मामला अखंड ज्ञान आश्रम में मारपीट व तोड़फोड़ का : एक आरोपी की अग्रिम जमानत याचिका हुई खारिज

⚫ मामले में भाजपा नेता और पूर्व भाजपा पार्षद सहित पांच आरोपी खिलाफ हुई एफ आई आर

⚫ जमानत याचिका खारिज होने पर गिरफ्तारी संभव

⚫ धार्मिक आयोजन के पहले किया था व्यवधान

⚫ संत समाज भी हुआ था आक्रोशित, एसपी को दिया था ज्ञापन

हरमुद्दा
रतलाम, 1 अप्रैल। शहर के प्रसिद्ध अखंड ज्ञान आश्रम में होने वाले धार्मिक उत्सव के पहले आरोपियों ने तोड़फोड़ कर मारपीट की थी। इस पर 5 लोगों के खिलाफ नामजद प्रकरण दर्ज हुआ था। एक आरोपी ने अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की, जिसे न्यायालय ने शनिवार को खारिज कर दी है। अब आरोपी की गिरफ्तारी संभव है। उल्लेखनीय है कि इस प्रकरण में भाजपा नेता और पूर्व भाजपा पार्षद सहित पांच लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज हुआ था।

शनिवार को द्वितीय सत्र न्यायधीश अरुण कुमार खरादी की कोर्ट में अखंड ज्ञान आश्रम में मारपीट तथा तोड़फोड़ के प्रकरण के आरोपी अंबर पिता  दौलतराम जाट की तरफ से अग्रिम जमानत याचिका का आवेदन अभिभाषक अभय शर्मा ने प्रस्तुत किया। अपर लोक अभियोजक सतीश त्रिपाठी ने तर्क प्रस्तुत किए। जिसके आधार पर न्यायाधीश श्री खरादी ने जमानत याचिका रद्द कर दी। इस प्रकरण में संत समाज ने भी पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन देकर कार्रवाई की मांग की थी।

यह हुआ था मामला

पिछले माह की 19 तारीख से अखंड ज्ञान आश्रम में धार्मिक आयोजन होना था जिसकी तैयारी की जा रही थी। 18  मार्च को सूरज जाट, अंबर जाट, पंकज, विनीत पटेरिया और ओशो सहित अन्य लोगों ने तैयारियों को बंद करवाया। संत देवस्वरूप नंद और पुजारी संजय मिश्रा को अपशब्द कहे। मारपीट करते हुए संत को जान से मारने की धमकी भी दी। यहां तक की आश्रम में लगा डीवीआर भी आरोपी पक्ष के लोग ले गए। उक्त पांचों के खिलाफ पुलिस थाना स्टेशन रोड पर धारा 294, 323, 386, 500, सहपठित 34 भादवि में प्रकरण दर्ज हुआ।

10 साल की सजा का प्रावधान, गिरफ्तारी संभव

अपर लोक अभियोजक सतीश त्रिपाठी ने हरमुद्दा से चर्चा में बताया कि धारा 386 के तहत 10 साल की सजा का प्रावधान है। फिलहाल द्वितीय सत्र न्यायाधीश श्री खरादी ने जमानत याचिका रद्द कर दी है। इसलिए गिरफ्तारी संभव है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *