मुद्दे की बात : देश भर के कर्मचारियों के हित के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम पर निर्णय लेने के पहले सोमवार को होगी कमेटी से चर्चा
⚫ देश के वित्त मंत्रालय ने बुलाई है बैठक
⚫ 15 जुलाई को नॉर्थ ब्लॉक में होगी बैठक
⚫ वित्त मंत्रालय द्वारा गठित समिति की बैठक के सदस्य रहेंगे मौजूद
⚫ बजट सत्र के दौरान आ सकती है रिपोर्ट
⚫ पिछले सप्ताह ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से हुई थी इस मुद्दे पर मुलाकात
हरमुद्दा
दिल्ली, 14 जुलाई। ओपीएस पर केंद्र सरकार कोई अंतिम निर्णय ले, इससे पहले कर्मचारियों के साथ बैठक की जाएगी। यह बैठक 15 जुलाई को नॉर्थ ब्लॉक में होगी। इस बैठक में वित्त मंत्रालय द्वारा गठित की गई कमेटी के सदस्य मौजूद रहेंगे। कर्मचारियों की तरफ से स्टाफ साइड (नेशनल काउंसिल, जेसीएम) के सचिव शिवगोपाल मिश्रा एवं दूसरे कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधि, बैठक में शामिल होंगे। कर्मचारी संगठनों के नेताओं के मुताबिक, ओपीएस पर यह अहम बैठक है। पिछले सप्ताह इस मुद्दे पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से चर्चा हुई थी उन्होंने आश्वस्त किया था कि शीघ्र ही ठोस निर्णय लिया जाएगा।
देश में पुरानी पेंशन को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। ऐसा माना जा रहा है कि ओपीएस को लेकर वित्त मंत्रालय द्वारा गठित की गई कमेटी की रिपोर्ट बजट सत्र के दौरान आ सकती है। सूत्रों का कहना है कि कमेटी की रिपोर्ट में ओपीएस जैसी कई बातें शामिल हो सकती हैं। केंद्र सरकार के विभिन्न कर्मचारी संगठन, कमेटी की बातों से सहमत हैं या नहीं, इसे लेकर सरकार उनसे बातचीत करेगी।
मार्च 23 में हुई थी कमेटी गठित
मार्च 2023 में केंद्र सरकार ने वित्त सचिव टीवी सोमनाथन की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की थी। इस कमेटी के गठन का मकसद, गैर-अंशदायी और वित्तीय रूप से अस्थिर पुरानी पेंशन प्रणाली पर वापस लौटे बिना, एनपीएस लाभों को बेहतर बनाने के तरीके खोजना था। इस कमेटी में कार्मिक, लोक शिकायत व पेंशन मंत्रालय के सचिव, व्यय विभाग के विशेष सचिव और पेंशन फंड नियमन व विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के अध्यक्ष को बतौर सदस्य, शामिल किया गया था। कमेटी से कहा गया था कि वह नई पेंशन स्कीम ‘एनपीएस’ के मौजूदा फ्रेमवर्क और ढांचे के संदर्भ में बदलावों की सिफारिश करे। किस तरह से नई पेंशन स्कीम के तहत ‘पेंशन लाभ’ को और ज्यादा आकर्षक बनाया जाए, इस बाबत सुझाव दें। कमेटी, इस बात का ख्याल रखे कि उसके सुझावों का आम जनता के हितों व बजटीय अनुशासन पर कोई विपरीत असर न हो। के सी. श्रीकुमार और ऑल इंडिया अकाउंट्स एंड ऑडिट एसोसिएशन के तपन बोस का नाम भेजा गया था। बैठक के बाद शिव गोपाल मिश्रा द्वारा स्ट्राइक की कॉल वापस लेने का पत्र जारी किया गया।
दिया गया था सरकार को कुछ समय और
शिव गोपाल मिश्रा ने अपने पत्र में लिखा, भारत सरकार, मौजूदा पेंशन सिस्टम के रिव्यू पर काम कर रही है। अभी वह काम पूरा नहीं हो सका है। सरकार के प्रतिनिधियों ने उस काम को पूरा करने के लिए कुछ और समय मांगा है। ऐसे में सरकार को कुछ समय दे दिया गया। ओपीएस को लेकर किसी अंतिम निर्णय पर पहुंचने के लिए केंद्र सरकार को जो समय दिया गया है और इसके चलते एक मई से प्रस्तावित अनिश्चितकालीन हड़ताल, वापस लेने की बात हुई है, उसके मद्देनजर ज्वाइंट फोरम फॉर रेस्टोरेशन ऑफ ओल्ड पेंशन स्कीम (जेएफआरओपीएस)/ नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन (एनजेसीए) के सभी धड़ों से परामर्श किया गया है। इनके सदस्यों के साथ या तो फोन पर बातचीत हुई है या उनके साथ फेस टू फेस बैठक आयोजित की गई।
नहीं हुई मांग पूरी तो दंडात्मक कार्रवाई के लिए भी तैयार
मिश्रा के मुताबिक, मेरा दृढ़ विश्वास है कि आने वाले 2-3 महीनों में आसमान नहीं टूट पड़ेगा। यदि पुरानी पेंशन की बहाली की हमारी मांग पूरी नहीं हुई, तो हम किसी भी क्षण कोई भी दंडात्मक कार्रवाई करने के लिए तैयार हैं। ऐसे में ओपीएस व अनिश्चितकालीन हड़ताल को लेकर सरकार के साथ हुई जेएफआरओपीएस/एनजेसीए के प्रतिनिधियों की बात पर सवाल उठाना ठीक नहीं है। हालांकि मिश्रा ने जेएफआरओपीएस/एनजेसीए के साथियों से अपील की थी कि सरकार, कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित रखने में फेल होती है, तो वे किसी भी एक्शन के लिए तैयार रहें।
रक्षा मंत्री ने किया जोरदार पैरवी का वादा
पिछले सप्ताह ही इप्सेफ के 20 राज्यों के पदाधिकारियों ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी उनके आवास पर भेंट कर यह मांग की कि देशभर के कर्मचारियों की मांगों पर सार्थक निर्णय कराएं। संगठन के अनुसार रक्षा मंत्री ने इन मांगों पर मंत्रिपरिषद की बैठक में वे जोरदार पैरवी करने का वादा किया है।
पुरानी पेंशन की मांग को लेकर सरकारी कर्मचारियों ने सरकार पर दबाव बनाना जारी रखा है। केंद्र सरकार के बजट पेश करने के पूर्व रविवार को पूर्व कर्मचारियों ने केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मिलकर पुरानी पेंशन दोबारा लागू करने की मांग की। इंडियन पब्लिक सर्विस एम्प्लॉयज फेडरेशन (इप्सेफ) ने राजधानी दिल्ली में एक बैठक कर पुरानी पेंशन पर नई रणनीति बनाने पर विचार किया। इसकी अगली बड़ी बैठक नवंबर में होगी जिसमें ओपीएस को लेकर विस्तृत रणनीति बनाने पर विचार किया जाएगा।