धर्म संस्कृति : परमात्मा की भक्ति मां के आंचल जैसी और ज्ञान पिता की उंगली जैसा, मंदिर, उपाश्रय, घर में जब जाओ तो हृदय लेकर, बुद्धि को छोड़ दें बाहर ही
⚫ मुनिराज ज्ञानबोधी विजयजी म.सा. ने कहा
हरमुद्दा
रतलाम, 5 अगस्त। बालक जब मेले में जाता है तो पिता की उंगली पकड़ता है लेकिन मां का पल्ला नहीं छोड़ता है। क्योकि उसे विश्वास होता कि मां का आंचल नहीं छूटेगा। परमात्मा की भक्ति मां के आंचल जैसी ही होती है और ज्ञान पिता की उंगली जैसा है । भक्ति का आंचल पकड़कर रखोगे तो मोक्ष की प्राप्ति होगी। जीवन में ज्ञान और भक्ति दोनों होना चाहिए।
यह बात आचार्य श्री विजय कुलबोधि सूरीश्वरजी म.सा के शिष्य मुनिराज ज्ञानबोधी विजयजी म.सा. ने सैलाना वालों की हवेली मोहन टाकीज में प्रवचन के दौरान कहीं। मुनिराज ने कहा कि ज्ञान का बुद्धि से और भक्ति का हृदय से संबंध है। भक्त संवेदनशील जीवन जीते है। हमे ज्ञानी तो बनना है लेकिन भगवान का भक्त भी बनना है। मंदिर में हम हृदय लेकर जाते है, तो बुद्धि हमें दान देने से रोकती है। बुद्धि कहती है मत कर लेकिन हृदय कहता है कि कर ले। मंदिर, उपाश्रय, घर में जब जाओ तो हृदय लेकर जाए, बुद्धि को बाहर ही छोड़ दें।
हृदय का रस समाधान में
मुनिराज ने कहा कि बुद्धि को संघर्ष में रस रहता है लेकिन हृदय को समाधान में रस होता है। हृदय संवेदना से भरा हो तो मंदिर में जाने से फायदा है। परमात्मा के दो रूप वास्तविक और काल्पनिक है। वास्तविक ऑब्जेक्टिव है और काल्पनिक आइडल है। भगवान के दोनों रूपों में ताकत है। नास्तिक भगवान की मूर्ति को पत्थर बोलेगा, जबकि आस्तिक प्रभु की मूर्ति बोलेगा और भक्त को उसमे साक्षात प्रभु नजर आएंगे। जिसकी डिक्शनरी में मूर्ति नाम का शब्द न हो वह भक्त है। परमात्मा ऑब्जेक्टिव हो या आइडल उनके प्रभाव से ही मोक्ष मिलता है।
प्रभु वचन के पति रखे श्रद्धा शंका नहीं
मुनिराज ने कहा कि प्रभु हमे निर्भय, निश्चल और निर्मल बनाते है। मुनिराज ने कहा कि प्रभु के वचन के प्रति हमे श्रद्धा रखना है, शंका नहीं। हमें निर्भय, निश्चल और निर्मल बनना है। यह प्रभु की भक्ति से हमे मिलेगा। प्रवचन के दौरान बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाएं उपस्थित रहे।
चौथा युवा शिविर रविवार को होगा
सैलाना वालों की हवेली मोहन टॉकीज में श्री देवसूर तपागच्छ चारथुई जैन श्रीसंघ गुजराती उपाश्रय, श्री ऋषभदेवजी केशरीमलजी जैन श्वेताम्बर तीर्थ पेढ़ी के तत्वावधान में आचार्य श्री विजय कुलबोधि सूरीश्वरजी म.सा. की निश्रा में रविवार को चौथा युवा शिविर ” ऑल इज वेल ” विषय पर होगा। शिविर के लाभार्थी विधायक चेतन्य काश्यप एवं परिवार रहेगा। श्री संघ ने धर्मालुओं से अधिक से अधिक संख्या में शिविर में उपस्थित रहने का आव्हान किया है।