धर्म संस्कृति : स्वामीनारायण अक्षरधाम के वरिष्ठ संत विवेकसागर जी के सान्निध्य में होगा 30 जुलाई को संत समागम
⚫ 86 वर्षीय अंतरराष्ट्रीय सन्त रतलाम आएंगे 30 जुलाई को
⚫ गुजराती स्कूल के नवीन कक्षों का सुबह करेंगे लोकार्पण
⚫ 55 देश में कर चुके हैं धर्म का प्रचार प्रसार
हरमुद्दा
रतलाम, 29 जुलाई। विश्व प्रसिद्ध संस्था बी.ए.पी.एस. स्वामीनारायण संस्था के वरिष्ठ अंतरराष्ट्रीय संत स्वामी विवेकसागर जी 30 जुलाई को एक दिवसीय प्रवास पर रतलाम आएंगे। इस अवसर पर विभिन्न धार्मिक आयोजनों के साथ न्यू रोड स्थित गुजराती समाज उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में नवनिर्मित कक्षों के लोकार्पण करेंगे। शाम को अजंता पैलेस में “संत समागम” में व्याख्यान देंगे।
आयोजन समिति के हेमंत देसाई, राजेश पटेल, हरीश ठक्कर, राजेश जैन, चेतन पटेल ने जानकारी देते हुए बताया कि स्वामी विवेकसागर जी 30 जुलाई मंगलवार को प्रातः सड़क मार्ग से रतलाम पहुँचेंगे । प्रातः 10 बजे न्यू रोड स्थित गुजराती समाज उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में नवनिर्मित हॉल एवं कक्षों का लोकार्पण करेंगे तथा स्कूल के विद्यार्थियों को आशीर्वचन देंगे ।
धर्मावलम्बियों व समाज के श्रेष्ठीजनों से करेंगे मुलाक़ात
स्वामीजी की स्थिरता दोपहर 12 से 2 तथा शाम 4 से 6 बजे तक रामबाग स्थित राजेश पटेल के निवास पर रहेगी जहां वह धर्मावलम्बियों व समाज के श्रेष्ठीजनों से मुलाक़ात करेंगे। रात 8 से 9 बजे तक होटल अजंता पैलेस के हाल में आयोजित पवित्र चतुर्मास ज्ञानयज्ञ संत समागम में अपने प्रवचनों में श्रीमद् भागवत् के महत्वपूर्ण संदेशों की विद्वतापूर्ण, मनोरंजक एवं गहन व्याख्या करेंगे।
मुंबई से टेक्सटाइल्स इंजीनियरिंग करने के बाद योगी जी से ली दीक्षा
आयोजन समिति के सदस्यों ने बताया कि स्वामी विवेकसागर जी महाराज ने 62 वर्ष पूर्व मुंबई से टैक्सटाइल्स इंजीनियर की शिक्षा ग्रहण करने के बाद ही संत योगीजी महाराज से दीक्षा ग्रहण की थी। दीक्षा ग्रहण करने के पश्चात् उन्होंने देवभाषा संस्कृत में भारतीय सनातन शास्त्रों जैसे उपनिषद, श्रीमद् भागवत्, रामायण, महाभारत जैसे आदि शास्त्रों का गहन अध्ययन किया ।
सोमनाथ संस्कृत यूनिवर्सिटी ने दी डिलीट की उपाधि
1973 में पी एच डी किया। तीन वर्ष पूर्व उन्हें सोमनाथ संस्कृत यूनिवर्सिटी ने डी-लीट की उपाधि प्रदान की है । स्वामी विवेकसागर जी ने 30 से भी अधिक धार्मिक पुस्तकें लिखी है। 86 वर्ष की उम्र में भी देश विदेश में निरन्तर धर्म का प्रसार कर रहे है उन्होंने अभी तक 55 देशों की यात्रा कर विभिन्न धार्मिक ग्रंथों पर व्याख्यान दिए है। आयोजन समिति ने शहर की धर्मप्रेमी जनता से आह्वान किया है कि 30 जुलाई को आयोजित संत समागम कार्यक्रम में उपस्थित होकर धर्मलाभ लें।