वायरस का असर : इनफ्लुएंजा वायरस से एक मेडिकल विद्यार्थी की मौत, सावधानी की जरूरत, कोरोना वायरस की तरह फैलता है यह भी
⚫ पहले लगा था कि कोरोना से हुई है मौत
⚫ पीएम रिपोर्ट में हुआ खुलासा रक्त में मिला एच3एन2 वायरस
⚫ सावधानी ही बचा जा सकती है संक्रमण से
हरमुद्दा
शुक्रवार, 17 मार्च। चिंता करने की बात नहीं है लेकिन सावधानी बरतनी चाहिए। महाराष्ट्र के अहमदनगर के 23 वर्षीय मेडिकल छात्र की कोरोना से मौत हो गई। शुरू में उसकी मौत का कारण कोरोना वायरस बताया गया, वहीं पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि उसके रक्त में एच3एन2 वायरस भी था।
वायरस से घबराने की कोई बात नहीं है, लेकिन सावधानी बरतने की जरूरत है ताकि संक्रमण से बचा जा सके। एच3एन2 इन्फ्लूएंजा एक श्वसन वायरस है जो कोविड वायरस की तरह ही फैलता है। इसलिए कोविड नियमों का पालन करते हुए इस संक्रमण से बचा जा सकता है।
मेडिकल कॉलेज का था विद्यार्थी
छात्र की पहचान पाटिल मेडिकल कॉलेज के विठ्ठल राव के रूप में हुई है। वह अपने दोस्तों के साथ पिकनिक पर गया था, जिसके बाद वह बीमार पड़ गया। उसे गंभीर खांसी, बुखार और सिरदर्द था। जांच पर वह कोविड-19 पॉजिटिव पाया गया। इसके बाद जी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 13 मार्च की आधी रात को छात्र की मौत हो गई।
लंबे समय तक रहते हैं इसके लक्षण
विशेषज्ञ चिकित्सकों का कहना है कि वायरस समय-समय पर बदलता रहता है। इन्फ्लूएंजा वायरस के लक्षण कोविड महामारी के बाद दिखाई दे रहे हैं। हालांकि इसके लक्षण लगभग समान हैं जैसे खांसी, जुकाम और बुखार है। लेकिन इस वायरस में देखा गया है कि मरीजों में ये लक्षण लंबे समय तक रहता है और इस वजह से यह तेजी से फैल भी रहा है।
शारीरिक और मानसिक रूप से करता है प्रभावित
चिकित्सकों ने प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए स्वस्थ जीवन शैली पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के वायरस का लोगों के दिमाग पर अधिक प्रभाव होने का कारण यह है कि लोग बहुत तनाव में हैं। भागदौड़ भरी इस जिदगी में समय प्रबंधन और स्वस्थ जीवन शैली की कमी है। खान-पान और व्यायाम को कोई रूटीन नहीं है। यह शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से प्रभावित करता है। स्वस्थ जीवन शैली के लिए हर चीज में संतुलन बनाना बहुत जरूरी है ताकि हम शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से स्वस्थ रह सकें। कोरोना वायरस की तरह ही इसके लिए भी इसी तरह सावधानी बरतनी होगी।