त्योहार सरोकार : राखी का पर्व सही मायने में विश्वास व समर्पण की भावना का त्यौहार
1 min read⚫ सेवा केंद्र संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने
⚫ प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के स्थित सेवा केंद्र दिव्य दर्शन भवन में मना रक्षाबंधन
⚫ शहर के गणमान्य लोगों तथा अधिकारियों के निवास पर जाकर बंदे रक्षा सूत्र
हरमुद्दा
रतलाम, 20 अगस्त। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय रतलाम के डोंगरे नगर स्थित सेवा केंद्र दिव्य दर्शन भवन में रक्षाबंधन का पर्व बड़े ही धूमधाम से और अलौकिक रीति से मनाया गया। शहर के गणमान्य लोगों तथा अधिकारियों के घर जाकर रक्षा सूत्र बांधे गए।
सेवा केंद्र संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने रक्षाबंधन का आध्यात्मिक रहस्य स्पष्ट करते हुए कहा कि रक्षाबंधन परमात्मा से जुड़ कर परमात्म स्नेह, सुरक्षा व ईश्वरीय वरदान प्राप्त करने का आधार है। चंदन आत्मा के स्मृति का प्रतीक है। रक्षा सूत्र परमात्मा सानिध्य का प्रतीक और मिठाई मधुर वाणी का प्रतीक है। राखी का पर्व सही मायने में विश्वास व समर्पण की भावना का त्यौहार है। बंधन दो प्रकार के होते हैं- एक ईश्वरीय और दूसरा सांसारिक अर्थात् कर्मों के बंधन। ईश्वरीय बंधन से मनुष्य को सुख मिलता है परंतु दूसरी प्रकार के बंधन से दु:ख की प्राप्ति होती है। रक्षा बंधन ईश्वरीय बंधन, आध्यात्मिक बंधन अथवा धार्मिक बंधन है।
इन सभी के घर जाकर बांधे रक्षा सूत्र
तत्पश्चात ब्रह्माकुमारी बहनों द्वारा प्रभारी मंत्री, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री चैतन्य काश्यप, जिलाधीश राजेश बाथम, जिला न्यायाधीश उमेश पांडव, पुलिस अधीक्षक राहुल लोढ़ा, बीजेपी अध्यक्ष महापौर, डीआरएम रजनीश कुमार, उद्योगपति राजेश पटेल, गुरु तेग बहादुर स्कूल के ट्रस्टी गुरुनाम सिंह, समाजसेवी पद्मश्री डॉ. लीला जोशी, शहर काजी अहमद अली, गुरुद्वारे के ज्ञानी मानसिंह जी, अखंड आश्रम के श्री श्री 108 स्वरूपानंद जी, कैथोलिक चर्च के फादर अनिल, कांग्रेस नेता व युवाम के संचालक पारस दादा आदि को उनके निवास पर जाकर रक्षासूत्र बांधे ।