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साहित्य सरोकार : ‘सुनें सुनाएं’ ने शहर के रचनात्मक वातावरण को गति दी साहित्य प्रेमियों ने

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अपने प्रिय रचनाकारों की रचनाओं का हुआ पाठ

हरमुद्दा
रतलाम, 4 जून। ‘सुनें सुनाएं’ आयोजन ने शहर के रचनात्मक वातावरण को गति प्रदान की है । यह मंतव्य सुनें सुनाएं के नौवें सोपान में उपस्थित रचनाकारों द्वारा व्यक्त किया गया। रचनाशील और सृजनात्मक वातावरण बनाने के उद्देश्य से प्रारंभ किए गए “सुनें-सुनाएं” कार्यक्रम का नौवां सोपान जी.डी. अंकलेसरिया रोटरी हॉल पर हुआ।

इस आयोजन में उपस्थितजनों ने अपने प्रिय रचनाकारों की रचनाओं का पाठ किया। रचना पाठ के तहत मनकामेश्वर जोशी द्वारा श्री पीरुलाल बादल की रचना ‘अगम रा झूला पिछ्म जाय’ का पाठ, यशपाल सिंह तंवर द्वारा श्री स्वयं प्रकाश उपाध्याय की रचना ‘दृष्टि से सृष्टि की ओर’ का पाठ, आशा श्रीवास्तव द्वारा प्रो. अज़हर हाशमी की रचना ‘ मध्यप्रदेश बहुत ही सुंदर’ का पाठ, श्री संजय बाफना द्वारा नायाब मिड्ढा की रचना ‘ मुस्कुराओ ‘ का पाठ, डॉ. श्वेता विंचुरकर द्वारा कवि प्रदीप की रचना ‘कभी खुद से बात करो,कभी खुद से बोलो’ का पाठ किया । इसके अलावा नीरज शुक्ला, महावीर वर्मा ने भी अपनी प्रिय रचना सुनाई। रचनाओं का पाठ कर रचनाओं पर सार्थक विमर्श भी किया गया। आयोजन में रचनात्मक सोच के पथिक मौजूद थे।

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