मुख्यमंत्री का वार: अक्षम अधिकारियों व कर्मचारियों पर घर बिठाने की लटकाई तलवार
हरमुद्दा
रतलाम, 8 जुलाई। प्रदेश के उन अधिकारियों और कमर्चारियों पर मुख्यमंत्री कमलनाथ का वार शुरू हो गया, जो कार्य करने में अक्षम हैं। मुख्यमंत्री कि मंशा है कि प्रदेश के सरकारी विभागों में केवल कार्य करने वाले ही रहे। अक्षम अधिकारियों और कर्मचारियों को घर बिठाने की तलवार चला दी है।
मुख्यमंत्री की मंशा को अमलीजामा पहनाने के लिए सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रेमचंद मीना द्वारा शनिवार को हस्ताक्षरित आदेश प्रदेश के सभी विभाग प्रमुखों के अलावा संभागायुक्त, कलेक्टर और जिला पंचायत के सीईओ को जारी किया है।
यह है फरमान
सामान्य प्रशासन का फरमान है कि प्रदेश में ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों के अभिलेखों की छानबीन की जाए, जो अक्षम हैं और अक्षमता के साथ कार्य कर रहे हैं। यह फरमान उन अक्षम अधिकारियों व कर्मचारियों पर लागू होगा, जिनकी सेवा 20 वर्ष की हो गई है या फिर उनकी उम्र 50 के पार हो गई है। दोनों में से कोई एक पूरा हो रहा है तो उन्हें अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्ति दे दी जाए। याने कि ऐसे सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को घर का रास्ता दिखाया जाए। यह कार्रवाई करने के बाद 20 दिन में रिपोर्ट भी मांगी गई है।
व्यक्ति ही नहीं उसका परिवार भी होगा प्रभावित
मुद्दे बात तो यह है कि आखिर वे अधिकारी व कर्मचारी क्या करेंगे? जबकि उम्र के इस पड़ाव पर जिम्मेदारी के साथ खर्चे भी अधिक हो जाते हैं। इस फरमान से पेंशन आधी मिलेगी। कुल मिलाकर कार्य करने में अक्षम अधिकारी व कर्मचारी को सरकार ने भी नकारा व निकम्मा मान लिया है। ऐसे फरमान से व्यक्ति ही नहीं उसका परिवार प्रभावित होगा।