धर्म संस्कृति : कर्तव्य परायणता का पर्व है श्रावणी उपाकर्म
⚫ पंडित तरनी व्यास ने कहा
⚫ सर्व ब्राह्मण समाज द्वारा श्रावणी उपाकर्म का आयोजन
हरमुद्दा
रतलाम, 30 अगस्त। एकमात्र ब्राह्मण समाज है जो अपनी संतानो को अधिकार का पाठ नहीं पढाता, बल्कि सदैव कर्तव्य का पाठ पढ़ाता है। उसी का पर्व है श्रावणी उपाकर्म।
यह विचार पंडित तरनी व्यास ने व्यक्त किए। गंगा आश्रम पर सर्व ब्राह्मण समाज द्वारा आयोजित श्रावणी उपाकर्म में विशेष अतिथि के रूप मे रखे।
कार्यक्रम संयोजक पुष्पेन्द्र जोशी ने बताया कि प्रात: आचार्य पं चन्द्रशेखर जोशी के सान्निध्य में हिमाद्री, दशविध स्नान, तर्पण, हवन के साथ जनेऊ परिवर्तन संपन्न हुआ।
यह थे मौजूद
कार्यक्रम में पं अनिल भट्ट, बृजेन्द्र मेहता, महेश जोशी, जगदीश उपाध्याय, शरद शुक्ला, विजय शर्मा ,रवीन्द्र उपाध्याय, गोविंद उपाध्याय, कृष्ण गोपाल आचार्य, नरेंद्र पंड्या, बंसीलाल शर्मा, वीरेन्द्र कुलकर्णी, भूषण बर्वे, किशोर उपाध्याय सुन्दर लाल, अरविंद मिश्रा, भारत उपाध्याय, भैरू शंकर व्यास, अनिल जोशी, मनकामेश्वर जोशी, सुरेश जोशी,उत्तम शर्मा,भरत त्रिवेदी, आदित्य शर्मा, सुनील शर्मा, दुर्गा दास मेहता, संजय शिव शंकर दवे, अखिलेश भट्ट सहित बड़ी संख्या मे ब्राह्मण जन उपस्थित थे।