ज्ञान विज्ञान : अरे ! यह तो नीचे से ऊपर जा रहा साइंस वर्कशॉप में कुछ इसी तरह से चौक गए विद्यार्थी
⚫ विद्यार्थी कहने लगे यह तो ग्रेविटी के होने लगा विरुद्ध
⚫ बहुत खुश हुए, नए कांसेप्ट को समझकर
हरमुद्दा
रतलाम 2 जून। अरे ! यह तो नीचे से ऊपर जा रहा है। साइंस वर्कशॉप में कुछ इसी तरह से विद्यार्थी चौक गए, जब उन्हें वस्तुएं नीचे से ऊपर जाती हुई दिखाई देने लगी। वे कहने लगे यह तो ग्रेविटी के विरुद्ध हो गया, तब विज्ञान संचारक गजेंद्र सर ने उन्हें बताया कि एंटीग्रेविटी नहीं बल्कि सेंटर ऑफ मास अर्थात द्रव्यमान केंद्र की गति के कारण इस तरह से हो रहा है, वे बहुत खुश हुए, नए कांसेप्ट को समझकर।
क्या हुआ दूसरे दिन साइंस वर्कशॉप के
साइंस कार्यशाला के दूसरे दिन गजेंद्र सिंह राठौर के मार्गदर्शन में विद्यार्थियों ने पहले सत्र में स्वयं करके सामग्री का निर्माण किया।जिसमें कक्षा 6 से 8 तक के विद्यार्थियों ने द्रव बर्तन की दीवार पर प्रेशर डालता है, वायुदाब से संबंधित प्रयोग तथा प्रेशर के फर्क से संबंधित विभिन्न गतिविधियों की सामग्री को स्वयं तैयार किया। इसी प्रकार कक्षा 9 और 10 के विद्यार्थियों ने द्रव्यमान केंद्र की अवधारणा से संबंधित सामग्री,फोर्स किस तरह से अलग-अलग एरिया पर प्रभाव डालता है सहित अन्य सामग्री को तैयार करके स्वयं गतिविधि को निर्मित करने योग्य बनाया। कक्षा 10 के विद्यार्थियों ने आसुत जल अर्थात डिस्टिल्ड वाटर और सामान्य पानी में, ग्रेफाइट में,प्रबल और दुर्बल अम्ल में विद्युतीय परीक्षण के माध्यम से विद्युत के प्रभाव को स्वयं करके सीखा। परंपरागत एनसीईआरटी की गतिविधियों से अतिरिक्त कुछ नवाचारी प्रयोग भी वर्कशॉप के दौरान किए गए हैं।इसमें वाष्पीकरण और संगठन से संबंधित कुछ नए प्रयोग बच्चों ने करके देखें तथा इन घटनाओं को समझा।
क्या-क्या सीखा विद्यार्थियों ने
कार्यशाला के दूसरे दिन विद्यार्थियों ने न्यूटन का तीसरा नियम, द्रव्यमान केंद्र की अवधारणा, दाब का कांसेप्ट, वाष्पीकरण, संघनन, चालकता, विभिन्न रासायनिक क्रियाएं तथा उनके प्रभावों का अध्ययन किया और उन्हें करके सीखा। इस निशुल्क तीन दिवसीय कार्यशाला के आयोजक और वर्षों से कम लागत और शून्य लागत की सामग्री बनाकर नवाचारों द्वारा साइंस की प्रेरणा देने वाले गजेंद्र सिंह राठौर ने बताया कि अंग्रेजी और हिंदी माध्यम में पिछले दो दिनों में विद्यार्थियों ने 40 से अधिक गतिविधियों के माध्यम से क्रियात्मक विज्ञान और लर्न बाय फन के कांसेप्ट पर स्वयं करके उसके पीछे के साइंस को समझा है।
विद्यार्थियों ने अपनाया विभिन्न वैज्ञानिक अवधारणाओं को
उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों ने विभिन्न वैज्ञानिक अवधारणाओं को भी अपनाया है, प्रयोग किस तरह से होते हैं ,उस दौरान क्या सावधानियां रखनी चाहिए, कांसेप्ट को किस तरह से अप्लाई किया जाता है, यह सब इस दौरान सीख रहे हैं।
क्या होगा कार्यशाला के अंतिम दिवस
1 से 3 जून तक चलने वाली साइंस वर्कशॉप के अंतिम दिवस में विद्यार्थी प्रकाश से संबंधित प्रयोग,एक ही पटिये पर संवेग,ऊर्जा,न्यूटन के नियम की अवधारणा, कोणीय संवेग, बल आघूर्ण आदि को समझेंगे। नन्हे विद्यार्थी एनसीईआरटी की उनकी पाठ्य पुस्तकों पर आधारित कांसेप्ट को स्वयं करके सीखेंगे। सभी विद्यार्थियों का अंत में प्रमाण पत्र प्रदान किए जाएंगे।