परिणाम विश्लेषण : कर्मचारियों की पसंद रहे कांग्रेस प्रत्याशी, रतलाम जिले की चार विधानसभा सीट पर कांग्रेस का कब्जा तो भाजपा को एक सीट पर ही करना पड़ा संतोष

रतलाम ग्रामीण विधानसभा सीट पर लक्ष्मण सिंह डिंडोर

सैलाना विधानसभा सीट पर हर्ष विजय गहलोत गुड्डू

जावरा विधानसभा सीट पर वीरेंद्र सिंह सोलंकी

आलोट विधानसभा सीट पर मनोज चावला

रतलाम शहर में कर्मचारियों को भाजपा प्रत्याशी चैतन्य काश्यप रहे विधायक के रूप में पसंद

59 कर्मचारियों ने किया नोटा का उपयोग

546 कर्मचारियों के मत हुए निरस्त

हेमन्त भट्ट
रतलाम, 4 दिसंबर। निर्वाचन निर्णय के दिन रविवार को तय समय पर स्ट्रांग रूम से ईवीएम निकालने का कार्य शुरू हुआ। रविवार सुबह सुबह 8 बजे पोस्टल बैलट पेपर की गणना शुरू हुई। जो कि ईवीएम मतों की गिनती तक चलती रही। कर्मचारियों की बात करें तो जिले की पांच विधानसभा सीट में से चार सीट कांग्रेस के पक्ष में रही। एक पर भाजपा प्रत्याशी विजय ही रहे। कर्मचारियों की पहली पसंद कांग्रेस प्रत्याशी ही रहे हैं। इस मायने में कांग्रेस के उम्मीदवार चार सीटों पर विजय रहे। कर्मचारियों ने तो भाजपा उम्मीदवारों को नकार दिया, मगर आम जनता ने उन्हें जिताया। खास बात यह रही की 59 कर्मचारियों ने नोटा का प्रयोग किया। 546 कर्मचारियों के मत निरस्त हुए हैं। मतलब साफ है कि जिन्हें मतदान के लिए प्रेरित करने की जिम्मेदारी भी थी वह स्वयं ही ढंग से मतदान नहीं कर पाए या अपना विधायक नहीं चुन पाए।

रतलाम ग्रामीण विधानसभा सीट : कांग्रेस प्रत्याशी विजय

कर्मचारियों की पसंद के कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह डिंडोर

कांग्रेस उम्मीदवार को मिले 381

भाजपा प्रत्याशी को मिले 251

निर्दलीय प्रत्याशी डॉक्टर अभय ओहरी को मिले 45 मत

25 कर्मचारियों के मध्य हुए निरस्त

चार कर्मचारियों को 5 उम्मीदवार में से कोई नहीं आया पसंद

रतलाम ग्रामीण क्षेत्र के कर्मचारियों ने रतलाम ग्रामीण विधानसभा सीट के कांग्रेस प्रत्याशी लक्ष्मण सिंह डिंडोर को अपने विधायक के रूप में पसंद किया। शासकीय कर्मचारियों ने भाजपा प्रत्याशी मथुरालाल डामर को 251 मत दिए जबकि कांग्रेस प्रत्याशी लक्ष्मण सिंह डिंडोर को 381 मत मिले। निर्दलीय प्रत्याशी डॉक्टर अभय ओहरी को 45 मत मिले। इस तरह कर्मचारियों ने 381 मतों से प्रत्याशी डिंडोर को विजय बना दिया। खास बात यह रही की शासकीय कर्मचारियों के 25 मत भी रिजेक्ट हो गए, वे सही तरीके से निशान नहीं लगा पाए। इतना ही नहीं चार कर्मचारियों को रतलाम ग्रामीण विधानसभा सीट के पांचों उम्मीदवार में से कोई भी पसंद नहीं आया। इससे स्पष्ट है कि कर्मचारियों को कांग्रेस की सरकार चाहिए थी।

रतलाम शहर विधानसभा : भाजपा प्रत्याशी विजय

कर्मचारियों की भी पसंद बने विधायक चैतन्य काश्यप

भाजपा प्रत्याशी काश्यप को मिले 1593 मत

कांग्रेस प्रत्याशी सकलेचा को मिले 1037 मत

253 कर्मचारियों के मत हुए निरस्त

26 कर्मचारियों को 8 प्रत्याशियों में से कोई भी पसंद नहीं आया

रतलाम शहर के कर्मचारियों ने रतलाम शहर विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी चैतन्य काश्यप को प्रत्याशी को अपना विधायक माना। शासकीय कर्मचारियों ने भाजपा प्रत्याशी काश्यप को 1593 मत दिए जबकि कांग्रेस प्रत्याशी पारस सकलेचा को 1037 मत मिले। इस तरह कर्मचारियों ने अपने विधायक के रूप में काश्यप को विजय बना दिया। खास बात यह रही की शासकीय कर्मचारियों के 253 मत भी रिजेक्ट हो गए, वे सही तरीके से निशान नहीं लगा पाए। इतना ही नहीं 26 कर्मचारियों को आठ प्रत्याशियों में से कोई भी पसंद नहीं आया। इसका मतलब साफ है कि कांग्रेस प्रत्याशी पारस सकलेचा को न केवल मतदाताओं ने अपितु कर्मचारियों ने भी सिरे से नकार दिया

सैलाना विधानसभा : कांग्रेस प्रत्याशी विजय

कर्मचारियों के पसंद के कांग्रेस विधायक हर्ष विजय गहलोत गुड्डू

कांग्रेस प्रत्याशी को मिले 900 मत

भाजपा प्रत्याशी को मिले 252 मत

भारत आदिवासी विकास पार्टी को मिले 183 मत

90 मत हो गए निरस्त

नौ कर्मचारियों को 10 उम्मीदवारों में से कोई भी नहीं आया पसंद

कर्मचारियों ने सैलाना विधानसभा सीट के कांग्रेस प्रत्याशी हर्ष विजय गहलोत गुड्डू को बहुमत देकर अपना विधायक माना ल । शासकीय कर्मचारियों ने भाजपा प्रत्याशी संगीता चारेल को 252 मत दिए जबकि कांग्रेस प्रत्याशी हर्ष विजय गहलोत गुड्डू को 900 मत मिले। भारत आदिवासी पार्टी प्रत्याशी कमलेश्वर डोडियार को 183 मत मिले। इस तरह कर्मचारियों ने विधायक गहलोत को विजय बना दिया। खास बात यह रही की शासकीय कर्मचारियों के 90 मत भी रिजेक्ट हो गए, वे सही तरीके से निशान नहीं लगा पाए। इसके साथ ही 9 कर्मचारी ऐसे रहे जिनको 10 उम्मीदवारों में से कोई भी विधायक के रूप में पसंद नहीं आया।

जावरा विधानसभा सीट : कांग्रेस प्रत्याशी विजय

कर्मचारियों की पसंद के कांग्रेस विधायक वीरेंद्र सिंह सोलंकी

कांग्रेस प्रत्याशी वीरेन्द्रसिंह सोलंकी को 995 मत

भाजपा प्रत्याशी राजेंद्र पांडे को 676 मत

निर्दलीय उम्मीदवार जीवनसिंह शेरपुर को 248 मत

158 मत हुए निरस्त

16 कर्मचारियों को 8 में से कोई भी उम्मीदवार नहीं आया पसंद

कर्मचारियों ने जावरा विधानसभा सीट के प्रत्याशी को वीरेंद्र सिंह सोलंकी को अपना विधायक माना। शासकीय कर्मचारियों ने भाजपा प्रत्याशी राजेंद्र पांडेय को 676 मत दिए जबकि कांग्रेस प्रत्याशी वीरेंद्र सिंह सोलंकी को 995 मत मिले। निर्दलीय प्रत्याशी जीवन सिंह शेरपुर को 248 मत मिले। इस तरह कर्मचारियों ने कांग्रेस उम्मीदवार सोलंकी को विजय बना दिया। खास बात यह रही की शासकीय कर्मचारियों के 158 मत भी रिजेक्ट हो गए, वे सही तरीके से निशान नहीं लगा पाए। इसके साथ ही 16 कर्मचारी ऐसे रहे जिनका 8 उम्मीदवार में से कोई भी पसंद नहीं आया।

आलोट विधानसभा सीट : कांग्रेस प्रत्याशी विजय

कर्मचारियों की पसंद के कांग्रेस विधायक मनोज चावला

भाजपा प्रत्याशी चिंतामणि मालवीय को मिले 323 मत

कांग्रेस प्रत्याशी मनोज चावला को मिले 427 मत

निर्दलीय प्रत्याशी प्रेमचंद गुड्डू को मिले 115 मत

20 कर्मचारियों के मत हुए रिजेक्ट

9 उम्मीदवार में से चार कर्मचारियों को कोई भी नहीं आया पसंद

कर्मचारियों ने आलोट विधानसभा सीट के कांग्रेस प्रत्याशी मनोज चावला को अपना विधायक माना। शासकीय कर्मचारियों ने भाजपा प्रत्याशी डॉक्टर चिंतामणि मालवीय को 323 मत दिए जबकि कांग्रेस प्रत्याशी मनोज चावला को 427 मत मिले। निर्दलीय प्रत्याशी प्रेमचंद गुड्डू को 115 मत मिले। इस तरह कर्मचारियों ने कांग्रेस प्रत्याशी चावला को विजय बना दिया। खास बात यह रही की शासकीय कर्मचारियों के 20 मत भी रिजेक्ट हो गए, वे सही तरीके से निशान नहीं लगा पाए। यहां पर चार कर्मचारी ऐसे थे जिनका 9 प्रत्याशियों में से कोई भी पसंद नहीं आया।

यह बड़ी उपलब्धि

रतलाम जिले की पांच विधानसभा सीट पर कर्मचारियों ने जो अपने मताधिकार का उपयोग किया है इसका आशय तो यही है कि उन्हें भाजपा के उम्मीदवार कतई पसंद नहीं थे। पसंद थे तो केवल और केवल कांग्रेस के उम्मीदवार ही, हां यह बात दीगर है कि रतलाम शहर में कर्मचारियों की पसंद भाजपा के प्रत्याशी चैतन्य काश्यप रहे हैं। यह बड़ी उपलब्धि मानी जा सकती है।

भाजपा सरकार से खासे नाराज कर्मचारी

मगर खास बात यह है कि 59 कर्मचारियों ने नोटा का उपयोग किया है, वहीं 546 कर्मचारियों के मत निरस्त भी हुए हैं। संकेत साफ-साफ रूप से बता रहे हैं कि कर्मचारी भाजपा प्रशासन से खासे नाराज थे। इसीलिए उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशियों को ही अपना मत दिया।

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