अंतिम सफर : हाल में तालियां बजती रही और उनकी सांसें खत्म होती रही
⚫ योग की कक्षा में फौजी दे रहे थे प्रस्तुति
⚫ उनके हाथों में था तिरंगा
⚫ देश भक्ति गीत बज रहा था मां तुझे सलाम
⚫ नेत्रदान सहित हुए उनके अंगदान
हरमुद्दा
इंदौर, 31 मई। नाम : बलविंदर सिंह छाबड़ा। उम्र : 73 स्थान : अग्रसेन धाम कुटी कोठी, इंदौर। समय : सुबह 6 बजे का। आयोजन : योग क्रांति अभियान संस्था द्वारा निशुल्क योग शिविर।
सेवानिवृत्त फौजी बलविंदर सिंह छाबड़ा स्टेज पर मौजूद थे। उनके सामने सैकड़ो बच्चे बैठे हुए थे जो कि योग की जीवन में महत्व को सीख रहे थे। जोश, जुनून और उत्साह के साथ श्री छाबड़ा “मां तुझे सलाम” गीत पर हाथों में तिरंगा लिए हुए प्रस्तुति दे रहे थे। संगीतमयी माहौल में मौजूद सभी में देशभक्ति का जज्बा था। इसी दौरान श्री छाबड़ा लड़खड़ाते हुए स्टेज पर आसमान देखते हुए लेट गए। हाथों का तिरंगा संस्था के सदस्य ने थामा। देशभक्ति गीत बज रहा था। तिरंगा लहरा रहा था। बच्चे तालियां बजा रहे थे। उनकी सांस उखड़ रही थी, मगर किसी को पता नहीं था और उनकी सांस कम हो रही थी। मौजूद सभी जन यह सब प्रदर्शन का ही हिस्सा मान रहे थे। जब गीत खत्म हुआ लेकिन श्री छाबड़ा में कोई हलचल नहीं हुई, तब संस्था के सदस्य उनके पास गए । देखा तो लगा कि कुछ गड़बड़ है। तत्काल सीपीआर भी दिया गया। उठ के बैठे भी, पूछा मुझे क्या हो गया। हॉस्पिटल ले गए। ईसीजी हुआ मगर उनकी सांसे थम चुकी थी। सेहत की सीख देते हुए श्री छाबड़ा अंतिम सफर की और निकल गए।
परिजनों ने किए छाबड़ा के अंग दान
जानकारी के अनुसार छाबड़ा के स्वजनों ने उनकी आंखों के साथ अन्य अंग दान कर दिए। तत्पश्चात उनका अंतिम संस्कार किया गया । आयोजकों के अनुसार इस शिविर का आयोजन युवाओं को योग से जोड़ने के लिए किया गया है। अलसुबह करीब एक घंटे यह शिविर आयोजित किया जाता है।