डर, जिज्ञासा और कौतूहल : कुएं में गिरे तेंदुए का मशक्कत के बाद हुआ रेस्क्यू, सुरक्षित आया पिंजरे में
1 min read⚫ तीन चार घंटे के अथक प्रयास के बाद तेंदुए का हुआ रेस्क्यू
⚫ पहली बार रस्सी और पिंजरे की मदद से हुआ रेस्क्यू
हरमुद्दा
रतलाम 31 दिसंबर। जिले के सैलाना तहसील के गांव अम्बाकुडी के एक खेत के कुएं में गिरे तेंदुए को रतलाम की टीम द्वारा सुरक्षित निकाल लिया गया है। तेंदुए को निकालने के लिए वनकर्मियों ने पिंजरा भी लगाया था। इस दौरान कुएं के आसपास काफी संख्या में लोगों की भीड़ जमा हो गई। लोगों में डर भी था, जिज्ञासा भी थी और कौतूहल भी था।
अम्बाकुडी निवासी कैलाश निनामा के खेत पर बने कुए में दोपहर करीब एक बजे तेंदुए के गिरने की खबर आई थी। सूचना मिलने पर वनकर्मी मौके पर पंहुचे और रेस्क्यू कार्य शुरू कर दिया। वन विभाग के दल के पहुंचने के पहले काफी संख्या में भीड़ जमा हो गई। लोग तेंदुए को देखने के लिए कुएं में झांक रहे थे। कुए अंदर उछल कूद कर रहा था। डर के चलते लोग बार-बार भाग रहे थे। लोगों में जहां तेंदुए को निकालने की जिज्ञासा थी, वहीं कौतूहल भी नजर आया। इसके साथ ही डर भी लग रहा था कि छलांग लगाकर तेंदुआ कहीं बाहर ना आ जाए।
रस्सी की मदद से पकड़ा और डाला पिंजरे में
इस रेस्क्यू को लेकर जानकारी सामने आई है कि पहली बार रतलाम जिला स्तर ऐसा रेस्क्यू हुआ, जहा बिना ट्रांक्यूलाइजर गन की मदद से तेंदुए को फंदे की मदद से पिजरे में कैद कर लिया गया। वही रेस्क्यू को रतलाम मंडल के वन्य अधिकारियो ने अपने स्तर पर सफल कर दिखाया।
इनकी रही सराहनीय भूमिका
इस दौरान डीएफओ डी एस निंगवाल, रेंजर सीमा सिंह परिहार, शिवगढ़ रेंजर के के नागोरिया, डिप्टी रेंजर कमल सिंह, गजराज डोडिया, रघुवीर सिंह चुण्डावत, वन रक्षक महेंद्र सिंह डोडिया, पप्पू सिंह देवड़ा, लखन सिंह सिसोदिया, रेस्कू प्रभारी डिप्टी रेंजर शंकर परमार, श्रमिक शंकर, राजेंद्र सिंह गेहलोत की भूमिका सराहनीय रही।