साहित्य सरोकार : इस बार आधी आबादी पढ़ेंगी अपनी प्रिय रचनाएं

⚫ ‘सुनें सुनाएं’ का तेरहवां सोपान 1 अक्टूबर को

हरमुद्दा
रतलाम, 27 सितंबर। देश और दुनिया में इस समय महिलाओं को उनके अधिकार देने पर बहस हो रही है,  ऐसे में रचनात्मक वातावरण बनाने के उद्देश्य से प्रारंभ किए गए ‘सुनें सुनाएं’ ने तेरहवें सोपान को महिलाओं पर ही केन्द्रित किया है। इस आयोजन में आधी आबादी अपनी प्रिय रचनाओं का पाठ करेंगी।’सुनें सुनाएं’ का तेरहवां सोपान 1 अक्टूबर 2023, रविवार को जी.डी. अंकलेसरिया रोटरी हॉल (एनैक्सी प्रथम तल) , रतलाम पर प्रातः 11 बजे होगा।

कवि साहित्यकार आशीष दशोत्तर ने हरमुद्दा को बताया कि आयोजन में नीता गुप्ता द्वारा अटल बिहारी वाजपेयी की रचना ‘उमर की ऐसी तैसी’ का पाठ, योगिता राजपुरोहित द्वारा अनुपमा भगत की कविता ‘आसान नहीं होता ‘ का पाठ, सुशीला भाटी द्वारा जुझारसिंह भाटी की रचना ‘मुझको बहुत भाती हैं तेरी बिंदियां’ का पाठ, आशा श्रीवास्तव द्वारा संजय सिंह की कविता ‘बाबूजी’ का पाठ, रीता दीक्षित द्वारा प्रदीप जी की रचना ‘चलो चलें मां ‘ का पाठ, सीमा बोथरा द्वारा रश्मि गुप्ता की रचना ‘नया कृष्णा आना होगा’ का पाठ, रजनी व्यास द्वारा उत्कर्ष यथार्थ की रचना ‘चोरियाॅं जो कहीं दर्ज़ नहीं होतीं ‘ का पाठ, अर्चना दलाल द्वारा सविता पाटिल की रचना ‘आत्मविश्वास’ का पाठ, आशारानी उपाध्याय द्वारा सिद्दीक़ रतलामी की रचना  ‘ गैरों को जाना पहचाना मत कहना’ का पाठ, सुशीला सिंह द्वारा श्री रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की रचना ‘क्षमा शोभती उस भुजंग को’ का पाठ किया जाएगा।

साहित्य प्रेमियों से आयोजन में उपस्थित होने का आह्वान

उल्लेखनीय है कि कार्यक्रम की अवधि एक घंटा प्रातः 11 बजे से 12 बजे तक  तय है। आयोजन के प्रारंभ में रचनाओं का पाठ होता है और शेष समय में रचनाओं पर सार्थक विमर्श। ‘सुनें सुनाएं’ ने शहर के रचनात्मक अभिरूचि के साथियों से उपस्थिति का आग्रह किया है।

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