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सामाजिक सरोकार : भारत में पहली बार फूड इंश्‍योरेंस पॉलिसी की अभिनव योजना का निजी स्तर पर बनाया प्रारूप

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अन्न (सुरक्षा) बीमा योजना का सुझाव

⚫ केंद्र सरकार से कार्ययोजना को क्रियान्वित किए जाने का किया अनुरोध

⚫ हितग्राही को जीवनभर सस्ते दाम में मिलेगा खाद्यान्न

हरमुद्दा के लिए नीलेश सोनी

पुणे,14 जून। बीमा पॉलिसी की तर्ज पर भारत में पहली बार फूड इंश्‍योरेंस पॉलिसी की अभिनव योजना का निजी स्तर पर प्रारूप बनाया गया है। योजना का उद्देश्य भारत में प्रत्येक नागरिक को बेहद ही रियायती दर पर पौष्टिक खाधान्न की उपलब्धता सुनिश्चित करवाना है। केद्र सरकार को इस कार्ययोजना को भेजते हुए जल्द ही क्रियान्वित किए जाने का अनुरोध किया गया है।

कोरोना काल संक्रमण के दौरान खाद्यान्न की कीट वितरित करते हुए श्री येमूल गुरुजी

इस अद्भुत परिकल्पना का प्रारूप सोशल एक्टिविस्ट एवं दिव्‍यांग इंडियन चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्‍ड इण्‍डस्ट्रीज, पुणे के संस्थापक अध्यक्ष रघुनाथ येमुल गुरूजी ने तैयार किया है। वे बताते है कि भविष्‍य में भारत के बढ़ते हुए लोकसंख्‍या और महंगाई को ध्‍यान में रखकर अन्न सुरक्षा बीमा (FOOD INSURANCE POlICY) के बारे में जल्द ही सरकार और बीमा कंपनियों को ठोस कदम उठाना चाहिए।

कैसे आया विचार

श्री येमूल गुरुजी

भारत में अपने तरह की इस पहली योजना का ख्याल श्री येमुल गुरुजी को कोरोना संक्रमणकाल में आया। वे बताते है कि हमने देखा कि लगातार लॉकडाउन होने से समाज के एक बड़े वर्ग के समक्ष अपने पेट की आग बुझाने के लिए अन्न का संकट खड़ा हो गया। इस दौरान फ़ूड पैकेट वितरित करते समय देखा कि तात्कालिक सहायता किसी भी समस्या का स्थायी समाधान नहीं हो सकती है, इसी समस्या के स्थायी निदान के लिए अन्न (सुरक्षा) बीमा योजना का प्रारूप तैयार कर bhagwan के श्रीचरणों में समर्पित करते हुए आगामी प्रक्रिया के लिए
सरकार को भेजा गया है।

फूड इंश्‍योरेंस पॉलिसी ?

श्री येमुल गुरुजी बताया कि जैसे कोई भी बीमा पॉलिसी में प्रीमियम (मासिक/वार्षिक) का भुगतान किया जाता है, वैसे ही यह पॉलिसी की कार्यवाही होगी ।फूड इंश्‍योरेंस पॉलिसी में नवजात बच्चे की फूड इंश्‍योरेंस पॉलिसी निकाली जाएगी और जब वो ज्येष्‍ठ नागरिक होगा, उसके बाद अनुदानित रेट में या सस्ते दाम में paushtik खाद्यवस्तु-अन्न धान्य का जीवनभर कवरेज मिलेगा। पॉलिसीधारक अगर कुछ अघटित घटना के चलते दिव्‍यांग या अनाथ या गंभीर रुप से बीमार हो जाएं, तब फूड इंश्‍योरेंस पॉलिसी का लाभ उस पॉलिसी धारक को मिलेगा।

क्या जरुरत है ?

समाज के कुछ ऐसे घटक है, जिनको उनके जीवनकाल में कोई भी आपदा आए, तो अन्न खाद्य की कमी कभी भी महसूस नहीं होनी चाहिए। जैसे बच्चे, वृद्धजन (वरिष्ठ नागरिक), दिव्‍यांग, रुग्णजन (असाध्‍य रोगों से पीड़ितजन), और अनाथ। इन सभी वर्गों में वर्तमान में जो भी नागरिक समाज में अपना जीवन कंठित कर रहे है, उन सभी को इस फूड इंश्‍योरेंस पॉलिसी में अन्तर्भूत करने के लिए सरकार सामाजिक। संस्था दानशूर सीएसआर के माध्यम से उन सभी को फ़ूड इन्शुरन्स पॉलिसी में लिया जाने के लिए प्रयास किया जाएगा।

सबसे फायदेमंद संकल्पनाएं

गंभीर बीमारी, प्राकृतिक आपदा, प्रियजनों की अप्रत्याशित मृत्यु, बढ़ती हुई महंगाई और इंफ्लेशन के चलते यह अन्न सुरक्षा बीमा-फूड इंश्‍योरेंस पॉलिसी और उसके साथ में आने वाले फूड क्लेम, फूड सिक्योरिटी बॉन्ड्स और फूड बैंक जैसे संकल्पनाएं सबसे फायदेमंद साबित होगी। इस संकल्पना की पहल दिव्‍यांग इंडियम चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्‍ड इण्‍डस्ट्रीज द्वारा जनहित में की जा रही है, ताकि भविष्‍य में कोई भी व्‍यक्ति अन्न की उपलब्धता से वंचित न रहें और आत्मनिर्भर बनें । हम सरकार और बीमा कंपनियों से निवेदन करते हैं कि इस फूड इंश्‍योरेंस पॉलिसी को जल्दी अमल में लाया जाएं ।

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