मथुरा में मोदी : वृंदावन सा वन नहीं, नंदगांव जैसा गांव नहीं और वंशी वट जैसा कहीं वट नहीं, मथुरा और ब्रज विकास की दौड़ में पीछे नहीं
⚫ देव प्रबोधिनी एकादशी पर मथुरा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा
⚫ मीरा के विरह को हेमा मालिनी ने मंचन में उकेरा, दर्शकों की आंखों से छलके आंसू
⚫ मीराबाई जयंती पर जारी किया डाक टिकट और 525 रुपये का सिक्का
हरमुद्दा
गुरुवार 23 नवंबर। देव प्रबोधिनी एकादशी यानी कि देव दीपावली के पुण्य अवसर पर गुरुवार शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश की कृष्णनगरी मथुरा पहुंचे। यहां सबसे पहले प्रधानमंत्री ने श्रीकृष्ण जन्मस्थान में दर्शन किए और पूजा पाठ की। इसके बाद ब्रज रज कार्यक्रम में पहुंचे और मीराबाई पर डाक टिकट और 525 रुपये का सिक्का जारी किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि वृंदावन सा वन नहीं, नंदगांव जैसा गांव नहीं और वंशी वट जैसा कहीं वट नहीं। यह संतों ने बिल्कुल सही कहा है। मथुरा और ब्रज विकास की दौड़ में पीछे नहीं रहेंगे। यहां भगवान के दर्शन और भी दिव्यता से होंगे। खुशी है कि यहां ब्रज तीर्थ विकास की स्थापना की गई है।
यहां की भूमि साधारण नहीं
पीएम मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत राधे-राधे से करते हुए कहा सबसे पहले क्षमा चाहता हूं कि चुनाव में था, मेरा सौभाग्य है कि आज ब्रज के दर्शन का अवसर मिला। ब्रज वासियों के दर्शन का अवसर मिला। यहां वही आता है जिसे कृष्ण बुलाते हैं। ये साधारण धरती नहीं है। ये श्याम और लाड़ली जी के प्रेम का अवतार है।
‘श्यामा-श्याम जू’ का अपना धाम
मेरा सौभाग्य है कि मुझे आज ब्रज के दर्शन का अवसर मिला है, ब्रजवासियों के दर्शन का अवसर मिला है। क्योंकि यहां वही आता है जिसे श्रीकृष्ण और श्रीजी बुलाते हैं। ये कोई साधारण धरती नहीं है। ये ब्रज तो हमारे ‘श्यामा-श्याम जू’ का अपना धाम है। ब्रज ‘लाल जी’ और ‘लाडली जी’ के प्रेम का साक्षात अवतार है। ये ब्रज ही है, जिसकी रज भी पूरे संसार में पूजनीय है।
नारी का आत्म बाल दिखता है संसार को दिशा
पीएम मोदी ने कहा कि हमारा भारत हमेशा से नारी शक्ति को बढ़ावा देने वाला देश रहा है। यहां कान्हा की नगरी में भी लाड़ली सरकार की ही चलती है। कृष्ण के पहले भी राधा लगता है, तभी उनका नाम पूरा होता है। मीराबाई जैसी संत ने दिखाया कि नारी का आत्मबल पूरे संसार को दिशा दिखाने का कार्य करता है। मीरा बाई मध्यकाल की महान महिला ही नहीं थी बल्कि महान सामाज सुधारक भी थीं।
84 कोस का ब्रिज मंडल अप और राजस्थान को जोड़कर बना
गुजरात के लोगों को ब्रज में आने का सौभाग्य मिलता है तो उसे द्वारिकाधीश की कृपा मानते हैं। मुझे तो मां गंगा ने बुलाया और 2014 से आकर आपके बीच बस गया। इस महोत्सव में संत मीराबाई के नाम पर सिक्का और टिकट जारी करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। 84 कोस का ये ब्रज मंडल यूपी और राजस्थान को जोड़कर बनता है। इस समारोह में आना इसलिए भी विशेष है क्योंकि भगवान कृष्ण से लेकर मीराबाई तक गुजरात का अलग ही रिश्ता रहा है। मथुरा के कान्हा ने यहां से जाकर गुजरात में द्वारिका बनाई। मीराबाई ने राजस्थान से आकर अंत समय गुजरात में बिताया।
ब्रज में पूरी तरह से रम गई सांसद हेमा मालिनी
श्री मोदी ने मीराबाई के चरणों में नमन करते हुए ब्रज के सभी संतों को प्रणाम करता हूं। हेमा मालिनी सांसद तो हैं लेकिन वो ब्रज में पूरी तरह रम गई हैं।
यहां नहीं था मीराबाई का कहीं कुछ : सांसद हेमा मालिनी
संत मीराबाई की 525वीं जयंती पर भाजपा सांसद हेमा मालिनी ने कहा, “मैं जब से यहां सांसद बनकर आई हूं तब से मैंने देखा है कि बहुत से साधू-संतों के स्थल बने हैं लेकिन मीराबाई के बारे में कहीं कुछ नहीं है। मैंने पीएम मोदी से अपना दुख प्रकट किया तो उन्होंने तुरंत इस बात को माना और आज मीराबाई के लिए यह समारोह हो रहा है।”
मीरा को दिया गया जहर
मीरा बाई नृत्य नाटिका में हेमा मालिनी के अभिनय को देख दर्शक मंत्रमुग्ध दिखाई दिए। प्रेम की पीर और विरह की वेदना, जब मीरा को जहर का प्याला दिया गया, तो मीरा भी श्रीकृष्ण का नाम लेते हुए जहर पी गईं। सबको लगा कि अब मीरा जीवित नहीं बचेगी, लेकिन विष का प्याला मीरा के लिए अमृत बन गया।
मंत्रमुग्ध दिखाई दिए दर्शक
हेमामालिनी ने मीरा की भगवान कृष्ण के प्रति अनन्य भक्ति का सजीव चित्रण किया। दिखाया कि किस तरह ससुराल जनों द्वारा उन्हें भक्ति मार्ग से उद्वेलित करने के लिए अपमानित किया गया। मीरा को उनके पति ने कैसे समझाया। ऐसी भक्ति के नाट्य की प्रस्तुति को देख दर्शक मंत्रमुग्ध दिखाई दिए। मीराबाई नृत्य नाटिका में हेमा मालिनी की शानदार प्रस्तुति ब्रज रज उत्सव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने मीराबाई नृत्य नाटिका में हेमा मालिनी ने मीरा के कृष्ण प्रेम के विरह को नृत्य से उकेरा। सांसद की नाट्य प्रस्तुति ने दर्शकों की खूब तालियां बटोरीं।