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सेहत सरोकार : चिंता, तनाव,भय और गुस्सा के कारण हर व्यक्ति मानसिक रूप से अस्वस्थ

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कुशल हेल्थ ट्रेनर एवं चिकित्सक डॉ. दिलीप नलगे ने कहा

तीन दिवसीय संपूर्ण स्वास्थ्य शिविर “कर लो स्वास्थ्य मुट्ठी” का शुभारंभ

हरमुद्दा
रतलाम, 1 जून। आज हर व्यक्ति मानसिक रूप से अस्वस्थ हो गया है जिसका मुख्य कारण चिंता, गुस्सा, डर, भावुक व नाजुक स्वभाव एवं उदासी है। इन सब के कारण ही मनुष्य का स्वास्थ्य बिगड़ते जा रहा है और बड़ी-बड़ी बीमारियां जैसे शुगर, ब्लड प्रेशर, हार्ट डिजीज आदि बीमारियां बढ़ती जा रही है।

यह बात सुप्रसिद्ध कुशल व अनुभवी हेल्थ ट्रेनर डॉक्टर दिलीप नलगे ने कही। श्री नलगे प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के डोंगरे नगर स्थित दिव्य दर्शन भवन सेवा केंद्र पर आयोजित तीन दिवसीय संपूर्ण स्वास्थ्य शिविर “कर लो स्वास्थ्य मुट्ठी में” के कार्यक्रम में मौजूद थे।

दीप प्रज्वलन सभी कार्यक्रम की शुरुआत

कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ. हरिश्चंद्र खंडेलवाल, डॉ. प्रदीप कोठारी, मुंबई से पधारे सुप्रसिद्ध कुशल हेल्थ ट्रेनर एवं चिकित्सक डॉ. दिलीप नलगे, इंदौर से पधारे ब्रह्माकुमारी अनीता दीदी, सेवा केंद्र संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी, ब्रह्माकुमारी गीता दीदी एवं राजेंद्र पोरवाल द्वारा दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।

आध्यात्मिक स्वास्थ्य की ओर ध्यान देने की विशेष जरूरत

डॉ. दिलीप नलगे

डॉ. नलगे जी ने चार प्रकार के स्वास्थ्य के बारे में प्रकाश डाला। सामाजिक स्वास्थ्य अर्थात आज संबंधों में मधुरता समाप्त होकर कड़वाहट आती जा रही है जिसका मुख्य कारण है गुस्सा और अहंकार। अतः हमें संबंधों में मधुरता बनाए रखने के लिए दो बातों का विशेष ध्यान रखना है एक तो सॉरी बोलना तथा दूसरा थैंक यू बोलना।
साथ ही आपने बताया कि आध्यात्मिक स्वास्थ्य जड़ के समान है, मानसिक स्वास्थ्य तना है, सामाजिक स्वास्थ्य शाखाएं हैं तथा शारीरिक स्वास्थ्य फल है अगर हमें अच्छा फल प्राप्त करना है तो आध्यात्मिक स्वास्थ्य की ओर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।

जरूरत है आहार व्यवहार विचार पर ध्यान देने की

डॉ. खंडेलवाल

अगर हम अपने आहार, व्यवहार एवं विचार पर ध्यान देते हैं तो सभी बीमारियों से हम मुक्त हो सकते हैं क्योंकि परमात्मा भी हमारे वाइब्रेशन ही कैच करता है। हम जो सोचते हैं हमारे विचारों का प्रभाव शरीर पर पड़ता है 80% बीमारी का कारण हमारे विचार होते हैं। अतः हमें सकारात्मक विचार करने की अर्थात अच्छा सोचने की आदत डालनी चाहिए। तथा आराम पसंद ना बनकर एक्सरसाइज जरूर करनी चाहिए।

डॉ. हरीश चंद्र खंडेलवाल

बेहतर स्वास्थ्य नहीं तो संपत्ति के सुख का आनंद नहीं

बीके अनीता दीदी

इंसान के पास करोड़ों की धन संपत्ति हो लेकिन स्वास्थ्य अच्छा नहीं होगा तो किसी भी प्रकार के सुख का आनंद नहीं उठा सकता। इंसान के जीवन के सबसे बड़ी पूंजी ही स्वास्थ्य है। आज के इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में मनुष्य के जीवन में बड़ी-बड़ी चुनौतियां हैं। चिंता-फिक्र आदि ऐसी कई नई-नई बातें होती है जिसके कारण छोटे-बड़े हर व्यक्ति चिंता और तनाव से ग्रस्त हैं और इसी का परिणाम है कि कुछ ना कुछ बीमारियां होती जा रही है। मनुष्य इस बीमारी को ठीक करने में धन, एनर्जी, समय सब कुछ लगाता है और भगवान का दिया हुआ अमूल्य जीवन ऐसे ही गवा देता है क्योंकि आज सभी बीमारियों की जड़ चिंता और तनाव ही है। अतः राजयोग द्वारा हम संपूर्ण स्वास्थ्य की प्राप्ति कर सकते हैं।

ब्रह्माकुमारी अनीता दीदी, इंदौर

स्वास्थ्य के प्रति रहे जागरूक

अपने स्वास्थ्य के लिए हमेशा जागरूक रहना चाहिए। आज मनुष्य धन दौलत कमाने में इतना उलझ गया है कि स्वास्थ्य की तरफ ध्यान ही नहीं देता है। अगर मनुष्य को यह ज्ञान हो जाए कि स्वास्थ्य अच्छा होगा तो धन दौलत पुनः प्राप्त कर सकते हैं लेकिन अगर स्वास्थ्य ही बिगड़ गया तो धन दौलत से भी कुछ नहीं कर सकते। अतः ब्रह्माकुमारी द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम अत्यंत ही सराहनीय है एवं सभी के लिए बहुत ही लाभदायक सिद्ध होगा।

डॉ. प्रदीप कोठारी

3 जून तक चलेगा शिविर

सेवा केंद्र संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी द्वारा सभी अतिथियों का स्वागत एवं आभार व्यक्त किया गया।
यह शिविर 3 जून तक प्रतिदिन सुबह 7:00 से 8:30 एवं संध्या 7 से 8:30 तक होगा।

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