साहित्य सरोकार :‘माटी मेरे देश की’ पुस्तक का हुआ विमोचन
⚫ देश के मूर्धन्य साहित्यकार और प्रशासनिक अधिकारी हुए शामिल
⚫ कथक शैली में हुई गणेश वंदना
⚫ साहित्य मनीषी को सम्मानित कर किया पुरस्कृत
हरमुद्दा
सागर, 3 जनवरी। गांधी शांति प्रतिष्ठान में डॉ.संतोष कुमारी ‘संप्रीति’ द्वारा संपादित काव्य संकलन ‘माटी मेरे देश की’ पुस्तक के विमोचन का किया गया। इसमें देश के मूर्धन्य साहित्यकारों एवं प्रशानिक अधिकारियों ने अपनी सक्रिय भागीदारी दर्ज़ की।
दो सत्रों में आयोजित यह कार्यक्रम बहुत ही भव्य रहा ।डॉ. ‘संप्रीति’ द्वारा कार्यक्रम की उद्घोषणा करते ही पूरा सभागार करतल ध्वनि से गूँज उठा। इसके बाद डॉ.संतोष कुमारी ‘संप्रीति’, ए.सी.पी. राजेंद्र ‘कलकल’ जो कि बहुत अच्छे शायर,कवि भी हैं, वरिष्ठ साहित्यकार एवं नाट्यकर्मी नरेश शांडिल्य, देश के प्रसिद्ध गीतकार एवं साहित्यकार प्रमोद मिश्र निर्मल’ जी ने मंचासीन अपने सभी अतिथितियों के साथ सामूहिक रूप से ज्ञान-प्रकाश प्रसारार्थ दीप प्रज्वलित करके लोकमंगल की कामना की।
कथक शैली में हुई गणेश वंदना
दीप प्रज्वलन के बाद प्रियंका छाबड़ा ने बहुत ही मनोहारी परिसज्जा एवं दिव्य भाव के साथ कथक शैली में गणेश वंदना प्रस्तुत की। यह दृश्य सचमुच में भौतिक जगत में आध्यात्मिकता का बोध करा रहा था। सभागार में उपस्थित काव्यमनीषी इस भाव-भंगिमा को नमन कर रहे थे ।गणेश वंदना के बाद अवनी शर्मा ने सररस्वती वंदना प्रस्तुत की । अवनी शर्मा की मधुर और हृदयस्पर्शी स्वरलहरी ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके बाद साहित्य मनीषियों को सम्मानित एवं पुरस्कृत किया गया।
कवियों ने किया काव्य पाठ
पुस्तक लोकार्पण में कवियों, साहित्यकारों के साथ ही प्रशानिक अधिकारियों एवं वैज्ञानिकों के साथ ही साहित्यिक गतिविधियों एवं हिंदी का प्रचार-प्रसार करने वाली सात साहित्यिक संस्थाओं के संस्थापकों को ‘रामधारी सिंह दिनकर साहित्य सारथी सम्मान’ प्राप्त कर चुके कवियों की उपस्थिति प्रशंसनीय रही। लब्ध प्रतिष्ठ साहित्यकार प्रदीप भट्ट ,नीमराना के वरिष्ठ साहित्यकार धर्मपाल ‘धर्म’ ,कर्नाटक के हिंदी साहित्य परिषद् के अध्यक्ष, सफल साहित्यकार एवं अनुवादक डॉ. रंजीत कुमार, पूर्व सैन्यअधिकारी एवं साहित्यसेवी प्रवीण शंकर त्रिपाठी ,भारत सरकार रक्षा मंत्रालय के अपर निदेशक डॉ. राजेश कुमार त्रिपाठी जी की उपस्थिति में कवियों ने हिंदी काव्य की विविध विधाओं में मधुर काव्य पाठ किया। संचालन देवांशी जांगिड ने किया।डॉ.संतोष कुमारी ‘संप्रीति’ ने सभी के आभार माना। राष्ट्रगान के साथ यह कार्यक्रम संपन्न हुआ।