता भी उपस्थित रहे।

‘अहिल्या सम्मान 2023’ से सम्मानित महिलाओं का परिचय

भारतीय महिला क्रिकेट टीम की अंडर-19 क्रिकेटर सौम्या तिवारी हाल ही में टी-20 वर्ल्ड कप फाइनल की टॉप स्कोरर रही हैं। भरतनाट्यम नृत्यांगना तनिष्का हतवलने कई अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। टीवी एक्ट्रेस शुभांगी अत्रे छोटे पर्दे का जाना-माना चेहरा है। “भाभीजी घर पर हैं” सीरियल से विख्यात शुभांगी ने संघर्ष करते हुए अभिनय की दुनिया में जगह बनाई। ननकुसिया श्याम ने गोंडी भित्ति चित्र के जरिए मध्यप्रदेश के साथ देश का देश-दुनिया में नाम रोशन किया है। अभिनेत्री एवं गायिका विभा श्रीवास्तव 60 से ज्यादा नाटकों में अभिनय कर चुकी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *