धर्म संस्कृति : रविवार को सात स्वरों से संयम की सरगम और संयम का रंग चौबीसी के संग
⚫ मुमुक्षु संयम पालरेचा दीक्षा महोत्सव में विविध विशिष्ट अनुष्ठान और आराधना होंगे
⚫ चार दिवसीय प्रवचनमाला ‘चार चाबी खुशियों की’ का हुआ समापन
हरमुद्दा
रतलाम, 8 जून। मुमुक्षु संयम पालरेचा का 12 जून को आयोजित दीक्षा महोत्सव अंतर्गत रविवार विशिष्ट अनुष्ठान और आराधना के नाम रहेगा। जीवदया से विरति पथ अनुमोदनार्थ दीक्षार्थी बहुमान-वधामणा, 54 जोड़ों द्वारा पहली बार संगीतमय श्री शांति स्नात्र महापूजन, सात स्वरों से बहती संयम की सरगम एवं संयम का रंग चौबीसी के संग सहित अन्य कार्यक्रम श्री करमचंद उपाश्रय, हनुमान रूंडी के पीछे रखे गए है।
12 दिनी महोत्सव के तहत चार दिवसीय प्रवचनमाला ‘चार चाबी खुशियों की’ का श्री करमचंद उपाश्रय में आचार्य श्री बंधु बेलड़ी शिष्यरत्न गणि श्री पदम-आनंदचन्द्रसागर जी म.सा. की निश्रा में समापन हुआ। रविवार से अब चार दिनी मुख्य महोत्सव की शुरुआत होने जा रही है। जिनकी शुरुआत मुमुक्षु संयम भाई बकराशाला एवं गौशाला में जीवदया के साथ करेंगे। यहां उनका बहुमान एवं वधामणा भी रखा गया है।
आचार्यश्री से रतलाम पधारने की विनती
आयोजक नगीनकुमार प्रवीणकुमार पालरेचा परिवार ने बताया कि श्री करमचंद उपाश्रय पर रविवार सुबह 9 बजे 54 जोड़ो द्वारा संगीतमय श्री शांति स्नात्र महापूजन किया जाएगा। इसके लिए शनिवार को विधिकारक रमेश भाई पाटन वाले ने पाटला पूजन की विधि करवाई । रविवार दोपहर 3 बजे से सात स्वरों से बहती संयम की सरगम की अद्भुत प्रस्तुति रतलाम में संचालित समस्त पाठशाला विद्यार्थियों द्वारा दी जाएगी। रात्रि 8 बजे संयम का रंग चौबीसी के संग का आयोजन होगा।
पिछले दिनों मुमुक्षु ने अपने परिवार के साथ गुजरात के अयोध्यापुरम तीर्थ में बंधु बेलड़ी आचार्य श्री जिन-हेमचन्द्रसागर सूरीश्वर जी म.सा. के दर्शन वंदन कर आशीर्वाद लिया। उन्होंने आचार्य श्री से दीक्षा महोत्सव में रतलाम पधारने की विनती भी की।
समयकत्व पराक्रम ही सत्य है
संयम दीक्षा महोत्सव के 8 वें और व्याख्यान के अंतिम चौथे दिन पूज्य गणिश्री ने कहा कि शक्ति का सदुपयोग करने वाला व्यक्ति ही ऊर्जा पुरुष कहा जाता है। मनुष्य जीवन का वास्तविक पराक्रम यही है कि हम परम सत्य की ओर चले। मुमुक्षु संयम भाई ने इस सत्य को युवा अवस्था में ही समझकर संयम पथ पर चलने का पराक्रम कर दिखाया है जो सभी के लिए प्रेरक है। समयकत्व पराक्रम ही व्यक्ति सद्गति की ओर ले जाता है। पापी सोए तो अच्छा पवित्र व्यक्ति जागे तो अच्छा होता है। मिथ्या पराक्रम जो व्यक्ति को दुर्गति की ओर ले जाता है।
माता पिता सौपेंगे बुढ़ापे की लाठी
उन्होंने कहा कि संयम अपने पिता प्रवीण और माता कविता पालरेचा के इकलौते पुत्र है लेकिन बावजूद इसके उन्होंने अपनी वृद्धावस्था की चिंता किये बगैर पुत्र को जिनशासन की सेवा में समर्पित करने का साहसिक निर्णय लिया है । उनके इस त्याग की जितनी अनुमोदना की जाये कम है । इतिहास साक्षी है कि जिन भी माता पिता ने यह साहस दिखाया है उनके भविष्य की चिंता स्वयं परमात्मा करते है और उनका त्याग और तपोमय यशस्वी जीवन प्रेरक बन जाता है।
150 वां जन्मदिन रतलाम में भी मनेगा
आपने बताया की मालवा के परम उपकारी आगमोद्धारक पूज्य गुरुदेव आचार्य श्री आनंदसागर सूरिजी महाराज ने अपना समस्त जीवन आगम को समर्पित कर दिया था । उन्होंने सात-सात आगम वाचना दी। रतलाम की पुण्य पावन धरा पर भी उन्होंने एक आगम वाचना दी। आपने दो बड़े आगम मंदिर पालीताना एवं सूरत में बनवाए। इस वर्ष उनका 150 वां जन्मदिन 4 अगस्त 2024 रविवार को रतलाम सहित देश भर में मनाया जाएगा। इसी तरह इंदौर की मिश्रीबाई ने दीक्षा ली। वे पू साध्वी श्री मनोहर श्रीजी म.सा. बनी। उनके बाद 300 दीक्षाएं हुई । उनका भी 50वां स्मृति वर्ष मनाया जाएगा। अपनी जिंदगी को किसी महान उद्देश्य के लिए समर्पित करना चाहिए छोटे-छोटे शत्रु को हराकर सम्राट नहीं बना जा सकता बड़े लक्ष्य को पाने के लिए बड़ा बलिदान करना पड़ता है।