बड़ा फैसला कोर्ट का: समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री आजम खान फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट के मामले में सपरिवार दोषी करार, सात साल की सुनाई सजा
⚫ बेटा अब्दुल्ला और पत्नी डॉ. तंज़ीम फ़ातिमा भी दोषी
⚫बीजेपी नेता आकाश सक्सेना ने आजम खान के खिलाफ करवाया था मुकदमा दर्ज
⚫ एमपी एमएलए कोर्ट ने सुनाई सजा
⚫ यह मामला है 2017 में चुनाव के दौरान का
हरमुद्दा
रामपुर, 18 अक्टूबर। समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री आजम खान फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट के मामले में रामपुर एमपी एमएलए कोर्ट में सपरिवार दोषी माना है। आजम खान के साथ-साथ उनके बेटे अब्दुल्ला और पत्नी डॉ. तंज़ीम फ़ातिमा तीनों को सात-सात साल की सजा सुनाई गई है बीजेपी नेता आकाश सक्सेना ने आजम खान के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया था। अदालत द्वारा सजा का घोषणा करने के बाद तीनों को कोर्ट से सीधा जेल भेजा।
सपा नेता आजम खान को अदालत से करारा झटका लगा है। रामपुर की एमपी-एमएलएल कोर्ट ने फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में आजम खान, उनकी पत्नी तंजीन फातिमा और उनके बेटे अब्दुल्ला को दोषी करार देते हुए 7 साल की सजा सुनाई है। तीनों को सीधे जेल ले जाया जाएगा। यह केस 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से जुड़ा है। तब अब्दुल्ला आजम ने सपा की टिकट पर स्वार विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था। इस इलेक्शन में वो जीत गए थे, लेकिन रिजल्ट के बाद उनके खिलाफ हाईकोर्ट में केस दाखिल किया गया था। आरोप था कि अब्दुल्ला ने चुनावी फॉर्म में जो आयु बताई है। उनकी उम्र असल में उतनी नहीं है।
चुनाव रद्द किया था स्वार सीट का
आरोप है कि अब्दुल्ला आजम विधायक का इलेक्शन लड़ने की आयु का पैमाना पूरा नहीं करते हैं। शैक्षणिक प्रमाण पत्र में अब्दुल्ला की जन्म तिथि 1 जनवरी 1993 है, बर्थ सर्टिफिकेट के आधार पर उनका जन्म 30 सितंबर 1990 को बताया गया है। मामला हाईकोर्ट पहुंचने के बाद सुनवाई शुरू हुई। अब्दुल्ला द्वारा पेश किए गए जन्म प्रमाण पत्र को फेक पाया गया। इसके बाद स्वार सीट से उनका चुनाव रद्द कर दिया गया।
जन्म प्रमाणपत्र में अलग-अलग जन्म स्थान
अब्दुल्ला आजम पर जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर पासपोर्ट हासिल करने और विदेशी टूर करने के साथ सरकारी उद्देश्य के लिए दूसरे सर्टिफिकेट का इस्तेमाल करने का आरोप है। उन पर जौहर यूनिवर्सिटी के लिए इसका इस्तेमाल करने का भी आरोप है। अब्दुल्ला के पास दो जन्म प्रमण पत्र हैं। एक 28 जून 2012 को रामपुर नगर पालिका ने जारी किया था। जिसमें रामपुर को विधायक के जन्म स्थान के रूप में दिखाया गया। दूसरा जन्म प्रमाण पत्र जनवरी 2015 में जारी किया गया, जिसमें लखनऊ में जन्मस्थान दिखाया गया।