वेब पोर्टल हरमुद्दा डॉट कॉम में समाचार भेजने के लिए हमें harmudda@gmail.com पर ईमेल करे मुद्दे की बात : "एक देश, एक चुनाव" के मुद्दे पर उच्च स्तरीय समिति ने राष्ट्रपति को सौपीं रिपोर्ट -

मुद्दे की बात : “एक देश, एक चुनाव” के मुद्दे पर उच्च स्तरीय समिति ने राष्ट्रपति को सौपीं रिपोर्ट

18,626 पन्नों की है रिपोर्ट

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में हुई थी उच्च स्तरीय समिति गठित

संविधान में करना होगा इसके लिए संशोधन

हरमुद्दा
नई दिल्ली, 14 मार्च। देश में एक साथ चुनाव कराने के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय समिति ने “एक देश, एक चुनाव” पर अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंप दी है। 18,626 पन्नों की इस रिपोर्ट पर अब राष्ट्रपति फैसला करेंगी। इसके लिए संविधान में संशोधन करना होगा।

माना जा रहा है कि समिति ने 2029 से देश में एक साथ चुनाव कराने के लिए संविधान के अंतिम पांच अनुच्छेदों में संशोधन की सिफारिश की गई है। मध्य प्रदेश, राजस्थान और छ्त्तीसगढ़ में छह महीने विलंब से, तो कहीं जल्दी चुनाव कराने की बात कही गई है।

सौंपा था सिफारिश करने का काम

गत सितंबर में गठित समिति को मौजूदा संवैधानिक ढांचे को ध्यान में रखते हुए लोकसभा, राज्य विधानसभा, पालिकाओं और पंचायतों में एक साथ चुनाव कराने की जांच करने और सिफारिश करने का काम सौंपा गया था।

समिति में यह सब है शामिल

पूर्व राष्ट्रपति राम कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति में गृह मंत्री अमित शाह, राज्यसभा में विपक्ष के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद, वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एनके सिंह, लोकसभा के पूर्व महासचिव सुभाष कश्यप और वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे शामिल हैं। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी को भी समिति का सदस्य बनाया गया था, लेकिन उन्होंने इन्कार कर दिया। कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल समिति के विशेष आमंत्रित सदस्य हैं।

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