मुद्दा मध्यप्रदेश में पुरानी पेंशन योजना का : वित्त मंत्री ने कहा दो टूक, पुरानी पेंशन योजना का कोई प्रस्ताव नहीं, तीसरा अनुपूरक बजट प्रस्तुत

⚫ पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा प्रदेश के कर्मचारियों के साथ घोर अन्याय

⚫ पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा मध्य प्रदेश की सरकार नकारा नकारा सरकार

⚫ विधानसभा में आठवें दिन हंगामा, कांग्रेस ने किया सदन का बहिष्कार

हरमुद्दा
भोपाल, 15 मार्च। प्रदेश के लाखों कर्मचारियों की उम्मीद पर आज एक बार फिर पानी फिर गया है। उन्हें पुरानी पेंशन योजना का कोई लाभ नहीं मिलेगा वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने तीसरा अनुपूरक बजट प्रस्तुत किया। कांग्रेस के प्रश्न पर स्पष्ट शब्दों में कहा कि पुरानी पेंशन योजना का कोई प्रस्ताव नहीं है। इस पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का कहना है कि मध्य प्रदेश के कर्मचारियों के साथ और अन्याय है। सरकार कर्मचारी विरोधी सरकार है। इस मुद्दे पर पूर्व मंत्री सज्जन वर्मा ने कहा कि प्रदेश की सरकार नकारा सरकार है। आठवें दिन विधानसभा में काफी हंगामा भी हुआ।  इसके बाद कांग्रेस ने बहिष्कार कर दिया।

विधानसभा सदन भोपाल

बुधवार को सुबह विधानसभा की कार्रवाई शुरू होने पर सदन में पुरानी पेंशन का मुद्दा गूंज उठा। कांग्रेस विधायक सज्‍जन सिंह वर्मा ने यह मुद्दा उठाया और सरकार से इस मामले में रुख स्‍पष्‍ट करने की मांग की। इस पर वित्‍त मंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना बहाली का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। वित्‍तमंत्री के इस जवाब पर कांग्रेस के विधायकों ने असंतोष व्‍यक्‍त करते हुए सदन से बहिर्गमन कर दिया। नेता प्रतिपक्ष डा. गोविंद सिंह ने सरकार पर कर्मचारी विरोधी होने का आरोप लगाया।

वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने तृतीय अनुपूरक बजट किया प्रस्तुत

मध्य प्रदेश के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा

उल्लेखनीय है कि मप्र विधानसभा का इन दिनों बजट सत्र चल रहा है। बुधवार को वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने विधानसभा में तृतीय अनुपूरक बजट प्रस्तुत किया। कुल 16 हजार 329 करोड रुपए के इस बजट में बिजली अनुदान की योजनाओं के लिए 6 हजार 648 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। वहीं प्रधानमंत्री आवास के लिए एक हजार तेरह करोड़ और एक हजार करोड़ 324 रुपये फसल बीमा योजना के लिए रखे गए हैं। इसके अलावा नर्मदा घाटी विकास विभाग के अंतर्गत विभिन्न योजनाओं के लिए 976, मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना के लिए 636 करोड़ों रुपए का प्रविधान किया है। सर परियोजनाओं के लिए 171 करोड़, जल संसाधन विभाग की विभिन्न योजनाओं के लिए 300 करोड़, सामाजिक सुरक्षा और कल्याण के लिए 177 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।

कांग्रेस ने सरकार पर साधा निशाना

कांग्रेस के पूर्व मंत्री सज्जन वर्मा

ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर सज्जन वर्मा ने कहा कि विधानसभा में सरकार की ओर से दिए गए जवाब से यह स्पष्ट हो गया है कि सरकार पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल नहीं करने वाली है। शिवराज सरकार को कर्मचारी विरोधी बताते हुए उन्होने निशाना साधा और कहा कि देश के अन्य राज्यों में जहां कांग्रेस की सरकार है वहां पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया गया और कर्मचारियों को उनका हक दिया गया।

भाजपा सरकार ने कभी साथ नहीं दिया कर्मचारियों का

इसी के साथ उन्होने दोहराया कि मध्यप्रदेश में भी कांग्रेस की सरकार बनने पर कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना बहाल की जाएगी उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने कभी कर्मचारियों का साथ नहीं दिया लंबे समय से प्रदेश के कर्मचारी पुरानी पेंशन स्कीम बहाल करने के लिए चरणबद्ध आंदोलन कर रहे हैं लेकिन यह कर्मचारी विरोधी सरकार के कान में जूं तक नहीं रेंग रही।

2004 के बाद नियुक्त कर्मचारियों को पेंशन योजना का लाभ नहीं

बहिष्कार कर बाहर आते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ कांग्रेस जनप्रतिनिधि

1 अप्रैल 2004 के बाद नियुक्त कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिलेगा या नहीं? सज्जन वर्मा पूछा की पुरानी पेंशन योजना बहाली को लेकर राज्य के कर्मचारियों द्वारा लंबे समय से मांग की जा रही है, क्या सरकार उसे बहाल करने जा रही है? इस सवाल का जवाब देते हुए वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने बताया कि सरकार कर्मचारियों को नई पेंशन स्कीम के अंतर्गत ही लाभ देगी। साथ ही उन्होंने बताया कि पुरानी पेंशन स्कीम बहाल करने का कोई प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन नहीं है। सरकार के इस जवाब के बाद विपक्ष ने सरकार को घेरते हुए सदन से बहिष्कार किया। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व में सभी कांग्रेस विधायकों ने सदन का बहिष्कार किया।

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