धर्म संस्कृति : संकल्प से बनती है सृष्टि, खुशी निर्भर करती है हमारी सोच पर
⚫ ब्रह्माकुमारी शिवानी दीदी ने कहा
⚫ आनंद के लिए राजयोग ध्यान की भूमिका महत्वपूर्ण
⚫ ब्रह्माकुमारी द्वारा आयोजित एवं चेतन्य काश्यप फाउंडेशन द्वारा प्रायोजित हैप्पीनेस अनलिमिटेड, “असीम आनंद की ओर” विषय पर हुआ आध्यात्मिक कार्यक्रम
हरमुद्दा
रतलाम, 3 जनवरी। खुशी सिर्फ हमारी सोच पर निर्भर है, उसे हम खरीद नहीं सकते, चीजों से केवल आराम आता है ख़ुशी नहीं। अच्छी सोच, अच्छे संस्कार, अच्छे कर्म से ही खुशी आती है। संकल्प के शब्दों की भाषा से हम अपने आसपास की दुनिया बदल सकते हैं। संकल्प से सृष्टि बनती है यदि इसे बदलना शुरू कर दें तो हम आत्मनिर्भर बन जाएंगे।
यह बात हैप्पीनेस अनलिमिटेड, “असीम आनंद की ओर” विषय पर अंतरराष्ट्रीय प्रेरक वक्ता ब्रह्माकुमारी शिवानी दीदी ने अंबेडकर ग्राउंड में ब्रह्माकुमारीज़ द्वारा आयोजित विशाल आध्यात्मिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही।दीदी ने कहा हम ऐसे समय में चल रहे हैं जहां कब क्या होना है कुछ पता नहीं है, जो पता है उसकी तैयारी होना चाहिए। हम अपने साथ सही कर रहे हैं या गलत यह हमारे कंट्रोल में है।
हमारे साथ चल रहे संस्कार और कर्म
हर घर की ऊर्जा अलग होती है। घर की ऊर्जा हमारे मन की स्थिति बनाती है। घर मैला हो सकता है लेकिन वातावरण में सुकून होना चाहिए। हमें अपने घर की ऊर्जा को ऐसे बनाना है कि कोई भी आए तो उसे सुकून मिले, जैसे मंदिर जाने वाले के मन में भावना, विचार अच्छे होते है तो सभी बातें अच्छी होती है।
संस्कारों को वापस लाने की जरूरत
आज हमें अपने संस्कारों को वापस लाना है। घर का वातावरण घर में रहने वालों के संस्कार पर निर्भर है।परिस्थितियाँ अलग-अलग हो सकती हैं बस हमें अच्छा सोचना है। हमारे संस्कारों को हमें वापस लाना है, उनके आते ही भारत विश्व गुरु बन जाएगा। कोई कैसा भी करें हमें बस सही सोचना है। सही बोलना है और सही करना है। जो कुछ भी हो रहा है, उसके लिए हमें किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराना है।
दोनों अलग होते हैं प्यार और मोह
प्यार और मोह दोनों अलग होते हैं। मोह से आत्मा की शक्ति कम होती है और गुण से शक्ति बढ़ती है। हम अपने घर में बच्चों को पढ़ाई के लिए वातावरण देते हैं लेकिन शक्ति नहीं देते, उसे हमें शक्ति देनी चाहिए। घर को इतना शक्तिशाली बनाएं कि हर परेशानी का हल भी निकल जाए। हमें नीचे गिरने वाले को उठाना है स्वयं नीचे नहीं जाना है। परिवार को शक्ति स्तंभ बनाना है। संकल्प से सृष्टि बनती है। क्या होगा, कैसे होगा बोलकर हम किसी भी चीज पर प्रश्न चिह्न लगा देते हैं, जिससे परेशानी बढ़ जाती है।
हमें बचाना है गलत करने वालों से
भविष्य की चिंता नहीं करना है। अपनी समस्या किसी को बताना नहीं चाहिए, बताएं तो सिर्फ उसे जिसे उपचार करना है बाकी सब को अच्छा ही बोलना है। किसी और के व्यवहार से आपके मन की स्थिति बनती है। यदि कोई आपके साथ गलत करता है तो उसके साथ आपको गलत करना है या उसे सुधारना है यह आपकी चॉइस है। गलत करने वाले हमेशा नीचे होते हैं। कोरोना में जैसे किसी को खांसी आती थी तो हम अपने आप को बचाते थे, ठीक वैसे ही हमें गलत करने वाले से बचाना है। क्रोध, निंदा, ईर्ष्या आदि के वायरस से हमें अपने को बचाना है। यदि कोई भी बात हो तो आप उसे स्वीकार करें और सोचे व कहें कि यह मेरे कल्याण के लिए आई है। ऐसा बोलते ही मन बड़ा हो जाता है और हम ऊपर उठ जाते हैं। जिससे अच्छा ही अच्छा होता है।
बीमारी मन में होती है हमारे शरीर में नहीं
संकल्प के शब्दों की भाषा से अपने आसपास की दुनिया बदलने लगती है। संकल्प से ही सृष्टि बनती है। यदि इसे बदलना शुरू कर दिया तो हम सब कुछ बदलने की शक्ति रखते हैं। डॉक्टर बीमारी शरीर से निकल सकता है लेकिन मन से हमें निकलना होता है बीमारी शरीर में नहीं हमारे मन में होती है यदि वह निकल गई तो हम कभी बीमार नहीं होंगे।
प्रभु स्मृति एवं दीप प्रज्वलन से शुरुआत
कार्यक्रम की शुरुआत प्रभु स्मृति एवं दीप प्रज्वलन से हुई। दीप प्रज्वलन में ब्रह्माकुमारी शिवानी दीदी, ब्रह्माकुमारीज़ के इंदौर जोन की क्षेत्रीय प्रभारी ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी, भिलाई से पधारी ब्रह्माकुमारी आशा दीदी, महापौर, जिलाधीश भास्कर लक्षकार, कैबिनेट मंत्री चेतन्य काश्यप के सुपुत्र सिंगर व उद्योगपति सिद्धार्थ काश्यप, मंडल रेल प्रबंधक रजनीश कुमार, उद्योगपति गुस्ताद अंकलेसरिया, दिव्या पाटीदार, ब्रह्माकुमारी अनिता दीदी, रतलाम सेवा केंद्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी सविता दीदी शामिल हुए। सुप्रसिद्ध गायक भ्राता युगरतन ने गीत गाकर सभी को ख़ुशी से भाव विभोर कर दिया।
सात दिवसीय शिविर 4 जनवरी से
स्वयं की शक्ति बढ़ाने के लिए शिवानी दीदी ने बतलाया कि गुरुवार, 4 जनवरी से रिलायंस पेट्रोल पंप के पास स्थित लायंस हॉल में बिलासपुर छत्तीसगढ़ की ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी के सान्निध्य में निशुल्क सात दिवसीय शिविर का आयोजन किया गया है। शिविर दो सत्रों में रहेगा। सुबह 7:30 से 9 और शाम 7 से 8:30 बजे तक जिसमें किसी भी एक सत्र में भाग लेकर लाभ लिया जा सकता है। शिविर का विषय है “बढ़ते कदम खुशी की ओर”।
आनंद के सागर है परमात्मा
इंदौर की क्षेत्रीय निदेशिका हेमलता दीदी ने आशीर्वचन देते हुए आनंद की प्राप्ति का आधार आनंद के सागर परमात्मा हैं उनके साथ कनेक्शन जोड़ने से ही परम आनंद की अनुभूति होती है।
अंदर के गुणों को जगाना जरूरी
महापौर ने कहा कि यह रतलाम के लिए बड़ा ही शुभ दिन है और सौभाग्य की बात है कि शिवानी दीदी का कुछ क्षण के लिए ही साथ नसीब हुआ है। चेतन्य काश्यप फाउंडेशन के द्वारा यह कार्यक्रम प्रायोजित किया गया है। आध्यात्म का विषय है, जीवन में आनंद की अनुभूति किस तरह से हो यह हर किसी की जरूरत है। सुख प्राप्ति के लिए हम कई प्रयास करते है। आनंद के सागर ईश्वर है, उनकी अनुभूति के लिए हमे अपने अंदर के गुणों को जगाना बहुत जरूरी है, उसे कैसे जगाना है, यह हमें ब्रह्माकुमारीज़ से जानने को मिलेगा।
कई समस्याओं का निराकरण
विश्व प्रसिद्ध संगीतकार सिद्धार्थ काश्यप ने कहा कि शिवानी दीदी का रतलाम आगमन यहां के लिए सौभाग्य की बात है। मेरा मानना है कि दीदी के यहां होने से यहां पांडाल में उपस्थित हम सभी के जीवन में सफलता की शुरुआत आज से होगी। हैप्पीनेस अनलिमिटेड, असीम आनंद की ओर, असीम यानी सीमा से आगे जाकर हम अपने जीवन को कैसे सुखमय बनाए और अधिक सफल बनाए वह दीदी साधारण भाषा में समझा देती है, जिससे कई समस्याओं का निराकरण हो जाता है। ब्रह्माकुमारी अनिता दीदी ने अपने शब्द सुमनों से सभी अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम का मंच संचालन बिलासपुर की ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी ने किया।