सामाजिक सरोकार : साइंस कार्यशाला की हुई शुरुआत, विद्यार्थियों ने उत्साह से लिया भाग, चुंबक से संबंधित विभिन्न मनोरंजक गतिविधियां को जाना
⚫ तीन दिवसीय कार्यशाला में साइंस के सिखाएंगे गुर
⚫ विद्यार्थियों को करवाई विभिन्न प्रकार के दर्पण की पहचान
⚫ प्रयोग के माध्यम से बनाकर सीखा संरक्षण को
हरमुद्दा
रतलाम, 1 जून। गुरुवार से तीन दिवसीय साइंस कार्यशाला की शुरुआत हुई विद्यार्थियों ने उत्साह के साथ भाग लिया। 1 से 3 जून तक चलने वाली गजेंद्र सर की साइंस वर्कशॉप में पहले दिन 25 विद्यार्थियों ने भाग लिया। इसमें रतलाम नगर के कक्षा 6 और 7 के 11 तथा कक्षा 9 और 10 के 14 स्टूडेंट्स ने भाग लिया।ये विद्यार्थी अंग्रेजी और हिंदी दोनों माध्यमो से थे।
क्या रहा आज वर्कशॉप में
माध्यमिक स्तर के विद्यार्थियों के लिए आज चुंबक से संबंधित विभिन्न मनोरंजक गतिविधियां की गई। जिसमें चुंबक चुंबकीय पदार्थों को आकर्षित करते हैं, कांसेप्ट को समझा गया।इसके साथ ही वायु की गति बढ़ने पर दाब के घटने के कारण को भी छोटी-छोटी गतिविधियों के माध्यम से बताया गया। विद्यार्थियों को विभिन्न प्रकार के दर्पण की पहचान कराई गई तथा जलने में ऑक्सीजन किस प्रकार सहायक है इस गतिविधि को भी उन्होंने करके सीखा।
विभिन्न अवधारणाओं को किया स्पष्ट
उच्चतर कक्षा के विद्यार्थियों ने न्यूटन के नियमों का गतिविधि आधारित सत्यापन किया, जिसमें न्यूटन के तीसरे नियम और संवेग संरक्षण को प्रयोग के माध्यम से स्वयं बनाकर सीखा। न्यूटन क्रैडल और छोटे-छोटे पाइप और गोलियों की मदद से विभिन्न अवधारणाओं को स्पष्ट किया। इन विद्यार्थियों ने मैग्निशियम रिबन का दहन करके उसके ऑक्साइड को बनाकर उसके क्षारीय होने की पहचान भी की। सभी विद्यार्थियों ने फव्वारे पर नाचती विज्ञान के सिद्धांत को भी समझा। आज की एक्टिविटी में विद्यार्थियों को चुंबकत्व, वायुदाब न्यूटन के नियम, दर्पण की पहचान,संवेग की अवधारणा, धात्विक ऑक्साइड आदि पर गतिविधियां करके सीखने को मिली।
क्या होगा अगले दो दिन
अगले दो दिनों में स्वयं मॉडल बनाकर सीखने पर जोर दिया जाएगा। विद्यार्थी दाब, कार्य, ऊर्जा, बल,परावर्तन,घरेलू विद्युत परिपथ,द्रव्यमान केंद्र आदि सहित ढेरो साइंस के कांसेप्ट को समझेंगे।
प्रश्न करने की आदत होगी विकसित
साइंस वर्कशॉप को स्वयं के व्यय पर घर पर विकसित लेब के माध्यम से वर्षों से नवाचार कर साइंस लर्निंग को सुगम बना रहे विज्ञान संचारक गजेंद्र सिंह राठौर ने बताया कि वर्कशॉप का लक्ष्य घटनाओं पर क्या,क्यो और कैसे का वैज्ञानिक दृष्टिकोण जाग्रत हो और विद्यार्थी प्रश्न करने लगे,रखा गया है।
क्या कह रहे है प्रतिभागी विद्यार्थी
अंग्रेजी माध्यम के 10 th के छात्र कुबेर पारा और आवेश मंसूरी ने कहा कि गजेंद्र सर एक ही प्रयोग में ढेर सारे कांसेप्ट क्लियर करते है। हम एक्टिविटी देखकर कांसेप्ट पकड़ने का अभ्यास कर रहे है।एक अकेले न्यूटन क्रेडल के प्रयोग में मोमेंटम, एनर्जी, उनका कंजर्वेशन, कोलिजन आदि कई बातें सीखी। उसी को फिर दो छोटे पाइप पर बनाकर देखा। 7th की स्टूडेंट दिव्यांशी सैनी और वैभव बताते है कि साइंस को घर के सामान, कबाड़ के सामान से सीखने और मॉडल बनाने का हमारा पहला अनुभव है।