राष्ट्रीय विज्ञान दिवस : विकसित भारत के लिए स्वदेशी तकनीक” विषय पर हुआ ऑनलाइन वेबिनार
⚫ रमन प्रभाव, स्वदेशी ज्ञान का राष्ट्र के विकास में योगदान पर रखे विचार
⚫ विज्ञान में रुचि रखने वाले 100 से अधिक को भेजे गए लिंक
⚫ वेबिनार में जुड़े मात्र 30 से 35
⚫जिम्मेदारों की विज्ञान के प्रति अरुचि, चिंता की बात
हरमुद्दा
रतलाम, 28 फरवरी। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2024 के अवसर पर इंडियन एसोसिएशन बुधवार को फिजिक्स आर सी-09 और रतलाम एसोसिएशन ऑफ फिजिक्स के द्वारा “विकसित भारत के लिए स्वदेशी तकनीक” विषय पर ऑनलाइन वेबिनार का आयोजन किया गया। चिंता की बात यह रही की वेबिनार में मात्र 30- 35 लोग ही जुड़ पाए।
एसोसिएशन के संरक्षक डॉ. एस के जोशी और अध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौर ने बताया कि रमन प्रभाव की खोज के उपलक्ष्य में प्रतिवर्ष 28 फरवरी को विज्ञान दिवस हमारे देश मे मनाया जाता है। इसी कड़ी में रतलाम में फिजिक्स के क्षेत्र में नियमित गतिविधियों के अंतर्गत वेबिनार रखा गया।
स्वदेशी ज्ञान का राष्ट्र के विकास में योगदान
वेबिनार में कईं भौतिकविद शासकीय कला एवं विज्ञान महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य डॉ एस के जोशी,सेवा निवृत्त प्राचार्य श्यामवन्त पुरोहित, जिला विज्ञान अधिकारी जितेंद्र जोशी, गजेंद्र सिंह राठौर ने रमन प्रभाव, स्वदेशी ज्ञान का राष्ट्र के विकास में योगदान पर विचार रखें। श्यामवन्त पुरोहित ने वर्तमान समय मे रमन प्रभाव की बढ़ती प्रासंगिकता पर प्रस्तुतिकरण भी किया तथा चर्चा-सत्र किया।
भविष्य के विज्ञान की दी जानकारी
इस दौरान रमन प्रकीर्णन के साथ प्रत्यास्थ प्रकीर्णन, अप्रत्यास्थ प्रकीर्णन के अंतर के साथ भविष्य के विज्ञान की जानकारी दी गई। इस अवसर पर एसोसिएशन द्वारा शीघ्र ही स्वदेशी ज्ञान आधारित आयोजन की रूपरेखा तय की गई। जितेंद्र जोशी ने गगन यान स्वदेशी, 2047 तक विकसित भारत,आईएनएस विक्रांत से लेकर वेक्सिनेशन में आत्मनिर्भर होने के साथ-साथ दुनिया की मानवता की मदद,सायबर चेलेंज,ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता पर विचार रखें। वेबिनार में भौतिक शास्त्र से जुड़े दिलीप पाटीदार,सैयद शराफत, अली सहित भौतिकी के शिक्षकों ने सक्रिय भागीदारी की।
जिम्मेदारों की विज्ञान के प्रति अरुचि चिंता की बात
विज्ञान से जुड़े लोगों ने ही विज्ञान के प्रति अरुचि दिखाई। 100 से अधिक लोगों को लिंक भेजी गई थी। मगर चिंता की बात यह रही कि 30-35 लोग ही जुड़े जबकि वे विज्ञान से सरोकार रखते हैं। वेबिनार का होस्ट संचालन गजेंद्र सिंह राठौर ने तथा आभार सहायक जिला विज्ञान अधिकारी स्वतंत्र क्षोत्रिय ने माना।