बीमारी की दहशत : एक बार फिर बढ़ने लगा है भारत सहित अन्य देशों में कोरोना महामारी का प्रकोप, सावधानी में ही बचाव
⚫ क्रिसमस और न्यू एयर के पहले बीमारी फैली
⚫ कोरोना के नए वेरिएंट का नाम जेएन.1
⚫ गोवा में भी जेएन.1 के 15 मामले
⚫ केंद्र सरकार ने राज्यों को किया अलर्ट
हरमुद्दा
नई दिल्ली, 19 दिसंबर। भारत समेत अन्य देशों में कोरोना महामारी का प्रकोप एक बार फिर बढ़ने लगा है। केरल में कोरोना के नए वेरिएंट जेएन.1 के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। वहीं गोवा में भी जेएन.1 के 15 मामले पाए गए हैं। इसके बाद केंद्र सरकार ने राज्यों के लिए अलर्ट जारी कर दिया है। राज्यों से अस्पतालों में पूरी तैयारियां रखने को कहा गया है। साथ ही आम जनता से अपील की गई है कि वे कोरोना की बेसिक गाइडलाइन का पालन करें।
केंद्र सरकार ने कोरोना नए वैरिएंट को लेकर एडवाइजरी जारी की है। राज्यों को भेजे गए दिशा-निर्देश में लापरवाही नहीं बरतने को कहा गया है। जानकारी के मुताबिक, केंद्र ने भारत में जेएन.1 वैरिएंट का पहला मामला सामने आने और कोरोना संक्रमितों की संख्या में बढ़ोतरी के बीच राज्यों से लगातार निगरानी बनाए रखने को कहा है। इसके अलावा आगामी त्योहार, छुट्टियों से पहले केंद्र ने राज्यों को पत्र लिखकर उन्हें कोविड संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए आवश्यक कदम उठाने की सलाह दी गई है।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने लिखा पत्र
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव सुधांश पंत ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे एक पत्र में जोर दिया कि केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर काम करना होगा। उनके बीच लगातार मामले पर चर्चा होनी चाहिए। साथ मिलकर ही हम कोरोना के मामलों की संख्या कम कर पाए हैं। उन्होंने कहा कि अभी कोरोना गया नहीं है। वायरस का प्रकोप अब भी जारी है। इसलिए इसे लड़ाई की मुहिम हमें जारी रखनी होगी।
सब वैरिएंट जेएन.1 का पहला मामला केरल में
सुधांश पंत ने कहा कि हाल में केरल जैसे कुछ राज्यों में कोरोना के मामलों की संख्या में मामूली वृद्धि हुई है। भारत में कोरोना के सब वैरिएंट जेएन.1 का पहला मामला आठ दिसंबर को केरल में सामने आया था। आगामी त्योहारी मौसम को ध्यान में रखते हुए हमें जरूरी कदम उठाने होंगे। राज्यों से अपील की गई है कि वे केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की कोविड-19 की संशोधित गाइडलाइन का पालन करें और उसका सख्ती से पालन भी कराएं।
आरटी-पीसीआर और एंटीजन जांच में बैलेंस जरूरी
उन्होंने राज्यों से मामलों का जल्द पता लगाने के लिए सभी स्वास्थ्य सुविधाओं में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) और गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी (एसएआरआई) के मामलों की निगरानी और रिपोर्ट पर जोर देने को कहा है। राज्यों को यह भी सलाह दी गई है कि वे सभी जिलों में कोरोना जांच की व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें। आरटी-पीसीआर और एंटीजन जांच में बैलेंस भी बनाना भी जरूरी है।
कमजोर इम्यूनिटी वाले रहे सतर्क
बुजुर्ग और बच्चे भीड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें। यही बात कमजोर इम्यूनिटी वालों पर लागू होती है। जो लोग ऐसे स्थानों पर जा रहे हैं, वे मास्क का उपयोग करें। घर या ऑफिस में समय-समय पर हाथ धोते रहें। सर्जी-जुकाम को हल्के में न लें। डॉक्टर से मिले और सलाह के अनुसार इलाज करवाएं।
सोशल डिस्टेंसिंग का पालन जरूरी
स्वास्थ्य मंत्रालय ने आगामी त्योहारी सीजन को ध्यान में रखते हुए इन नियमों के पालन पर जोर किया है। जहां संभव में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें।
हैंड सेनीटाइज और मास्क अनिवार्य
केंद्र सरकार की गाइडलाइन जारी होने के बाद राज्यों ने भी सतर्कता बरतना शुरू कर दिया है। कर्नाटक सरकार ने खांसी, कफ और बुखार जैसे लक्षणों के मद्देनजर बुजुर्गों (60 वर्ष से अधिक) और अन्य बीमारियों से पीड़ित लोगों को अनिवार्य रूप से फेस मास्क पहनने के लिए कहा है।