व्यंग्य : “रानियों में रानी प‌‌द्मिनी, बाकी सब गधैया”

मोबाइल ने सबको सुन्दर बना दिया है काली चपटी, मोटी, नाटी सभी महिलाएं अपूर्व सुन्दरी है। फिल्टर से मोटा चेहरा पतला बन जाता है,भद्दे होठ खूबसूरत बन जाते है। काले को गोरा बना दिया जाता है। होठों मे जादू आ जाता है  जब होठो को सिकोड़ कर सेल्फी ली जाती है, आँखे नशीली हो उठती है। बाल लहरा उठते है। कपड़ो का कलर चेंज हो जाता है।⚫

⚫ इंदु सिन्हा “इंदु”

“रानियों में  रानी प‌‌द्मिनी (व्यंग्य)
बाकी सब गधैया”
एक प्रसिद्ध कहावत है,आपने भी सुनी होगी, क्या, नहीं सुनी हैं? तो कोई बात नही, यहाँ सुन लीजिये, यहाँ भी सुन लेंगे, तो याद रहेगी नहीं भूलेंगे कभी-। तो सुनिये
“ तालों मे ताल भोजताल,
बाकी सब तलैया,
रानियों में रानी पदमिनी.
बाकी सब गधैया “
मुझे तो ये कहावत याद दिलवायी गयी ,मै भी भूल गयी थी ।बहुत सी महिलाए भूल गयी है।भूलें भी क्यों नही| भूलने का समय ही चल रहा है इसको भुलाने का श्रेय जाता है सोशल मीडिया को ये जो छोटी सी चीज पकडी हुईहै हाथो में जिसका नाम मोबाइल है| मोबाइल को जाता है| बच्चे बच्चे की बात छोडिये साहब नारी – नारी के हाथों मे मोबाइल है। मोबाइल ने ही ये क्रांति लायी हुई है। हाँ, क्रांति “सुंदरता की क्रांति”औरत सुन्दर है, सुन्दर नही अति सुन्दर|बहुत सुन्दर सुन्दर। शब्द पुराना हुआ है।सॉरी।

स्मार्ट, ब्यूटीफुल, हॉट, सेक्सी, लवली कहा जाता है सुन्दर लड़की, महिलाओं को। बदसुरती धरती से गायब हो रही है या यूँ कहिये बदसूरती समाप्त हो गयी है। कोई महिला,युवती बदसूरत नही है। सभी हॉट है, लवली है। ये मोबाइल कहता है। महिलाओं का दूसरा प्यार मोबाइल ही है। पहला प्यार पति को बताना पडता है या पति दूसरा प्यार हो,पहला प्यार कोई कॉलेज का लड़का हो या मोहल्ले का फिर भी पति को बताना ही पड़ता है पहला प्यार, क्या करे मज़बूरी जो ठहरी।
तो हम बात कर रहे थेसुन्दरता की| साहब मोबाइल पत्नियो, महिलाओ का प्यार कैसे बना है ये भी समझिये मोबाइल ने सबको सुन्दर बना दिया है काली चपटी, मोटी, नाटी सभी महिलाएं अपूर्व सुन्दरी है।फिल्टर से मोटा चेहरा पतला बन जाता है,भद्दे होठ खूबसूरत बन जाते है।काले को गोरा बना दिया जाता है।  होठों मे जादू आ जाता है| जब होठो को सिकोड़ कर सेल्फी ली जाती है। आँखे नशीली हो उठती है।बाल लहरा उठते है।कपड़ो का कलर चेंज हो जाता है।साधारण फोटो के पीछे बेकग्राउण्ड बदल जाता है।चाहे महिला, लड़की सड़क के किनारे टूटी टपरी के सामने खडी हो शिमला,कश्मीर की वादियाँ फोटो के पीछे आ जाती है।

मोबाइल का कमाल, फिल्टर के रंग, दुनिया को बेवकूफ बनाने का निराला अंदाज।लेकिन साहब ये सुन्दरता का जादू बस सोशल मीडिया पर फेसबुक पर काम करता है।हकीकत तो बस हकीकत ही रहती है कड़वी सी हकीकत। लेकिन कुछ भी कहो नशा तो रहता है सुन्दरता का। एनर्जी तो देता ही है। मजे की बात ये है फेसबुकी फ्रेन्डस भी सभी के इस छलावे से परिचित होते हैं, फिल्टर किये फेस है। इसलिये बेचारे विडियो कॉल की जिद कर बैठते है।चक्कर मे फँसे रहते है बेचारे। बेचारे क्यूँ हुए ? वो भी फिल्टर वाले फेस पोस्ट करते है।  विडियो कॉल क्यो अटैंड करे? महिलाए लडकियां, उन्हें कोई रिश्तेदारी तो निभानी नही है। ना ही प्रेम व्रेम के लफडे मेफँसना है। बस मजे लेना है कि मार्केट वैल्यू कितनी है? उनकी। टाइम पास करना है।घर के काम होते ही कितने है ? टाइम पास का साधन है ये बस।


भला हो मोबाइल बनाने वाला का,भला हो फेसबुक बनाने वाले का। महिलाओ को सुन्दर बनाने क।  फेसबुक पर ही सही सुन्दर तो है ही ऐसा नही है सभी महिलाएं फेसबुकी सुन्दरता वाली है,कुछ तो सच मे सुन्दर होती है बाबा। ऐसे भी बदनाम मत करो।  यूँ ही एक सुन्दर महिलाओ का झुण्ड घूमने गया।  फेसबुकी फ्रेन्डस थी मिल गई  फेसबुक पर। मोबाइल नंबरो का आदान प्रदान हुआ।जगह तय की गयी मिलने के लिये कहाँ मिले? सभी की अपनी अपनी राय।

बारिश का मौसम था। फेसबुकी महिलाओ को पता था ज्यादा मेकअप करेंगी, बारिश आ गयी सभी के असली चेहरे दिखने लगेगें। इसलिये हरियाली का आनंद फिर कभी ले लेगे,हरियाली बारिश को फेसबुक विडियो, पर भी देख लेगे। किसी ऐतिहासिक जगह पर चलते है।बहुत की जगह विचार हुआ मांडव, जयपुर, जोधपुर आखिर चित्तोड़ फाइनल हुआ।
बेचारी महिलाएं चितोडगढ़ गयी और वापस भी आयी लेकिन पछता रही है आज तक। चितोडगढ़ गयी क्यों ? हुआ कुछ इस प्रकार से- ।चितोडगढ़ अपने प्राचीन स्मारको युद्ध विरासत, राजसी महिमा, राजस्थानी कल्चर के बारे मे बताता है। यहाँ दूर दूर से पर्यटक आते है।  वीरो की इस भूमि को नमन करते है। पूरे देश में चितोडगढ़ की अपनी शान है। चितोडगढ़ का किला देश में प्रसिद्ध है।


फेसबुकी फ्रेन्डस चितोडगढ़ की शान देखकर बहुत खुश थी| चितोडगढ़ का किला, प्रकाश पैलेस, कालिका माता मंदिर के दर्शन कर वो मीरा मंदिर भी गयी। उसके बाद वहाँ के राजस्थानी भोजन का जमकर आनन्द लिया । फिर तय हुआ कि अब पदमिनी पैलेस बचा है उसे भी देख लिया जाए।
दूर से ही पद्मिनी पैलेस अपनी सुन्दरता की कहानी कह रहा था। एक महल सुन्दर सा तालाब के बीचो बीच बना हुआ था। उसकी सुन्दरता देख चकित थे। पर्यटक।
फेसबुकी फ्रेन्डस पदमिनी महल मे दाखिल हुई तो उनकी आँखे आश्चर्य से बड़ी- बड़ी हो गयी। इतना सुन्दर है उस समय क्या जलवे रहे होगें।


वाओ – । क्या कारीगरी है। महल की।
तभी पास से एक खुश्बू का झोंका आकर चला गया।
ये क्या है एक फ्रेन्ड बोली।
तभी एक खिलखिलाहट गूँज उठी,मधुर हंसी।
जैसे छोटे-छोटे घुघूँरु बज उठे हो।
फ्रेंडस घबरायी -।
ये कौन हंस रहा है।
अचानक कहीं पायल बज उठी। फिर पायल की ध्वनि दूर चली गयी।
पास ही चूड़ियां खनक उठी|सभी फ्रेन्डस का डर के मारे बुरा हाल था।
सभी फ्रेडस पदमिनी पैलेस के उस कमरे मे थी जहां बडे-बडे काँच लगे थे।
ये क्या काँच मे एक छबि दिखने लगी।
बहुत सुन्दर,बहुत सुन्दर अपूर्व सुन्दरी की, जिसे शब्दो मे नहीं लिखा जा सकता।वो सौन्दर्य की मलिका – जिसके चर्चे दिल्ली के सुल्तान तक पहुँचे थे, घुटनो से नीचे लंबी केशराशि किसी नागिन सी लहरा रही थी।हल्की सी छवि दिखी फिर तुप्त हो गयी।
अचानक तेंज हंसने की आवाज नजदीक आने लगी। देखा तो कुछ महिलाएं बड़ी सुन्दर, सुन्दर कपडो मे उनसे कुछ दूरी पर थी।
आप -। फेसबुकी फ्रेंड्स मे से एक ने पूछा।
हम रानी पदमिनी की दासियाँ
दासी मतलब सर्वेंट,नौकरानी । फेसबुकी फ्रेन्डस बोली।
हाँ जी हाँ जी । दासियों में से एक बोली।
इतनी खूबसूरत नौकरानियाँ – । एक फेसबुकी फ्रेन्ड बोली |
तो तुम लोग खुद को सुन्दर समझने की भूल कर बैठी हो, एक दासी बोली।
भूल मतलब- ? एक फेसबुकी फ्रेन्ड ने कहा।
भूल मतलब भूल , गलतफहमी कह लो । दासी बोली,
क्यों हम सुन्दर नहीं। फेसबुक फ्रेन्डस मे से एक ने कहा।
हमारी सुन्दरता देखने के बाद भी । दासियाँ बोली जोर जोर से हंसने लगी। उनके मोतियो से दांत चमक उठे। उजाला फैल गया, दूध मे मिले सिन्दुर से उनके रंग में सिन्दूरी रंग गहरा हो गया।


फेसबुकी फ्रेंड्स के चेहरे लटककर जामुनी रंग के हो गए|
सच बोली नोकरानी, वो कैसे सुन्दर हुई ? उनकी शक्लें देखकर दासियाँ के गुलाबी होठो पर मुस्कान उभरी -।
वो तो मोबाइल पर नकली सुन्दरता से पगला रही है,असली सुन्दरता तो दासियों मे, नौकरानियों मे है।
फिर रानी पदमिनी तो अपूर्व सुन्दर होगी। फ्रेन्डस बोली ।
कांच मे हल्की छवि देखी थी ना । एक दासी बोली ।
वो ऐसी सुंदरता तो किताबो मे पढ़ी है- ।आज देखी भी है।
तो तभी – कहा जाता है दासी बोली।


क्या???
एक साथ फेसबुकी फ्रेन्डस कह उठी।
रानियों मे रानी पदमिनी
बाकी सब गधैया – ।
महल को गुंजाते हुए ठहाके गूंजे – फिर शांत हो गये।(फिल्टरी सुंदरियों से माफ़ी)

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