साहित्य सरोकार : फ्रेंकफर्ट से आए अभिषेक भी सुनाएंगे अपनी प्रिय रचना
⚫ ‘सुनें सुनाएं’ का ग्यारहवां सोपान 6 अगस्त को
हरमुद्दा
रतलाम, 5 अगस्त। ‘सुनें सुनाएं’ का ग्यारहवां सोपान 6 अगस्त, रविवार को जी.डी. अंकलेसरिया रोटरी हॉल (एनैक्सी प्रथम तल) , रतलाम पर प्रातः 11 बजे होगा। इस आयोजन में फ्रैंकफर्ट जर्मनी से आए रचनाप्रेमी अभिषेक सहित दस रचनाप्रेमी अपने प्रिय रचनाकारों की रचनाओं का पाठ करेंगे।। ‘सुनें सुनाएं’ में किसी साथी का विदेश से आकर रचना पाठ करने का यह पहला अवसर होगा । यह रतलाम शहर की रचनाशील प्रवृत्ति को सामने रखेगा ।
ग्यारहवें सोपान पर रूपेश राठौर द्वारा श्री जगदीश सोलंकी की रचना ‘यूं तो साथ देने को हजारों हाथ और है’ का पाठ, अनीस ख़ान द्वारा अज्ञात रचनाकार की रचना ‘ क्या फ़र्क पड़ता है ‘ का पाठ, कैलाश वशिष्ठ द्वारा काका हाथरसी की रचना ‘मेरठ में देखा हमने धूम धूसर कव्वाल’ का पाठ, डॉ. दीप व्यास द्वारा गोपाल दास ‘नीरज’ की रचना ‘अब तो मज़हब कोई ऐसा चलाया जाए ‘ का पाठ, नीता गुप्ता द्वारा निहाल सिंह की कविता- मित्रता का पाठ,अभिषेक व्यास द्वारा गोपालदास ‘नीरज’ की रचना ‘ हर मौसम सुख का मौसम है’ का पाठ, डॉ. नरेन्द्र कुमार गुप्ता द्वारा श्री सोहनलाल द्विवेदी की रचना ‘ कोशिश करने वालों की हार नहीं होती ‘ का पाठ, सुश्री ऋतम उपाध्याय द्वारा श्रीअरविन्द की कविता ‘इनविटेशन ‘ का दिनकरजी द्वारा किया गया अनुवाद ‘आमन्त्रण’ का पाठ, सुभाष जैन द्वारा डॉ.एस.के.मिश्र की कविता ‘मित्रता’ का पाठ, राजेश कुमार द्विवेदी द्वारा श्री उदय प्रताप सिंह की कविता ” फूल और कली ” का पाठ किया जाएगा।
रचना प्रेमियों से आग्रह
उल्लेखनीय है कि कार्यक्रम की अवधि एक घंटा तय है। प्रारंभ में 45 मिनट रचनाओं का पाठ और 15 मिनट रचनाओं पर सार्थक विमर्श होता है। इस आयोजन में कोई अपनी रचना नहीं पढ़ना है, बल्कि अपने प्रिय रचनाकार की रचना का पाठ करता है,वह भी बग़ैर किसी भूमिका के। ‘सुनें सुनाएं’ ने शहर के रचना प्रेमियों से आयोजन में उपस्थित रहने का आग्रह किया है।