साहित्य सरोकार :”मुट्ठी भर सितमगर,लूट रहे पूरा का पूरा घर”
⚫ कवि श्याम माहेश्वरी दानिश अलीगढ़ी स्मृति सम्मान से सम्मानित
हरमुद्दा
रतलाम, 31 दिसंबर। प्रतीकों के माध्यम से प्रभावी कविता के सूत्र प्रदान करने वाले वरिष्ठ जनकवि श्याम माहेश्वरी को जनवादी लेखक संघ, रतलाम द्वारा स्थापित ‘ दानिश अलीगढ़ी स्मृति सम्मान’ 2023 के लिए प्रदान किया गया। श्री माहेश्वरी को सम्मान के तहत शाल, श्रीफल एवं प्रतीक चिह्न प्रदान कर सम्मानित किया गया।
स्वतंत्र भारत के पूर्व का देखा परिदृश्य श्याम जी ने : प्रोफेसर चौहान
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रो. रतन चौहान ने कहा कि श्याम माहेश्वरी उसे पीढ़ी के कवि हैं जिसने स्वतंत्र भारत से पूर्व का परिदृश्य भी देखा है । उन्होंने सामाजिक बंधुत्व एवं सौहार्द के वातावरण में सांस ली है। वे और दानिश भाई गंगा-जमुनी संस्कृति के दौर के कवि हैं । ऐसे रचनाकारों का सम्मानित होना आज के समय की आवश्यकता है । हमारी साहित्यिक और सांस्कृतिक धरोहर को कायम रखने के लिए इस पीढ़ी का सम्मान सुखद है।
गजलों के माध्यम से देश में किया स्थान ऊंचा
सचिव सिद्दीक़ रतलामी ने इस अवसर पर दानिश अलीगढ़ी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उस्ताद शायर दानिश अलीगढ़ी ने अपनी ग़ज़लों के माध्यम से पूरे देशभर में बहुत ऊंचा स्थान प्राप्त किया था। रतलाम में उनकी स्मृतियां बनी रहे , इस उद्देश्य से जनवादी लेखक संघ द्वारा प्रतिवर्ष उनकी याद में यह सम्मान प्रदान की शुरुआत की गई है।उन्होंने दानिश अलीगढ़ी की ग़ज़लें भी प्रस्तुत की।
श्याम माहेश्वरी ने भी किया कविता पाठ
इस अवसर पर सम्मानित कवि श्याम माहेश्वरी भी अपनी कविताएं पढ़ी । कविता प्रस्तुत करते हुए उन्होंने , ‘सितमगर मुट्ठी भर,लूट रहे पूरा का पूरा घर ‘ , हथेली मत फैलाओ साथियों,युग की बदनामी होगी, तथा अन्य कविताएं भी प्रस्तुत कर उपस्थितजनों को अपनी शैली, हाव-भाव एवं शब्दों से प्रभावित किया।
जनवादी लेखक संघ रतलाम के अध्यक्ष अध्यक्ष रणजीत सिंह राठौर ने इस अवसर पर कहा कि यह सम्मान प्रतिवर्ष जनवादी लेखक संघ उर्दू विंग प्रदेश कार्यसमिति सह प्रभारी सिद्दीक़ रतलामी द्वारा संयोजित है। प्रथम सम्मान वर्ष 2022 के लिए वरिष्ठ कवि एवं भाषाविद डॉ. जयकुमार ‘जलज’ को दिया गया था। वर्ष 2023 का सम्मान अपनी कविताओं के माध्यम से जन पक्षधरता को मुखरित करने वाले वरिष्ठ कवि श्याम माहेश्वरी को समारोह पूर्वक दिया जा रहा है।
जनसामान्य की पीड़ाओं को उभारा कविता के माध्यम से : दशोत्तर
साहित्यकार आशीष दशोत्तर ने कहा कि कवि श्याम माहेश्वरी ने अपनी कविताओं के माध्यम से सामान्य जन की पीड़ाओं को बखूबी उभारा है। अपनी कविताओं में बिंबों के माध्यम से प्रभावी बात कहने का अनोखा हुनर श्याम माहेश्वरी के पास है। श्री माहेश्वरी की कविता के तेवर और बिम्ब अद्भुत हैं। वे जनवादी लेखक संघ एवं शहर की रचनात्मक गतिविधियों के माध्यम से विगत साठ वर्षों से साहित्य सेवा कर रहे हैं । उनकी कविताओं को देशभर में सराहा भी गया है।
रचनाओं से रचा अद्भुत संसार : जावेदी
संचालन करते हुए कवि युसूफ़ जावेदी ने कहा कि श्याम माहेश्वरी ने अपनी रचनाओं के जरिए अपना एक अद्भुत संसार रचा है। यह संसार नई पीढ़ी को प्रेरित करता है और कवि समुदाय को आश्वस्त भी करता है।
ये रहे मौजूद
सम्मान समारोह में कवि अकरम शेरानी, निज़ाम राही,विष्णु बैरागी, सुभाष यादव, डॉ. मोहन परमार कैलाश विजयवर्गीय, जितेंद्र सिंह पथिक, कीर्ति कुमार शर्मा, बालकिशन माहेश्वरी, चंदन माहेश्वरी, जयवंत गुप्ता, हीरालाल खराड़ी, अनीस मोहम्मद खान, सुरेंद्र छाजेड़, मांगीलाल नगावत, सत्यनारायण सोढ़ा, राजीव शर्मा, हरिशंकर भटनागर, पठान मोहम्मद सलीम, गीता राठौर, चरणसिंह यादव सहित सुधीजन मौजूद थे।