चुनावी सभा : रतलाम में हकीकत कुछ भी नहीं, फसना ही फसाना है
⚫ कांग्रेस प्रत्याशी पारस सकलेचा ने चुनावी सभा में कहा
⚫ शनिवार की रात को धानमंडी में हुई पहली चुनावी सभा
हरमुद्दा
रतलाम 5 नवंबर। कहता है जोकर सारा जमाना आधी हकीकत आधा फसाना और रतलाम में तो हकीकत कुछ भी नहीं है फसाना ही फसाना है। उन लोगों को शर्म नहीं आई जो टोपी पहन के घूम रहे हैं और जिसको चुनाव लड़ना है वह घर पर बैठा है और तुम लोग टोपी पहन कर घूम रहे हो वह भी आ जाए मैदान में टोपी पहनकर परंतु उसके नाप की टोपी नहीं होगी। क्या वही है चेहरा पुराना वही झूठ, फरेब। जब मैं बहन की बात करता हूं तो मुझे मामा की याद आती है
यह बात कांग्रेस उम्मीदवार पारस सकलेचा ने कहीं। श्री सकलेचा शनिवार की रात को धानमंडी में पहली चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे। कांग्रेस के नीलू अग्रवाल ने बताया कि मंच पर शहर अध्यक्ष महेंद्र कटारिया, कांग्रेस जिला अध्यक्ष मयंक जाट, महिला अध्यक्ष कुसुम चाहर, प्रभु राठौड़ शांतिलाल वर्मा, जेवियर मईडा, रजनीकांत व्यास, फैयाज मंसूरी, सुजीत उपाध्याय आदि कांग्रेस के पदाधिकारी मौजूद थे। वही आमसभा में रतलाम की जनता का सैलाब उमड़ पड़ा। सभा को कांग्रेस जिला अध्यक्ष मयंक जाट ने भी संबोधित किया।
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श्री सकलेचा ने कहा कि शिवराज जी आप मेरे दोस्त हो। प्रिय मित्र भी हो। आपने दोनों को जय और वीरू बता दिया तो गब्बर कौन है? यह भी बता देते। साथ में मैं बोलूंगा तो बोलोगे कि बोलता है मैं नहीं बोलूंगा परंतु ठाकुर अपने पांव से कुचल कुचल कर गब्बर को मारेगा । शोले भाग 1। भाग 2 तो भोपाल से चल रहा है उद्योग डलवाया बदनावर में । स्कूल खोला बदनावर में। नए उद्योग का एक्सटेंशन किया वापी में। अपना हेड ऑफिस बनाया मुंबई में। अपना स्टूडियो बनाया मुंबई में। रतलाम में ठेंगा। चेतना अखबार चलाया बंद कर दिया। 120 कर्मचारी बेरोजगार हो गए। चेतना टीवी भी चलाया बंद कर दिया। 60 कर्मचारी बेकार हो गए। हम पूछेंगे आपसे आप राजनीति करने आए हो रतलाम को क्या दिया?