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सामाजिक सरोकार : शहरी स्वच्छता बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए एसबीएम-यू 2.0 के तहत करोड़ों की मंजूरी

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राज्य के सभी शहरों में अपशिष्ट पर संस्करण संयंत्र होंगे स्थापित

आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय का निर्णय

कचरे से निकलेगी उपयोगी सामग्री

हरमुद्दा
दिल्ली, 27 जून। केंद्र ने स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम) के दूसरे चरण के तहत पश्चिम बंगाल के लिए करोड़ों के प्रस्तावों को मंजूरी दी है। एसबीएम-यू (2014-19) के पहले चरण के दौरान पश्चिम बंगाल को कुल ₹ 911.34 करोड़ का फंड आवंटित किया गया था, जिसे एसबीएम-यू 2.0 (2021-26) में 1.5 गुना बढ़ाकर ₹ 1449.30 करोड़ कर दिया गया है।

मंत्रालय अपशिष्ट प्रबंधन और स्वच्छता में महत्वपूर्ण प्रगति हासिल करने के लिए पश्चिम बंगाल राज्य के साथ मिलकर काम कर रहा है।  पश्चिम बंगाल में 118 पुराने अपशिष्ट डंप स्थल हैं, जिनमें से केवल 5% कचरे का ही उपचार किया गया है। 1987 से कोलकाता का मुख्य नगर पालिका डंपिंग ग्राउंड, धापा लैंडफिल, बायो-माइनिंग और बायोरेमेडिएशन से गुजर रहा है, जो कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) द्वारा पुराने अपशिष्ट को साफ करने के लिए चुने गए तरीके हैं, जो कचरे से उपयोगी सामग्री निकालने की अनुमति देता है।

4500 सामग्री पुनर्प्राप्ति सुविधाएं शामिल

पश्चिम बंगाल के शहरों में प्रतिदिन लगभग 4,046 टन नगरपालिका ठोस अपशिष्ट उत्पन्न होता है। एसबीएम-यू 2.0 के तहत, राज्य ने इस विशाल मात्रा के अपशिष्ट के प्रबंधन के लिए परियोजनाओं का प्रस्ताव दिया है जिसमें 4800 से अधिक खाद संयंत्र और 4500 सामग्री पुनर्प्राप्ति सुविधाएं (एमआरएफ) शामिल हैं।

डंपसाइटों के सुधार के लिए ₹ 217 करोड़ के प्रस्ताव मंजूर

पर्यावरण की दृष्टि से सुरक्षित तरीके से ठोस अपशिष्ट के निपटान की सुविधा के लिए, राज्य द्वारा 2216 सुरक्षित लैंडफिल सुविधाएं (एसएलएफ) प्रस्तावित की गई हैं  एसबीएम-यू 2.0 के तहत 100 से अधिक यूएलबी में पुराने कचरा डंपसाइटों के सुधार के लिए ₹ 217 करोड़ के प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है।

2026 तक सभी शहरों में संयंत्र लगाने का लक्ष्य

स्वच्छता और अपशिष्ट प्रबंधन के प्रबंधन के लिए धन का निर्बाध प्रवाह बनाए रखने के लिए, भारत सरकार ने राज्य द्वारा प्रस्तावित परियोजनाओं को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए ₹ 209 करोड़ की अतिरिक्त किश्त जारी की है। स्वच्छ भारत मिशन-शहरी के तहत 2026 तक राज्य के सभी शहरों में अपशिष्ट प्रसंस्करण संयंत्र लगाने का लक्ष्य है।

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