एशिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर हिमाचल में

हिमाचल में भूत भावन भगवान शिव के बहुत सारे मंदिर हैं और सबका अपना-अपना महत्व है। वहीं हिमाचल के सोलन में जटोली शिव मंदिर है। यह एशिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर मैन जाता है। दक्षिण-द्रविड़ शैली में बने इस मंदिर को बनने में करीब 39 साल लगे। जटोली शिव मंदिर सोलन से करीब सात किलोमीटर दूर है।

पौराणिक मान्यता
माना जाता है कि पौराणिक समय में भोलेनाथ यहां आकर कुछ समय के लिए रुके थे। बाद में एक सिद्ध बाबा स्वामी कृष्णानंद परमहंस ने यहां आकर तपस्या की। उनके मार्गदर्शन और दिशा-निर्देश पर ही जटोली शिव मंदिर का निर्माण शुरू हुआ। मंदिर के कोने में स्वामी कृष्णानंद की गुफा भी है। यहां पर शिवलिंग स्थापित किया गया है। मंदिर परिसर में दाईं अोर भगवान शिव की प्रतिमा स्थापित है। इसके 200 मीटर की दूरी पर शिवलिंग है। मंदिर का गुंबद 111 फीट ऊंचा है। इसी कारण ये एशिया का सबसे ऊंचा मंदिर है।

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मान्यता यह भी है
मान्यता के अनुसार भगवान शिव ने यहां एक रात के लिए विश्राम किया था। कहा जाता है कि यहां के लोगों को पानी की समस्या से जुझना पड़ा था। जिस देखते हुए स्वामी कृष्णानंद परमहंस जी ने भगवान शिव की घोर तपस्या की अौर त्रिशूल के प्रहार से जमीन में से पानी निकाला। तब से लेकर आज तक जटोली में पानी की समस्या नहीं है।

चमत्कारी पानी से बीमारी होती दूर
लोग इस पानी को चमत्कारी मानते हैं। इनका मानना है कि इस जल में किसी भी बीमारी को ठीक करने के गुण हैं। यहां हर रविवार को भंडारा लगता है।

मंदिर जाने का यह करें जतन
सोलन से राजगढ़ रोड़ होते हुए जटोली मंदिर जाया जा सकता है। सड़क से 100 सीढ़ियां चढ़कर भोलेनाथ के दर्शन होते हैं। यहां बस, टैक्सी अौर अॉटो जाते हैं।

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